साम्प्रदायिक उन्माद व नफ़रत की भेंट चढ़ रहे हैं इंसान और इंसानियत
अफगानिस्तान के हालात से यह संदेश मिलता है कि धार्मिक कट्टरवाद के नाम पर देश में फैलाए जाने वाला किसी भी प्रकार का धार्मिक उन्माद व सांप्रदायिक वैमनस्य एक दिन खुद वहां के लोगों और राष्ट्रों को नफ़रत की जहरीली आग में जला कर समूल नष्ट करने की क्षमता रखता है।
विश्व के कई देशों में आज भी धर्म के नाम पर बड़े पैमाने पर इंसान व इंसानियत की हत्या करके रक्तपात करवाने का कार्य धर्म के तथाकथित अधर्मी ठेकेदारों के द्वारा बेखौफ होकर अंजाम दिया रहा है। इन देशों की धरती वहां के निर्दोष लोगों के रक्त से आये दिन लहूलुहान होकर लाल हो रही है, इन देशों में तड़प-तड़प कर इंसान व इंसानियत आयेदिन दम तोड़ रही है। हालात यह हो गये हैं कि दुनिया के ताकतवर देश भी अब तमाशबीन बनकर चुपचाप इन देशों की बर्बादी का तमाशा देखने में व्यस्त हैं। कोई भी देश आज इन देशों में धर्म के नाम पर हो रही अधर्म की इस जंग में उनकी मदद करने के लिए तैयार नहीं है। हमारा पड़ोसी देश अफगानिस्तान इसका दुनिया में आज एक सबसे बड़ा उदाहरण बन गया है। लेकिन इस भयावह हालात से भी कुछ लोग अभी भी सबक लेने के लिए तैयार नहीं हैं, अब भी वह धर्म के नाम पर अधर्म को संरक्षण देने का कार्य बेखौफ होकर निरंतर कर रहे हैं। जबकि अफगानिस्तान जैसे देशों में धर्म के नाम पर अधर्म की घटित घटनाओं को पूरी दुनिया देख रही है और यह घटनाएं पूरी मानव जाति के लिए एक बेहद कड़वा सबक हैं।
पूरी दुनिया को अफगानिस्तान के हालात से यह संदेश मिलता है कि धार्मिक कट्टरवाद के नाम पर देश में फैलाए जाने वाला किसी भी प्रकार का धार्मिक उन्माद व सांप्रदायिक वैमनस्य एक दिन खुद वहां के लोगों और राष्ट्रों को नफ़रत की जहरीली आग में जलाकर समूल नष्ट करने की क्षमता रखता है। लेकिन फिर भी कुछ लोग आज हमारे देश में भी धर्म के नाम पर अधर्म की इस तेजी से फैलने वाली आग को भड़काने में बेहद व्यस्त हैं। फिलहाल तो देश की सुरक्षा एजेंसियां उन पर लगाम लगाने में ना जाने क्यों नाकाम हैं। जबकि भारत में भी धर्म के नाम पर नफ़रत फ़ैलाने वाले लोगों के तरह-तरह के षड्यंत्रों के चलते देश के कुछ भूभागों में धार्मिक उन्माद व साम्प्रदायिक घृणा आज अपना सिर आये दिन उठाने लगी है। वैसे देखा जाये तो देश में मज़हब के नाम पर नफ़रत की तिजारत करके अपनी दुकान चलाने वाले इंसानियत के दुश्मन चंद देशद्रोही व राक्षसी प्रवृत्ति के लोग आजकल बहुत खुश हो रहे होंगे, क्योंकि अब उन लोगों ने देशवासियों के एक बहुत बड़े वर्ग के बीच में अपनी नफ़रती जड़ों को जमाने का कार्य आखिरकार धरातल पर कर ही लिया है। जिस तरह से लोगों के बीच में नफ़रत के यह चंद सौदागर आपसी प्यार, मोहब्बत, भाईचारे व विश्वास को कमजोर करने में सफल रहे हैं, वह देश व समाज के लिए बेहद विचारणीय है और बिल्कुल भी उचित नहीं है। आज यह चंद देशद्रोही व राक्षसी प्रवृत्ति के लोग अपने जहरीले नफ़रती मंसूबों को पूरा करने के लिए कहीं ना कहीं देश के भाईचारे, अमन चैन और एकता-अखंडता को नुक़सान पहुंचाने के लिए आम जनमानस की धार्मिक भावनाओं को सबसे बड़ा हथियार बनाकर, उन लोगों के ही अनमोल जीवन से खिलवाड़ करने का कार्य कर रहे हैं।
