इन हंगामा करते लोगों के पीछे आखिर किस राजनीतिक ताकत का हाथ है ?

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चंद लोगों व राजनेताओं की वजह से आज हम लोग देशहित व अपनी रोजमर्रा की समस्याओं को भूलकर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी), नागरिकता संशोधन बिल (कैब), मंदिर-मस्जिद, हिन्दू-मुसलमान व पाकिस्तान जैसे नाकाम देश के मुद्दों में उलझते जा रहे हैं।

महात्मा गांधी जी का सत्य एवं अहिंसा का संदेश किसी भी देश में शांति, विकास एवं प्रगति के लिए आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना पहले था। सम्पूर्ण विश्व को महात्मा गांधी जी के सत्य-अहिंसा के संदेश को देने वाला हमारा प्यारा भारत, आज कुछ जाति-धर्म के ठेकेदारों, चंद इंसानियत के दुश्मन लोगों व राजनेताओं के क्षणिक स्वार्थ के चलते बहुत तेजी के साथ झूठ, छल-कपट व हिंसा से दिनप्रतिदिन ग्रस्त होता जा रहा है। देश में अपनी ओछी राजनीति चमकाने के फैशन के चलते जाति-धर्म, हिन्दू-मुसलमान व अमीर-गरीब के नाम पर लगातार घृणा फैलाई जा रही है, सत्ता हासिल करने के लालच में चंद राजनेताओं के द्वारा आम देशवासियों के बीच में नफरत की कभी ना टूटने वाली मजबूत दीवार खड़ी करने का लगातार शर्मनाक प्रयास जारी है। 

आज कुछ लोगों व नेताओं की कृपा से देश में चारों तरफ धार्मिक व जातिगत उन्माद चरम पर है। पिछले कुछ समय से धर्म को आधार बनाकर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी), नागरिकता संशोधन बिल (कैब) जैसे मुद्दों पर राजनीति की खातिर देशहित छोड़कर विरोध करने के चलते, मौजूदा समय में हमारे प्यारे देश में जो हालात दिखाई दे रहे हैं उनसें अगर आपको डर नहीं लगता तो समझिये आप एक अमन-चैन पसंद वाले अच्छे बुद्धिजीवी इंसान नहीं बल्कि इंसान के रूप में सभ्य समाज के लिए एक खतरनाक हिंसक प्रवृत्ति वाले व्यक्ति हैं। आज परिस्थितियों की चुनौती व समय की मांग है कि देश में अमन-चैन प्यार मोहब्बत के साथ समय से सभी देशवासियों को रोजी&रोटी रोजगार कैसे मिले, चारों तरफ किसी ना किसी रूप से डिस्टर्ब पड़ोसी देशों से घिरे भारत की सीमाओं को हमारे वीर जवान कैसे सुरक्षित रखें, देश विकास के नये आयाम स्थापित करके कैसे सम्पूर्ण विश्व में भारत की पताका फहराये। लेकिन बहुत अफसोस की बात है कि कुछ स्वार्थी लोगों की वजह से व राजनीति की कुटिल चालों ने हमको जनहित के मुद्दों से दूर करके देश व समाज का अहित करने वाले बेवजह के ज्वंलत मसलों में उलझा दिया है। चंद लोगों व राजनेताओं की वजह से आज हम लोग देशहित व अपनी रोजमर्रा की समस्याओं को भूलकर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी), नागरिकता संशोधन बिल (कैब), मंदिर-मस्जिद, हिन्दू-मुसलमान व पाकिस्तान जैसे नाकाम देश के मुद्दों में उलझते जा रहे हैं। जिसके चलते जाति-धर्म की आड़ में देश में रोजाना जमकर हंगामा बरपा हुआ है, आये दिन कुछ देशद्रोही लोग जाति-धर्म के नाम पर सार्वजनिक व निजी सम्पत्ति को तोड़फोड़ करके नुकसान पहुंचा कर जानमाल व देश का अहित करने में व्यस्त हैं। जो धर्म हमको अनुशासित जीवन जीना सिखाता है, उस धर्म का इस्तेमाल कुछ राजनेताओं के द्वारा अब सत्ता हासिल करने के लिए और अपने निजी छुपे हुए जहरीले एजेंडा को जनता के बीच फैलाने के लिए हो रहा है। कुछ लोगों ने तो धर्म को ही अपनी राजनीति और व्यापार के सफलतापूर्वक विस्तार करने का सबसे सशक्त माध्यम बना लिया है। ये लोग धर्म के नाम पर भोलीभाली जनता को अपने जाल में फांस कर उनकी भावनाओं से खिलवाड़ करके, उनको छलकर अपना उल्लू सीधा करने का काम बड़ी चतुराई से कर रहे हैं। इन धर्म के तथाकथित ठेकेदारों की हरकतों को देखकर लगता है कि धर्म के नाम पर हंगामा करने वालों को धर्म की जरा भी समझ नहीं है। जबकि हम धर्म की परिभाषा को देखें और उसके एक-एक शब्द पर गौर करें तो हम उसकी महानता व विशालता के बारे में जान सकते हैं। प्रत्येक धर्म हमको प्रेरित करता है कि हम अपने जीवन को नैतिकता के साथ अनुशासित करते हुए मानवता व जन कल्याण के लिए कार्य करें, ना कि हर समय छल-कपट करके एक-दूसरे की गर्दन काटने के लिए उतावले रहें।

