बैंक खाता खोलने से पहले यह जान लीजिए कि किन-किन सेवाओं पर सर्विस चार्ज वसूलते हैं बैंक
नकद निकासी और जमा राशि के आधार पर भी मामूली शुल्क लगाया जा सकता है। कैश डिलीवरी जैसे होम बैंकिंग सर्विसेज के लिए आपको शुल्क देना होता है। यदि आप कर्ज के लिए आवेदन करते हैं, तो प्रक्रिया और दस्तावेज शुल्क लिया जाएगा।
बैंक की तरफ से ग्राहकों को कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं, लेकिन इसमें से कतिपय सुविधाएं फ्री में होती हैं, तो कई सर्विसेज के लिए बैंक अपने ग्राहकों से कुछ न कुछ चार्ज अवश्य लेता है। आमतौर पर बैंक अपने मौजूदा ग्राहकों को फ्री एटीएम कार्ड, चेकबुक और ऑनलाइन सर्विसेज सेवाएं फ्री में देती हैं। हालांकि एक सीमा के दायरे में ही सेवाएं मुफ्त होती हैं। लेकिन, कुछ सेवाओं के सीमा से अधिक इस्तेमाल पर शुल्क वसूला जाता है। वहीं, कुछ सेवाओं के लिए ग्राहकों से शुल्क लिया जाता है।
इसलिए बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठाने से पहले आपको बैंकों की ओर से लगाए जाने वाले सभी प्रकार के शुल्कों के बारे में पता होना चाहिए। वैसे तो बैंक भी अपने ग्राहकों को बेसिक सर्विसेज के सभी चार्ज के बारे में जानकारी देती है। वहीं यदि इसमें बैंक की तरफ से किसी तरह का कोई बदलाव किया जाता है तो इसकी भी जानकारी बैंक आपको त्वरित रूप से उपलब्ध कराती है। इसके अलावा आपको इसकी पूरी जानकारी बैंक की आधिकारिक वेबसाइट और मोबाइल ऐप्स से मिल सकती है।
ऐसे में बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठाने से पहले, आपको बैंकों की ओर से लगाए जाने वाले तमाम तरह के शुल्क के बारे में पता होना चाहिए। तो आइए जानते हैं कि बैंक किन-किन सेवाओं पर शुल्क वसूलते हैं:-
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# बैंक द्वारा निर्धारित मुफ्त सेवाओं की लक्ष्मण रेखा को लांघने पर देना होता है शुल्क
अक्सर बैंकों की ओर से सेवाओं पर लगाया जाने वाला शुल्क नाममात्र का होता है। यह केवल तभी लगाया जाता है जब खाताधारक की ओर से मुफ्त सेवाओं की निर्धारित सीमा पार हो जाती है। उदाहरणतया, यदि आपका बैंक बैलेंस न्यूनतम बैलेंस सीमा से नीचे चला जाता है, तो आपको शुल्क का भुगतान करना होगा। इसी तरह मुफ्त एटीएम निकासी की संख्या भी निर्धारित होती है, इससे अधिक संख्या हो जाने पर शुल्क लागू हो जाते हैं। अन्य सामान्य शुल्कों में डेबिट कार्ड वार्षिक शुल्क, चेक बुक जारी करने या बाउंस शुल्क और भुगतान हस्तांतरण शुल्क भी शामिल हैं।
# होम बैंकिंग की सेवाओं पर भी लगता है शुल्क, इसे समझिए
नकद निकासी और जमा राशि के आधार पर भी मामूली शुल्क लगाया जा सकता है। कैश डिलीवरी जैसे होम बैंकिंग सर्विसेज के लिए आपको शुल्क देना होता है। यदि आप कर्ज के लिए आवेदन करते हैं, तो प्रक्रिया और दस्तावेज शुल्क लिया जाएगा। वैसे बैंक ग्राहकों को बुनियादी सेवाओं पर लागू होने वाले सभी शुल्कों और इनमें किसी भी प्रस्तावित बदलाव के बारे में समय पर जानकारी देते हैं। वे अपनी आधिकारिक वेबसाइटों और मोबाइल एप पर भी शुल्क से संबंधित जानकारी अपलोड करते हैं।