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देश के यह चंद गद्दार लोग धर्म के नाम पर आये दिन बात का बतंगड़ बनाकर, हंगामा बरपाकर देश की अमन चैन व शांति को भंग करके अब देश में नफ़रत से परिपूर्ण अपनी बोई फसल काटने में बेहद व्यस्त हैं। आज देश में इन जहरीले नफ़रती लोगों के नापाक मंसूबों को पूरा करने के चलते ही आये दिन इंसान व इंसानियत मर रही है या फिर शर्मसार हो रही है। वैसे देखा जाये तो इन नफ़रती देशद्रोही लोगों के अंदर अपने छिपे हुए देश विरोधी एजेंडे व नफ़रती मंसूबों को पूरा करने के लिए लोगों को धर्म के नाम पर बरगलाकर उकसाने की जिद निरंतर बनी रहती है। यह चंद देशद्रोही लोग चाहते हैं कि देश अब मज़हबी किताबों से चले, ना कि देश नियम-कायदे-कानून व संविधान से चले। हालांकि भारत में आम जनमानस की सजगता व सरकार की सख्त कार्यप्रणाली से इन चंद देशद्रोही व अधर्मी लोगों के यह देशद्रोही मंसूबे कभी पूर्ण नहीं होंगे और हमारा प्यारा देश नियम-कायदे-कानून व संविधान से यूं ही लोकतांत्रिक व्यवस्था की रक्षा करते हुए आदिकाल तक चलता रहेगा।
आज देश में हमारी सरकार व सिस्टम के साथ-साथ सभी देशभक्त देशवासियों को भी हर पल सजग रहने की जरूरत है, क्योंकि यह चंद लोग देश में अपनी अधर्मी काली करतूतों को मजहब की आड़ लेकर निरंतर चला रहे हैं, देश में मिलजुलकर और बेहद शांतिप्रिय ढंग से रहने वाले आम जनमानस के बीच यह लोग अब धीरे-धीरे नफ़रत के ज़हरीले बीज बोकर खाई चौड़ी करने के अपने जहरीले मकसद में लगे हुए हैं, हालांकि पिछले कुछ वर्षों में देश के विभिन्न हिस्सों में घटित कुछ घटनाओं को देखें तो लगता है कि यह देशद्रोही लोग अज्ञानता व धर्मांधता के चलते अपने जहरीले मंसूबों में सफल भी रहे हैं। हाल के दिनों में इसका सबसे बड़ा उदाहरण राजस्थान के उदयपुर में घटित एक दर्जी की बेहद बर्बरतापूर्ण ढंग से हत्या कर देना है। यह एक घटना देश में धर्म के नाम पर पल रही बेहद अधर्मी तालिबानी नफ़रती सोच का हाल के दिनों में सबसे बड़ा उदाहरण है। हमारे सभ्य समाज, सरकार व सिस्टम के सामने आज भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने की बड़ी चुनौती खड़ी है।
आज हमारे देश में नफ़रती और जहरीली सोच रखने वाले इन चंद देशद्रोही लोगों का किसी धर्म विशेष व धर्म के लोगों का विरोध करने के एजेंडे के पीछे की असलियत यह है कि यह लोग हमारे प्यारे देश भारत को दुनिया में इक्कीसवीं सदी का आधुनिक शक्तिशाली भारत बनने से रोकना चाहते हैं। अपने नापाक उद्देश्य को यह चंद देशद्रोही लोग धर्म के नाम पर लोगों को बरगलाकर देश का माहौल खराब करके जल्द से जल्द पूरा करना चाहते हैं। हालांकि देश के सभी देशभक्त देशवासियों को पूरी उम्मीद है कि भारत सरकार इन देशद्रोही लोगों के देश विरोधी नापाक मंसूबों को कभी पूरा नहीं होने देगी, वह इन लोगों को सख्त से सख्त सजा देते हुए देश की एकता, अखंडता व भाईचारे को बरकरार रखते हुए, देश को विकास के पथ पर तेज गति के साथ अग्रसर रखने का कार्य निरंतर व निर्बाध रूप से जारी रखने का कार्य करेगी।