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लेकिन अफसोस हम में से कुछ लोग अपने स्वार्थ के चलते आज धर्म की आड़ लेकर इंसानियत व मानवता को शर्मसार करने वाले अधार्मिक कार्य करने में व्यस्त हैं और इन चतुर लोगों की कुटिलता का कमाल देखो कि वो उस गलत अधार्मिक कृत्य को बहुत खूबी के साथ धर्म का अमलीजामा पहना कर, जनता के सामने धार्मिक कार्य बता कर उन पर थोपकर समाज को पथभ्रष्ट करने पर लगे हुए हैं।

कभी इन धर्म के तथाकथित ठेकेदारों को अखंड भारत को विभाजित करके धर्म के नाम पर बने पाकिस्तान की हालत को देखकर उससे सबक लेना चाहिए कि आज धर्म के नाम पर बना पाकिस्तान हर तरह से खस्ताहाल होकर दुनिया में किस पायेदान पर खड़ा है और हम कहां खड़े हैं। बदहाल पाकिस्तान में आये दिन आतंकी मस्जिदों तक में बम ब्लास्ट करके जनता को अपना शिकार बनाते रहते हैं, कभी निष्पक्ष रूप से व शांत मन से आंख बंद करके सोचना कौन करता है ये सब, कौन है ये लोग जो इंसानियत को कलंकित कर रहे हैं उनके पीछे कौन खड़ा है।

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हमारे पूर्वजों ने अपनी बुद्धि व दूरदर्शी नजरों से देश की आजादी के समय ही भाँप लिया था कि भविष्य में चंद धर्म के तथाकथित ठेकेदारों की वजह से धर्म को इंसानियत को खत्म करने के लिए इस्तेमाल किया जायेगा। इसीलिए उन्होंने भारत के संविधान को धर्म व पंथ निरपेक्ष बनाया था। आज के स्वघोषित राष्ट्रभक्तों को देखना चाहिए कि धर्म के नाम पर बने देशों का हश्र क्या होता है, यह सबके सामने है। चंद देश के दुश्मन लोगों की गंदी सोच के चलते हमें अपने प्यारे भारत को सीरिया और पाकिस्तान की तरह नहीं बनाना, बल्कि उसको दुनिया का शक्तिशाली और खूबसूरत विश्व गुरु भारत बनाना है जिसकी कल्पना हमारे सबसे बड़े ग्रंथ संविधान की प्रस्तावना में की गई है। जो एक समानता, बंधुता और स्वतंत्रता पर आधारित विकसित खुशहाल धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र हो। जिसके सर्वांगीण विकास में समाज के सभी वर्गों की पूर्ण भागीदारी हो। भारत एक ऐसा गौरवशाली राष्ट्र हो, जो विकास करुणा मैत्री और सद्भावना के मार्ग पर चलते हुए सम्पूर्ण विश्व का मार्गदर्शन करें। आज के तथाकथित राष्ट्रवाद के ठेकेदार लोगों व राजनेताओं को भी सोचना होगा कि राष्ट्रवादी होने का अर्थ सिर्फ राष्ट्रवाद के नाम पर जोश भरे तरह-तरह के नारे गढ़ लेने तक सीमित नहीं है, बल्कि देश की ज्वंलत जन समस्याओं से निपटने का सामूहिक हल ढूंढ़ कर देशवासियों को अमन-चैन युक्त माहौल देकर उनको खुशहाल करके देश को विकसित करना असली राष्ट्रवाद है। इसलिए मेरे प्यारे भाइयों इन चंद स्वार्थी लोगों व राजनेताओं के द्वारा बनाये गये झूठ-प्रपंच, धार्मिक-जातिवाद के जहरीले भ्रमजाल से मुक्त होकर, सामूहिक रूप से पूर्ण एकता व विश्वास के साथ देश की ज्वलंत समस्याओं के विरुद्ध खड़े होकर, उनका स्थाई समाधान करके देश की एकता अखंडता को कायम रखें यही मेरी आप सभी से विनम्र विनती है। यही देशहित में हर सच्चे देशभक्त भारतवासी का सबसे बड़ा सच्चा धर्म व सबसे बड़ा कर्तव्य है।

'हजारों रंग बिरंगे फूलों का,

यह प्यारा गुलिस्तां है मेरा,

इसकी खुबसूरती बचाना दोस्तों,

यही सच्चा धर्म है तेरा और मेरा ।।

।। जय हिन्द जय भारत ।।

।। मेरा भारत मेरी शान मेरी पहचान ।।

-दीपक कुमार त्यागी

(स्वतंत्र पत्रकार व स्तंभकार)

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