Somvati Amavasya 2024: 02 सितंबर को मनाई जा रही सोमवती अमावस्या, जानिए पूजन विधि और मुहूर्त
हिंदू पंचांग के मुताबिक इस बार 02 सितंबर 2024 को भाद्रपद अमावस्या पड़ रही है। वहीं इस दिन सोमवार होने से यह सोमवती अमावस्या है। सोमवती अमावस्या को भादो अमावस्या या भादी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।
हर महीने की अमावस्या तिथि को विशेष माना जाता है। अमावस्या के दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए पूजा-पाठ किया जाता है। जिससे व्यक्ति को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, अमावस्या तिथि पर पितरों को प्रसन्न करने और आशीर्वाद पाने के लिए स्नान-दान करना शुभ होता है। बता दें कि साल में 12 अमावस्याएं मनाई जाती हैं। वहीं भाद्रपद महीने की अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है। इस दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान करने से पुण्यफल प्राप्त होते हैं।
हिंदू पंचांग के मुताबिक इस बार 02 सितंबर 2024 को भाद्रपद अमावस्या पड़ रही है। वहीं इस दिन सोमवार होने से यह सोमवती अमावस्या है। सोमवती अमावस्या को भादो अमावस्या या भादी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है। तो आइए जानते हैं मुहूर्त और पूजन विधि के बारे में...
मुहूर्त
भाद्रपद माह की अमावस्या तिथि की शुरूआत- 02 सितंबर 2024, सुबह 05:21 मिनट पर
भाद्रपद माह की अमावस्या तिथि समाप्त- 03 सितंबर 2024, सुबह 07:24 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04:38 - सुबह 05:24
पूजा मुहूर्त - सुबह 06:09 - सुबह 07:44
पूजन विधि
इस दिन सुबह जल्दी स्नान आदि कर सूर्य देव को जल अर्पित करें। फिर कर्मकांड के साथ पितरों का तर्पण करें और इसके बाद कच्चे दूध में दही और शहद मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें। अब चौमुखी घी का दीपक जलाकर शिव चालीसा का पाठ कर आरती करें। सोमवती अमावस्या के दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए उपवास करना शुभ होता है। वहीं श्रद्धानुसार दान-पुण्य करें।
जरूर करें ये तीन काम
सोमवती अमावस्या के दिन दोपहर के समय पितरों का धूप-दान करना चाहिए। इससे परिवार को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
इस दिन सुबह पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करना चाहिए और शाम को पेड़ के नीचे दीपक जलाएं। इससे घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
सोमवती अमावस्या के दिन गरीबों व जरूरतमंदों को अन्न का दान करना शुभ माना जाता है।
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