Vishwakhabram: Xi Jinping ने ऐसा क्या कर दिया कि China में बच्चे ही बच्चे पैदा होते जा रहे हैं? कैसे आया चीन में 'Dragon Baby Boom'

Xi Jinping
ANI

हम आपको बता दें कि चीनी नीति निर्माता तेजी से बूढ़ी होती आबादी और जन्म दर में गिरावट को लेकर चिंतित थे। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पिछले साल कहा था कि राष्ट्रीय विकास के लिए 'विवाह और बच्चे पैदा करने की एक नई संस्कृति को विकसित करना' आवश्यक है।

जनसंख्या के मामले में भारत से पिछड़ने के बाद चीन ने कुछ ऐसा किया कि इस समय चीनी अस्पतालों में बच्चे ही बच्चे पैदा होने की खबरें आ रही हैं। चीनी मीडिया संस्थानों की रिपोर्टें दर्शा रही हैं कि ड्रैगन वर्ष चीन के लिए काफी लाभकारी सिद्ध हो रहा है। हम आपको बता दें कि चीनी कैलेंडर के हिसाब से हर 12वां वर्ष ड्रैगन वर्ष कहलाता है। इस लिहाज से साल 2024 ड्रैगन वर्ष है। ड्रैगन चीनी राशि में विशेष रूप से शुभ माना जाता है और 10 फरवरी से शुरू हुए नव वर्ष के दौरान बच्चों के जन्म की खबरें लगातार आ रही हैं। चीनी अस्पतालों के आंकड़ों से पता चला है कि नवजात शिशुओं की संख्या में बड़ी वृद्धि हुई है। चीनी मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक देश के अधिकांश अस्पतालों में एक साल पहले की तुलना में नवजात शिशुओं की संख्या में औसतन 20% की वृद्धि दर्ज की गई है। जबकि उत्तर-पश्चिमी शानक्सी प्रांत के एक अस्पताल ने तो 2023 की तुलना में नवजात शिशुओं की संख्या में 72% की वृद्धि दर्शाई है। इस तरह चीन के लिए यह साल ड्रैगन बेबी के रूप में प्रचलित होता जा रहा है।

हम आपको बता दें कि चीनी नीति निर्माता तेजी से बूढ़ी होती आबादी और जन्म दर में गिरावट को लेकर चिंतित थे। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पिछले साल कहा था कि राष्ट्रीय विकास के लिए "विवाह और बच्चे पैदा करने की एक नई संस्कृति को विकसित करना" आवश्यक है। राष्ट्रपति शी ने कहा था कि महिलाओं को "अच्छी पारिवारिक परंपरा की कहानियाँ" सुनाने को प्राथमिकता देनी चाहिए ताकि महिलाएं परिवार को आगे बढ़ाने के प्रति इच्छुक हों। इसके लिए चीनी सरकार की ओर से कई तरह के जागरूकता कार्यक्रम भी चलाये गये लेकिन चीनी युवा नौकरी की कम होती संभावनाओं, रिकॉर्ड बेरोजगारी और बेहद कम उपभोक्ता विश्वास के कारण अकेले रहने का विकल्प चुन रहे हैं। रिपोर्टें हैं कि चीन में युवा शादी करने से कतरा रहे हैं क्योंकि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में विकास धीमा हो गया है। चीन में अविवाहित युवा बच्चे पैदा करने से इसलिए भी कतराते हैं क्योंकि अविवाहित माताओं को बच्चे के पालन-पोषण के लाभों से वंचित किया जाता है।

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दूसरी ओर, जनसांख्यिकी विशेषज्ञों का कहना है कि "ड्रैगन बेबी" का उछाल संभवतः अल्पकालिक होगा क्योंकि महिलाएं बच्चों की देखभाल की उच्च लागत से तो परेशान हैं ही साथ ही पारंपरिक समाज में उन्हें शादी करने या अपने कॅरियर को आगे बढ़ाने के ही विकल्प मिलते हैं। इसलिए कॅरियर को आगे बढ़ाने के लिए बड़ी संख्या में चीनी महिलाएं निःसंतान रहना पसंद कर रही हैं। देखा जाये तो इससे साफ प्रदर्शित होता है कि चीन में लिंग के आधार पर भेदभाव बहुत गहरे तक जड़ें जमाये हुए है। इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि चीन में बड़ी संख्या में बच्चे पैदा होने की खबरें इसलिए आ रही हैं क्योंकि अधिकांश परिवारों ने ड्रैगन वर्ष में ही बच्चे के जन्म की प्लानिंग कर रखी थी।

चीन के आर्थिक और सामाजिक परिदृश्य को देखें तो लगता नहीं कि जनसंख्या में उछाल का यह दौर ज्यादा समय जारी रहेगा। दरअसल चीनी अपने भविष्य को लेकर आशंकित हैं इसलिए वह परिवार को आगे नहीं बढ़ाना चाह रहे। लेकिन यह बात सिर्फ चीन के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए भी चिंताजनक है। हम आपको बता दें कि चीन दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है जो दुनिया की एक तिहाई से अधिक आर्थिक वृद्धि के लिए जिम्मेदार है। चीन दूसरा सबसे बड़ा आयातक भी है, इसलिए उसकी जनसंख्या में किसी भी बदलाव का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर होगा। पहले से ही दुनियाभर में नौकरियां गायब होती दिख रही हैं इसलिए अगर चीनी अर्थव्यवस्था का बुरा हाल हुआ तो उसकी मार सबको झेलनी होगी। कुल मिलाकर देखें तो चीन में तीव्र आर्थिक मंदी वैश्विक विकास को नीचे ले जाएगी, जिसके प्रभाव विनाशकारी हो सकते हैं।

बहरहाल, जहां तक चीन की जनसंख्या के आंकड़ों की बात है तो उसने खुद ही घोषणा की थी कि 2023 में उसकी जनसंख्या में गिरावट आई। चीनी जनसंख्या 1.4118 अरब से घटकर 1.4097 अरब रह गई है। संयुक्त राष्ट्र के पूर्वानुमान से भी पता चलता है कि चीन की जनसंख्या 2050 तक घटकर 1.313 अरब हो जाएगी और फिर 2100 तक घटकर लगभग 80 करोड़ हो जाएगी। अनुमान है कि 2040 तक चीन की एक-चौथाई से अधिक आबादी 60 वर्ष से अधिक हो जाएगी और आर्थिक रूप से कम सक्रिय होगी (पुरुषों के लिए सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष है और महिलाओं के लिए यह 50-55 वर्ष है)। इससे चीन की पेंशन और बुजुर्ग देखभाल प्रणालियों पर दबाव पड़ेगा। इसके अलावा, जनसंख्या परिवर्तन से निपटने के लिए स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में बदलाव होने से लोग नाखुश हो सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप कुछ हद तक राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो सकती है। इसके अलावा, जैसे-जैसे बुजुर्गों की अपने बच्चों पर निर्भरता बढ़ती है, घरेलू खपत, बचत और निवेश के स्तर में गिरावट आने की संभावना है, जो अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।

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