जन्माष्टमी पूजा में करें इन चीजों को शामिल, होगी मनोकामना पूरी
श्रीकृष्ण के भक्त इस त्योहार का बहुत इंतजार करते हैं। जन्माष्टमी भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनायी जाती है। इस दिन पूरे देश के मंदिरों में यह पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। जन्माष्टमी के दिन तुलसी पूजा का खास महत्व होता है।
जन्माष्टमी हिंदूओं का बड़ा त्योहार है, इस दिन भक्त व्रत रखते हैं और श्री कृष्ण की पूजा कर उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। तो आइए हम आपको उन चीजों के बारे में बताते हैं जो कृष्ण भगवान को बहुत प्रिय हैं।
श्रीकृष्ण के भक्त इस त्योहार का बहुत इंतजार करते हैं। जन्माष्टमी भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनायी जाती है। इस दिन पूरे देश के मंदिरों में यह पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। पंडितों की मान्यता है कि जन्माष्टमी के दिन जो भक्त अपने घर में विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं उनकी मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं।
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जन्माष्टमी की पूजा में करें इन चीजों को शामिल
पूजा में इन चीजों को सम्मिलित करना होगा फलदायी।
तुलसी पूजा का है खास महत्व
जन्माष्टमी के दिन तुलसी पूजा का खास महत्व होता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन सायं काल में तुलसी आराधना के साथ घी का दीपक जलाना लाभदायी होता है। लेकिन अगर आपके घर में तुलसी का पौधा नहीं है, तो किसी मंदिर में जाकर जलाएं। कभी भी किसी दूसरे के घर की तुलसी की पूजा न करें।
पान को शामिल करना होता है शुभ
जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण की पूजा में पान का विशेष महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि पूजा में पान का पत्ता शामिल करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा होती है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, पूजा में एक पान के पत्ते पर ‘ऊं वासुदेवाय नमः’ लिखकर श्रीकृष्ण को अर्पित कर दें। ऐसा करने से पूजा फलदायी होती है।
माखन के बिना अधूरी है जन्माष्टमी की पूजा
नंद के लाल गोपाल को माखन बहुत पसंद है। इसलिए पूजा में ध्यान रख कर माखन को जरूर शामिल करें। बाल रूप श्रीकृष्ण को माखन पसंद होने के कारण वह बचपन में गोपियों से चुराकर खाते थें। इसलिए नंदलाल की पूजा में भोग स्वरूप माखन-मिसरी को अवश्य शामिल करें।
मोर पंख भी है जरूरी
भगवान श्री कृष्ण अपने माथे पर हमेशा मोरपंख धारण करते हैं। मोरपंख न केवल उनके माथे की शोभा बढ़ाता है बल्कि उनके श्रृंगार का भी हिस्सा है। इसलिए जन्माष्टमी की पूजा में भगवान कृष्ण को मोरपंख जरूर अर्पित करें।
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पूजा में परिजात के फूलों का भी है खास महत्व
भगवान श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी को परिजात के पुष्प बेहद प्रिय हैं और कृष्ण जी विष्णु जी का अवतार हैं, इसलिए जन्माष्टमी के दिन पूजा में परिजात के फूल अवश्य शामिल करें।
बांसुरी बिन अधूरी रह जाएगी आराधना
भगवान कृष्ण को बांसुरी बेहद प्रिय है। उनकी बांसुरी का धुन को सुन कर गोपियां मतवाली होकर अपने सभी काम छोड़कर कृष्ण के पास खिचीं चली आती थीं। श्रीकृष्ण जी की फोटो भी बांसुरी के बिना अधूरी होती है। जन्माष्टमी के दिन कृष्ण जी को चांदी का बांसुरी अर्पित करें। साथ ही जन्माष्टमी की पूजा के बाद इस बांसुरी को अपने पर्स या पैसे रखने की जगह पर रख दें।
राखी के जरिए मांगे रक्षा का वचन
रक्षाबंधन का पर्व बहुत खास होता है। रक्षाबंधन के दिन से लेकर अष्टमी तक राखी बांधी जा सकती हैं इसलिए जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण और उनके बड़े भाई बलराम जी को राखी बांधे। इससे भगवना कृष्ण की आप पर विशेष कृपा होगी।
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शंख में दूध से करें अभिषेक
जन्माष्टमी पर कृष्ण जी के बाल रूप की पूजा में में दूध लेकर भगवान श्रीकृष्ण के बालस्वरूप का अभिषेक करें। आपकी मनोकामना पूरी होगी।
बछ़ड़े की प्रतिमा दूर करती है परेशानियां
कृष्ण जी को प्यार से ग्वाला भी कहा जाता है। अपने बालरूप में भगवान श्रीकृष्ण ने गाय और बछड़े के साथ लीलाएं भी की थीं। इसलिए जन्माष्टमी के दिन घर में गाय तथा बछड़े की छोटी सी प्रतिमा लाएं। इससे आर्थिक समस्याएं तथा संतान से सम्बन्धित कष्ट दूर हो जाते हैं।
- प्रज्ञा पाण्डेय
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