# जानिए, अपने पसंदीदा ग्राहकों को मुफ्त में सेवाएं भी देते हैं बैंक
प्रायः बैंक वित्तीय संस्थान के साथ मजबूत रिश्तों वाले पसंदीदा ग्राहकों को मुफ्त सेवाएं और विभिन्न शुल्क में छूट भी प्रदान करते हैं। इसलिए यह समझा जाता है कि विभिन्न बैंकों के शुल्क अलग-अलग हो सकते हैं। क्योंकि सभी बैंकों की प्रकृति एक समान नहीं होती है। फिर भी बैंकों की ओर से वसूला जाने वाला शुल्क आपके बैंक खाते के प्रकार पर भी निर्भर करता है। बैंक निर्धारित पेज से ज्यादा वाले चेकबुक की डिमांड पर भी शुल्क वसूलते हैं। वहीं, चेकबुक के बार बार जारी कराने या इसके बाउंस होने पर आपसे फीस ली जाती है। बैंक से डिमांड ड्राफ्ट बनवाने और ज्यादा पन्ने वाला चेकबुक लेने के लिए आपको चार्ज देना होता है।
# बैंकों से मिलने वाले लोन के लिए भी वसूले जाते हैं इतने प्रकार के शुल्क
यदि आप लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो इस पर प्रोसेसिंग फीस, डॉक्यूमेंटेशेन चार्ज, एप्लीकेशन फीस और लीगल चार्जेज आपको खुद देने पड़ते हैं। वहीं, कर्ज के लिए बैंकों के पास जमा किए गए दस्तावेजों की डुप्लिकेट प्रतियों की आवश्यकता पड़ने पर भी आपको अन्य शुल्क चुकाने पड़ते हैं। यदि आप लोन फिक्स्ड ब्याज दरों पर लेते हैं तो इसे समय से पहले बंद कराने पर भी शुल्क देना पड़ता है। वहीं, यदि कर्ज निश्चित ब्याज दरों पर है तो बैंक फौजदारी शुल्क भी वसूल सकते हैं। लॉकर के लिए भी शुल्क वसूला जाता है। डेबिट कार्ड से विदेश में भुगतान करने पर भी शुल्क लगाया जा सकता है। डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) के लिए भी बैंक आपसे शुल्क लेते हैं।
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# कैश ट्रांजेक्शन पर भी देने होते हैं 20 रुपये से 100 रुपये तक
नगदी निकासी और जमा पर राशि के हिसाब से चार्ज देना पड़ता है। हर बैंक कैश ट्रांजेक्शन की सुविधा देती है, लेकिन ये ट्रांजेक्शन एक निश्चित सीमा तक ही किया जा सकता है। यदि आप उस तय सीमा से ज्यादा बार कैश ट्रांजेक्शन करते हैं तो इस इसके लिए आपको अतिरिक्त चार्ज देना पड़ता है। ये चार्ज हर बैंक के लिए उसके नियमों के अनुसार अलग-अलग होता है। आमतौर पर सरकारी बैंक में यह 20 से 100 रुपये तक होता है।
# यदि न्यूनतम बैलेंस मेंटेन नहीं करेंगे तो देनी पड़ेगी पेनाल्टी
बैंक अकाउंट में एक निश्चित सीमा तक बैलेंस को मेंटेन करना होता है। यदि आपके खाते में उससे कम अमाउंट होता है, तो आपको न्यूनतम बैलेंस चार्ज देना पड़ता है। जैसे एचडीएफसी बैंक में अकाउंट में मिनिमम 10000 का बैलेंस होना जरूरी है, यदि इससे कम अमाउंट होगा तो आपसे उसका चार्ज लिया जाएगा। तमाम बैंकों में न्यूनतम बैलेंस की सीमा तय है, जिसे मेंटेन न करने पर चार्ज की सीमा अलग-अलग है। आप अपने खाते में जमा पैसा बैंक से न्यूनतम सीमा से कम रखते हैं तो आपको पेनाल्टी देनी पड़ेगी।
