Hartalika Teej 2024 । इस दिन रखा जाएगा हरतालिका तीज का व्रत, सोलह पत्तियों का क्या है महत्व?

Hartalika Teej 2024
ANI
एकता । Aug 30 2024 1:10PM

हिन्दू पंचांग के अनुसार, हरतालिका तीज का व्रत भादो महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर रखा जाता है। इस साल भादो महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 5 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी और 6 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 1 मिनट पर खत्म होगी। ऐसे में व्रत 6 सितंबर को रखा जाएगा।

हिंदू धर्म में कई तीज मनाई जाती हैं, जिनमें से एक हरतालिका तीज भी है। हरतालिका तीज सुहागन स्त्रियों के लिए काफी मायने रखती है। इस दिन व्रत रखने से सुहागन स्त्रियों को अखंड सौभाग्य प्राप्त होता है और शादीशुदा जीवन में खुशहाली आती है। कुंवारी लड़कियां भी अच्छा वर पाने के लिए ये व्रत रखती हैं। इस व्रत को निराहार और निर्जला किया जाता है। पंडितों का मनाना है कि इस व्रत को सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए किया था।

5 या 6 कब रखा जाएगा हरतालिका तीज का व्रत?

हिन्दू पंचांग के अनुसार, हरतालिका तीज का व्रत भादो महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर रखा जाता है। इस साल भादो महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 5 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी और 6 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 1 मिनट पर खत्म होगी। ऐसे में हरतालिका तीज का व्रत 6 सितंबर को रखा जाएगा। इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाएगी।

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हरतालिका तीज व्रत में ऐसे करें पूजा 

हरतालिका तीज की पूजा सुबह न कर सूर्यास्त के बाद प्रदोषकाल में की जाती है। साथ ही शिव शंकर, पार्वती और गणेश जी की हाथों से बालू रेत और काली मिट्टी की प्रतिमा बनायी जाती है। पूजा की जगह को फूलों से सजाकर एक चौकी रखकर उस पर केले के पत्ते बिछाएं और शंकर, पार्वती तथा भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा करें। इस पूजा में पार्वती जी को सुहाग की सभी वस्तुएं अर्पित की जाती है। तीज की कथा सुनें और रात्रि जागरण करें फिर आरती के बाद सुबह माता पार्वती को सिंदूर चढ़ाएं और हलवे का भोग लगाकर व्रत खोलें।

हरतालिका तीज व्रत व्रत से जुड़े नियम

हरतालिका तीज व्रत अखंड सुहाग का प्रतीक होता है। इस व्रत को निर्जला रहा जाता है और व्रत के दूसरे दिन जल ग्रहण किया जाता है। व्रत के सुबह पूजा के बाद जल पीकर व्रत खोला जाता है। इस व्रत की खास बात यह है कि एक बार इस व्रत को प्रारम्भ करने के बाद छोड़ा नहीं जाता है। साथ ही दिन में व्रत रखकर रात में जागरण कर भजन-कीर्तन करना चाहिए।

हरतालिका तीज व्रत पर सोलह पत्तियों का क्या है महत्व

हरतालिका तीज व्रत के प्रभाव से महिलाओं को पति की दीर्धायु, परिवार के सुख-शांति और सुयोग्य वर प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन पूजा में 16 प्रकार की इच्छपूर्ती पत्तियां महादेव-मां पार्वती को जरूर चढ़ाना चाहिए। इससे गौरीशंकर जल्दी प्रसन्न होते हैं।हरतालिका तीज की पूजा में बेलपत्र, तुलसी, जातीपत्र, सेवंतिका, बांस, देवदार पत्र, चंपा, कनेर, अगस्त्य, भृंगराज, धतूरा, आम पत्ते, अशोक पत्ते, पान पत्ते, केले के पत्ते, शमी के पत्ते भोलेनाथ और पार्वती को विशेषतौर पर चढ़ाना चाहिए।

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