विकलांगता पेंशन योजना क्या है और क्या हैं इसके फायदे?

Disability Pension Scheme
जे. पी. शुक्ला । Mar 12 2022 4:08PM

राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (National Social Assistance Programme -NSAP), जो 15 अगस्त, 1995 से लागू हुआ था, संविधान के अनुच्छेद 41 में निदेशक सिद्धांतों की पूर्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करता है।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांगता पेंशन योजना क्या है?

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांगता पेंशन योजना फरवरी 2009 को ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा केंद्र सरकार की अध्यक्षता में हमारे देश में विकलांग लोगों की सहायता के लिए शुरू की गई थी। राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के तहत शुरू की गई यह योजना विकलांग लोगों को उनके जीवन की समृद्धि के लिए मासिक पेंशन प्रदान करती है। 

राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (National Social Assistance Programme -NSAP), जो 15 अगस्त, 1995 से लागू हुआ था, संविधान के अनुच्छेद 41 में निदेशक सिद्धांतों की पूर्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करता है। NSAP में वर्तमान में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (IGNOAPS), इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना (IGNWPS), इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांगता पेंशन योजना (IGNDPS) और राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना (NFBS) शामिल हैं।

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कोई भी विकलांग व्यक्ति जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक है और 40% विकलांगता के साथ गरीबी रेखा से संबंधित है, इस योजना के लिए आवेदन कर सकता है। 79 वर्ष की आयु तक के लोगों के लिए 300 रुपये और 79 साल से ऊपर के लोगों के लिए 500 रुपये की राशि का पेंशन के रूप में  भुगतान किया जाता है। गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) रहने वाले विकलांग लोग यह मासिक पेंशन पाने के पात्र हो सकते हैं।

योजना के लाभ

नामांकित लोग निम्नलिखित लाभ उठा सकते हैं:

- लोगों को केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जाएगी।

- सरकार द्वारा प्रदान की गई धनराशि से लोग अपनी विकलांगता के बावजूद अपने दम पर जीवन यापन कर सकते हैं।

- 300 रुपये की राशि का भुगतान उन लोगों को दिया जाता है जिनकी आयु 18-79 वर्ष के बीच होती है, जबकि 500 रुपये की राशि 79 वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए प्रदान की जाती है।

योजना के लिए पात्रता

विकलांग व्यक्ति के लिए लाभ प्राप्त करने के लिए पात्रता मानदंड इस प्रकार हैं:

- आवेदक की आयु 18-79 वर्ष के बीच होनी चाहिए।

- आवेदक भारत का निवासी होना चाहिए।

- आवेदक शारीरिक या मानसिक रूप से विकलांग व्यक्ति होना चाहिए।

- आवेदक की विकलांगता 40% से अधिक होनी चाहिए।

- बौने भी इस योजना के पात्र हैं।

- आवेदक गरीबी रेखा से नीचे का होना चाहिए।

आवेदन कैसे करें?

आवेदन पत्र प्राप्त करने के लिए आवेदक को स्थानीय सरकारी निकायों जैसे ग्राम पंचायत, नगर पालिकाओं के ऑफिस जाना होगा। फॉर्म को विधिवत रूप से भरने के बाद उसे उसी कार्यालय में जमा करना होगा। आवेदन पत्र निःशुल्क प्राप्त किया जाता है। 

इसके लिए प्रक्रिया इस प्रकार होती है:

- निर्धारित आवेदन प्रारूप में पेंशन के लिए आवेदन संबंधित ग्राम पंचायत/नगर पालिका/निगम सचिव के पास जमा करें।

- आवेदन जमा करने के 45 दिनों के भीतर पूछताछ की जानी चाहिए।

- लाभार्थी सूची के सन्दर्भ में कोई भी अपील 30 दिनों के भीतर संबंधित जिला कलेक्टर को प्रस्तुत की जानी चाहिए और सरकार अपील के खिलाफ सही निर्णय ले सकती है।

- स्वीकृत होने के बाद पेंशनभोगी अगले महीने के पहले सप्ताह से निधि की उपलब्धता के आधार पर पेंशन पाने का पात्र हो जायेगा।

- अंत में सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित पेंशन राशि लाभार्थी पात्र को भेजी जाएगी।

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आवश्यक दस्तावेज़

इस योजना के लिए आवेदन करने के लिए आवेदक के पास निम्नलिखित दस्तावेज होने चाहिए:

- आधार कार्ड

- विकलांगता प्रमाण पत्र  

- आवेदक का निवास प्रमाण पत्र 

- आयु प्रमाण पत्र 

- 2 फोटोग्राफ्स 

- गरीबी रेखा के नीचे वाला राशन कार्ड

- मोबाइल नंबर

- बैंक पास बुक

- बीपीएल कार्ड

उपरोक्त सभी दस्तावेज ग्रामीण क्षेत्र की ग्राम पंचायत/ जनपद पंचायत एवं शहरी क्षेत्र की नगर पालिका/नगर परिषद में पात्रता अनुसार जमा किया जा सकता है।

- जे. पी. शुक्ला

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