नेशनल पेंशन स्कीम के नए नियमों के तहत ग्राहक को कब मिलेंगे रिटायरमेंट में ज्यादा पैसे? इसे ऐसे समझिए
नेशनल पेंशन स्कीम के नए नियम के तहत अब कोई भी निवेशक अपने एनपीएस खाते में और भी ज्यादा योगदान कर सकते हैं, जिससे उनकी पेंशन राशि और भी अधिक बढ़ सकती है। वहीं, इससे कर लाभ भी प्राप्त होता है।
क्या आपको पता है कि पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) ने युवाओं को नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु एक नया फंड 'न्यू बैलेंस्ड लाइफ साइकिल फंड' पेश करने की योजना पेश की है, जो निवेशकों को रिटायरमेंट तक राशि जमा करने में मदद करेगा। खास तौर पर यह योजना उन युवाओं के लिए मददगार साबित होगी, जो अपने करियर की शुरुआत कर रहे हैं।
इस नए नियम के तहत युवा निवेशकों को शुरुआती वर्षों में अधिक इक्विटी में निवेश करने और रिटायरमेंट के करीब आने पर अधिक डेट में निवेश करने का लाभ मिलेगा। ऐसा इसलिए कि युवा निवेशक, जिनकी जोखिम लेने की क्षमता अधिक होती है, जब उच्च रिटर्न वाले इक्विटी बाजारों का लाभ उठा सकते हैं, तो फिर जैसे-जैसे वे रिटायरमेंट के करीब आते जाते हैं, वे अपनी पूंजी को सुरक्षित रखने के लिए अधिक डेट में निवेश करते हैं। इसी के दृष्टिगत उपर्युक्त बदलाव किए गए हैं।
गौरतलब है कि गत 1 अप्रैल, 2024 से पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) ने नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) के लिए एक नई सुरक्षा परत लागू की है, जिसमें दो कारक आधार आधारित प्रमाणीकरण शामिल है। पहला, कोई भी सदस्य अपनी धनराशि का 25 फीसदी तक कभी भी निकाल सकते हैं। दूसरा, यदि कोई अभिदाता जो 18 से 60 वर्ष की आयु के बीच एनपीएस में शामिल हुआ था, उसकी मृत्यु हो जाती है और उसकी धनराशि 5 लाख रुपये के बराबर या उससे कम है, तो उसका भुगतान उसके आश्रित को कर दिया जाएगा। वहीं, 5.00 लाख रुपये से अधिक की राशि वाले व्यक्तियों के लिए सम्पूर्ण धनराशि उनके नामांकित व्यक्तियों या कानूनी उत्तराधिकारियों को एकमुश्त भुगतान कर दी जाती है।
इसे भी पढ़ें: ITR फाइल करना क्यों जरूरी: गलत फाइलिंग पर देना पड़ सकता है जुर्माना, जानें रिटर्न फाइल करने से जुड़ी जरूरी बात
इसलिए यदि आपने भी नेशनल पेंशन स्कीम में इन्वेस्ट किया है और अपनी गाढ़ी कमाई के पैसों को लेकर दुविधा में हैं, तो परेशान मत होइये। क्योंकि अब नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) के तहत रिटायरमेंट के दौरान ज्यादा पैसे पाने के लिए कुछ नए नियम और रणनीतियां तय की गई हैं, जिनका अनुपालन करके अपने निवेश को सुरक्षित किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि नेशनल पेंशन स्कीम के नए नियम के तहत अब कोई भी निवेशक अपने एनपीएस खाते में और भी ज्यादा योगदान कर सकते हैं, जिससे उनकी पेंशन राशि और भी अधिक बढ़ सकती है। वहीं, इससे कर लाभ भी प्राप्त होता है। मसलन, न्यू बैलेंस्ड लाइफ साइकिल फंड के तहत जब कोई व्यक्ति की अपनी उम्र के मुताबिक अपने निवेश पोर्टफोलियो को संतुलित करता है, तो युवा निवेशकों के लिए अधिक जोखिम वाले एसेट्स (जैसे इक्विटी) में अधिक निवेश किया जाएगा, जिससे लंबी अवधि में उन्हें बेहतर रिटर्न प्राप्त हो सके। वहीं, उसकी उम्र बढ़ने के साथ, उसके जोखिम वाले एसेट्स का अनुपात कम किया जाएगा और सुरक्षित एसेट्स (जैसे गवर्नमेंट बॉन्ड, कॉरपोरेट बॉन्ड) का अनुपात बढ़ाया जाएगा।
कहने का तातपर्य यह कि इस फंड में जोखिम प्रबंधन की व्यवस्था होगी, जिससे उम्र के साथ निवेश के जोखिम को धीरे-धीरे कम किया जा सके। वहीं, निवेश पोर्टफोलियो को नियमित रूप से पुनर्संतुलित किया जाएगा, जिससे मार्केट में होने वाले उतार-चढ़ाव का प्रभाव भी कम किया जा सके। एक तरह से यह फंड निवेश को वर्गों में विभाजित करेगा, जिससे निवेशकों को विविधीकरण का भी लाभ मिलेगा। इससे निवेश के जोखिम को कम किया जा सकेगा और रिटर्न को स्थिर रखा जा सकेगा। बताया जाता है कि इस फंड में निवेश करने से युवाओं को चक्रवृद्धि ब्याज (कंपाउंडिंग) का अधिकतम लाभ मिलेगा। जिससे निवेशकों को लंबी अवधि में एक अच्छा-खासा फंड बनाने में मदद करेगा, जिससे रिटायरमेंट के समय उन्हें वित्तीय सुरक्षा मिल सके।
नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) में निवेश के कुछ खास फायदे भी हैं, जो इस प्रकार हैं- पहला, उम्र बढ़ने के साथ साथ जोखिम कम होते हुए सुरक्षित एसेट्स में निवेश किया जाएगा, जिससे रिटायरमेंट के समय ज्यादा सुरक्षा मिल सके। दूसरा, एनपीएस में निवेश करने से धारा 80सीसीडी (1बी) के तहत अतिरिक्त कर छूट प्राप्त हो सकती है, जिससे टैक्स बचत होगी। तीसरा, नियमित निवेश से एक वित्तीय अनुशासन का विकास होता है, जिससे लंबी अवधि में अधिक धनराशि जमा की जा सकती है।
नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) योजना के कुछ खास बिंदु हैं, जिन पर गौर करना सबके लिए फायदेमंद साबित होगा।
पहला, 45 वर्ष की आयु तक इक्विटी में अधिक निवेश अनुमानित 75 फीसदी होती है। इसके बाद, धीरे-धीरे इक्विटी घटेगी और डेट में बढ़ोतरी होगी। दूसरा,
रिटायरमेंट तक अधिक धन जमा करने की क्षमता, जिससे बचत की प्रवृत्ति पैदा होती है। तीसरा, निवेशकों को उम्र के साथ अपने पोर्टफोलियो को फिर से संतुलित करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इसके तहत रिटायरमेंट के लिए बचत करने का एक सरल और सुविधाजनक तरीका विकसित किया जा चुका है।
बता दें कि यह फंड स्कीम उनके लिए है, जो रिटायरमेंट के लिए जल्दी बचत शुरू करना चाहते हैं और हाई रिटर्न की क्षमता का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा, जो इक्विटी बाजार के उतार-चढ़ाव को सहन कर सकते हैं। वे लोग भी, जो एक सरल और ऑटोमेटिक निवेश समाधान चाहते हैं।
- कमलेश पांडेय
वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार
अन्य न्यूज़