इन 5 चीज़ों के सेवन से याद्दाश्त होती है कमजोर, आज ही बना लें इनसे दूरी

 memory loss

हम जो भी कुछ खाते-पीते हैं उसका असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। कई बार हम जाने-अनजाने में कई ऐसी चीज़ों का सेवन करते हैं जिससे हमारी याद्दाश्त पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

ज्यादातर लोगों की याददाश्त उम्र पर निर्भर होती है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है वैसे ही व्यक्ति के याद रखने की क्षमता कमजोर होती जाती है। हम जो भी कुछ खाते-पीते हैं उसका असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। कई बार हम जाने-अनजाने में कई ऐसी चीज़ों का सेवन करते हैं जिससे हमारी याद्दाश्त पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि किन चीज़ों के सेवन से याद्दाश्त कमजोर होती है -  

तली-भुनी चीज़ें 

अगर आप समोसे और पकौड़े खाने के शौक़ीन हैं तो आपकी इस आदत के कारण आपकी याद्दाश्त पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। ज़्यादा तली भुनी चीज़ें खान से नर्व सेल्स को नुकसान पहुँचता है और दिमाग की क्षमता भी कम होने लगती है।

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जंक फूड

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, जंक फूड खाने से याद्दाश्त कमजोर हो जाती है। दरअसल, फास्ट फ़ूड में स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पदार्थ से डोपामाइन हार्मोन के उत्पादन में कमी आने लगती है। इसका हमारी एकाग्रता धीरे-धीरे हम होने लगती है और याद्दाश्त कमजोर हो जाती है। फास्ट फूड के सेवन से आप भूलने की बीमारी का शिकार हो सकते हैं।  

शराब

यह तो आप जानते ही होंगे कि शराब का सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। शराब और नशीले पदार्थों के सेवन से ना केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर होता है। शराब और अन्य नशीले पदार्थों के सेवन से हमारे दिमाग का संतुलन बुरी तरह प्रभावित होता है। इससे धारे-धीरे याद्दाश्त कमजोर होने लगती है और आप भूलने की बीमारी के शिकार हो सकते हैं।

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मीठा

अगर आप मीठा खाने के शौक़ीन हैं तो थोड़ा संभल जाइए। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक अधि‍क मीठा खाने से दिमाग सुस्त पड़ जाता है और सुचारु रूप से काम नहीं कर पाता है। इससे धीरे-धीरे याद्दाश्त कमजोर होने लगती है और आप चीज़ें भूलने लगते हैं।  

ट्रांस फैट

ट्रांस फैट खाने से मोटापा और दिल की बीमारियों का जोखिम बढ़ता है। इसके साथ ही यह दिमाग की कोशि‍काओं को क्षति पहुंचता है। ट्रांस फैट की अधिक मात्रा से अल्‍जाइमर्स का जोखिम बढ़ता है और दिमाग की तार्किेक क्षमता कमजोर होती है।

- प्रिया मिश्रा

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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