वैसे तो दुनिया के किसी भी देश में मज़हब के नाम पर नफ़रती सोच को पालना-पोसना उस देश व उसके सभ्य समाज के लिए ही एक दिन सबसे बड़ा खतरा बन जाता है। आज मज़हबी उन्माद की आग में जल रहे सीरिया, इराक़, ईरान, पाकिस्तान, अफगानिस्तान आदि जैसे देश दुनिया के सामने इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं। लेकिन फिर भी दुनिया के बहुत सारे देशों की तरह आज विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर हमारे प्यारे देश भारत में भी धर्म के नाम पर ऐसी जहरीली नफ़रती सोच को गुपचुप ढंग से पाल-पोस कर संरक्षण व बढ़ावा देना का कार्य कुछ धर्मांध व देशद्रोही लोग निरंतर कर रहे हैं, जोकि देश के नव निर्माण में एक बहुत बड़ा बाधक है।
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आज देश व सभ्य समाज के हित में समय की जबरदस्त मांग है कि सभी देशभक्त देशवासी नफ़रती सोच रखने वाले ऐसे देशद्रोही व धर्मांध लोगों के जहरीले मंसूबों को अब हर हाल में एकजुट होकर विफल बनाने का कार्य करें, देश में कहीं भी ऐसे हालात बनने पर सरकार व सिस्टम का सहयोग करें। वहीं अब देश की जनता को भी पूरी उम्मीद है कि देश की सरकार व सिस्टम भी राजनीति से ऊपर उठकर जाति, मज़हब व धर्म के नाम पर देश में आयेदिन हंगामा बरपाने वाले इन देशद्रोही लोगों के साथ अब बेहद सख्ती के साथ निपटने का कार्य करेगी और इन चंद देशद्रोही धर्मांध लोगों को या तो नियम-कायदे-कानून के साथ देश में रहना सिखाएंगे या फिर उन लोगों को ताउम्र जेल की सलाखों के पीछे रहना सिखाएंगे।
अब देश में वह समय आ गया है जब देश के कर्ताधर्ताओं व नीति-निर्माताओं को समय रहते यह समझना होगा कि मज़हब व जाति-धर्म के नाम पर नफ़रत और उन्माद पैदा करने वाले यह चंद लोग हमारे देश व समाज के लिए बेहद घातक हैं, इसलिए सरकार को इन सभी देशद्रोही, षड्यंत्रकारी, जहरीले व नफ़रत के सौदागरों को जड़ से समाप्त करने का कार्य अब हर हाल में धरातल पर बड़े स्तर पर निष्पक्ष रूप से शुरू कर देना चाहिए। सरकार को भारत में पल रहे इन मजहब के तथाकथित अधर्मी ठेकेदारों व नफ़रत के सौदागरों के खिलाफ अब बड़े स्तर अभियान चलाकर देशहित व जनहित में इनका सफाया अवश्य करना चाहिए। देश में राष्ट्र प्रथम मानने वाले देशभक्त लोगों को प्रोत्साहित करने की नीति तत्काल बनानी चाहिए, तब ही आने वाले समय में हमारे प्यारे देश भारत में अमन चैन, सुख-शांति, आपसी प्रेम व भाईचारा सुरक्षित रह सकता है और आने वाले समय में हमारा प्यारा देश भारत इक्कीसवीं सदी का आधुनिक शक्तिशाली भारत व आर्थिक महाशक्ति बन सकता है।
-दीपक कुमार त्यागी
(वरिष्ठ पत्रकार, स्तंभकार व राजनीतिक विश्लेषक)
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