Varaha Jayanti 2024: 06 सितंबर को मनाया जा रहा वराह जयंती का पर्व, इस विधि से करें पूजा
हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को वराह जयंती का पर्व मनाया जाता है। हिंदू धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व होता है। बता दें कि इस बार 06 सितंबर 2024 को वराह जयंती का पर्व मनाया जा रहा है।
हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को वराह जयंती का पर्व मनाया जाता है। हिंदू धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व होता है। बता दें कि इस बार 06 सितंबर 2024 को वराह जयंती का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। वराह जयंती के मौके पर जातक व्रत कर भगवान विष्णु के वराह अवतार की पूजा-अर्चना करते हैं।
यह हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान श्रीहरि के वराह अवतार को समर्पित है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इसी दिन भगवान विष्णु ने वराह रूप लेकर पृथ्वी को समुद्र से बाहर निकाला था। यह जगत के पालनहार श्रीहरि का तीसरा अवतार है।
वराह जयंती तिथि
हिंदू पंचांग के मुताबिक भाद्रपद मास की तृतीया तिथि 05 सितम्बर को दोपहर 12:21 मिनट से शुरू हुई है। वहीं आज यानी की 06 सितंबर को दोपहर 03:01 मिनट पर इस तिथि की समाप्ति होगी। उदयातिथि के हिसाब से 06 सितंबर 2024 को वराह जयंती मनाई जा रही है।
पूजन विधि
इस दिन सुबह जल्दी स्नान आदि कर स्वच्छ वस्त्र पहनें और घर के मंदिर में भगवान वराह की मूर्ति या फिर चित्र स्थापित करें। इसके बाद भगवान को गंगाजल से स्नान कराएं औऱ फिर पंचामृत से स्नान कराएं। अब भगवान वराह को नए वस्त्र, फूल, फल, मिठाई और अन्न का भोग लगाएं। फिर वराह भगवान की विधि-विधान से पूजा कर आरती आदि करें। वराह जयंती के मौके पर हिरण्याक्ष वध की कथा पढ़ना या शुभ माना जाता है।
बता दें कि दिन भर व्रत करने के बाद शाम को फिर पूजा-अर्चना करें और व्रत का पारण करें। पूजा के बाद गरीबों, जरूरतमंदों और ब्राह्मणों को दान करें। वहीं भगवान वराह से सुख-शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना करें।
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