# 1 रुपये से 25 रुपये तक लगता है आईएमपीएस चार्ज
सभी बैंकों ने ग्राहकों के लिए एनईएफटी और आरटीजीएस ट्रांजेक्शन मुफ्त कर दी हैं, लेकिन अभी भी ज्यादातर बैंकों में आईएमपीएस ट्रांजेक्शन के लिए चार्ज लिया जाता है। ये चार्ज 1 रुपए से लेकर 25 रुपए तक हो सकता है। बैंक से पेमेंट ट्रांसफर फीस आप बैंक निर्धारित राशि के आधार पर देते हैं।
# चेक की फीस और चेक क्लीयरेंस के लिए देने पड़ते हैं कम से कम 150 रुपए
अगर आपका चेक 1 लाख रुपए तक का है, तो आपको बैंक को कोई चार्ज नहीं देना पड़ता, लेकिन इससे अधिक के चेक पर क्लीयरेंस चार्ज देना पड़ता है। ये चार्ज 150 रुपए होता है। वहीं चेक की बात करें तो सेविंग अकाउंट के लिए एसबीआई की तरफ से सिर्फ 10 चेक मुफ्त में मुहैया कराए जाते हैं, इससे अधिक चेक के लिए आपको कीमत चुकानी पड़ती है।
# एटीएम ट्रांजेक्शन के लिए 20 से 50 रुपये तक देने होते हैं चार्ज
वहीं, आपको डेबिट कार्ड के लिए सालाना फीस देनी पड़ती है। जबकि एटीएम से कैश निकालने की सुविधा भी सिर्फ तय समय के लिए ही फ्री में मिलती है। लेकिन तय संख्या से ज्यादा बार ट्रांजेक्शन करने पर बैंक चार्ज लेता है। वहीं, हर बैंक की तरफ से चार्ज की राशि अलग-अलग निर्धारित होती है। ज्यादातर बैंक इसके लिए 20 से 50 रुपए तक चार्ज वसूलते हैं। वहीं, आप अपने डेबिट कार्ड से विदेशों में पेमेंट करते है, तब आपको चार्ज भरना पड़ता है।
# एसएमएस के लिए 5 रुपये से 15 रुपये तक लगते हैं चार्ज
आपके अकाउंट में पैसा क्रेडिट या डेबिट होने पर बैंक आपको अलर्ट मैसेज भेजता है। बैंक इसके लिए भी आपसे चार्ज वसूलते हैं। लेकिन ज्यादातर लोगों को इसका पता नहीं चलता क्योंकि ये चार्ज बहुत मामूली होता है। एक्सिस बैंक में यह करीब 5 रुपए प्रति महीना और आईसीआईसीआई में हर तिमाही के लिए 15 रुपए का चार्ज चुकाना होता है। इस तरह अलग-अलग बैंक के लिए चार्ज अलग है।
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# कार्ड रिप्लेसमेंट पर 50 रुपए से 500 रुपए तक देना पड़ता है चार्ज
अगर आपका डेबिट कार्ड खो गया है तो दूसरा कार्ड लेने के लिए आपको चार्ज देना पड़ता है। ये चार्ज 50 रुपए से 500 रुपए तक हो सकता है। हर बैंक की तरफ से अलग-अलग चार्ज निर्धारित किया गया है।
स्पष्ट है कि बैंकिंग सेवा का इस्तेमाल हर कोई करता है। सभी को ये सुविधाएं ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से मिलती हैं। चाहे ट्रांजेक्शन का एसएमएस हो, आईएमपीएस फंड ट्रांसफर हो, चेक क्लीयरेंस हो या एटीएम से पैसे निकालने की सुविधा, ये सभी सुविधाएं पूरी तरह से फ्री नहीं होती हैं, बल्कि तमाम तरह के सर्विसेज के लिए बैंक अपने ग्राहकों से कुछ न कुछ चार्ज अवश्य लेता है, जिससे बैंकिंग सेवाएं सुचारू रूप से चल पाती हैं।
- कमलेश पाण्डेय
वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार
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