एशेज की लड़ाई ने विश्व के सामने रखा टेस्ट क्रिकेट का असली रोमांच !

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एशेज 2019 की यह सारी हाईलाइट है। क्रिकेट इतिहास के लिहाज से सबसे पुरानी और प्रतिद्वद्वी सीरीज में दोनों ही टीमों ने अच्छा प्रदर्शन किया। ऑस्ट्रेलिया की तरफ से जहां अकेले स्मिथ ने दावेदारी पेश की। वहीं कई मौकों पर मेथ्यू वेड और मार्कस लाबुसमाने में अच्छा खेल दिखाया।

इंग्लैंड ने लंदन के द ओवल मैदान पर खेले गए पांचवे और अंतिम टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को 135 रनों से मात दी। इस जीत के साथ ही एशेज 2019  2-2 के ड्रॉ के साथ खत्म हुआ। 47 साल बाद यह पहला मौका था जब एशेज सीरीज ड्रॉ पर खत्म हुई है। इससे पहले 1972 में जब दोनों टीमें आपस में एशेज सीरीज खेलने टकराई थी तब मुकाबला ड्रॉ पर खत्म हुआ था। पांचवे टेस्ट में इंग्लैंड की इस जीत के बावजूद एशेज की ट्रॉफी ऑस्ट्रेलिया के पास रहेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि पिछली बार जब एशेज में दोनों टीमें आपस में टकराई थी तो सीरीज ऑस्ट्रेलिया ने जीती थी। जिसकी वजह से यह ट्रॉफी कंगारू टीम के पास वापस चली गई। हालांकि कंगारू कप्तान पेन 18 साल बाद इंग्लिश सरजमीं पर सीरीज जीतने का कारनामा नहीं कर पाएं। लेकिन फिर भी उन्होंने सीरीज ड्रॉ करने का इतिहास जरूर रच दिया। मैच के बाद पेन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि “हमें कुछ बातों का पछतावा है। हम अपने सामने आए मौकों को भुना नहीं सके। हमारे गेंदबाज अच्छा खेले। मुझे उनके लिए बुरा लग रहा है। इस मैच में हम जिस तरह से खेले, उससे बेहतर कर सकते थे। बीते 18 साल में इंग्लैंड आकर सीरीज बचाना बड़ी बात थी लेकिन आज का दिन हमारे लिए खराब रहा”।

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एशेज 2019 की यह सारी हाईलाइट है। क्रिकेट इतिहास के लिहाज से सबसे पुरानी और प्रतिद्वद्वी सीरीज में दोनों ही टीमों ने अच्छा प्रदर्शन किया। ऑस्ट्रेलिया की तरफ से जहां अकेले स्मिथ ने दावेदारी पेश की। वहीं कई मौकों पर मेथ्यू वेड और मार्कस लाबुसमाने में अच्छा खेल दिखाया। हालांकि कंगारू टीम के लिए परेशानी अकेले स्मिथ के प्रदर्शन पर ज्यादा भरोसेमंद रहना रहा। स्मिथ की तरह फिर से क्रिकेट के मैदान में वापसी करने वाले डेविड वार्नर मानों इस सीरीज में कही दिखाई ही नहीं दिए। वार्नर को रन बनाने के लिए काफी जूझना पडा। आलम यह रहा कि वार्नर इस एशेज में एक अर्धशतक तक नहीं लगा सकें। बैन के बाद वापसी करने वाले वार्नर ने वर्ल्ड कप में जबरदस्त तरीके से रन बनाएं। लेकिन बात जब सफेद जर्सी की क्रिकेट में हुई तो वार्नर फ्लॉप हो गए। वार्नर की इस सीरीज में दिक्कत तकनीक से ज्यादा दिमागी तौर पर रही। वह गेंदबाजों के खिलाफ फंसते हुए दिखाई दिए जो उनकी नाकामयाबी की सबसे बड़ी वजह बना। वहीं इंग्लैंड की तरफ देखे तो जब से एलिस्टर कुक ने संन्यास लिया है। यह टीम टेस्ट मैचों में अपनी ओपनिंग जोड़ी की तगातार तलाश कर रही है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बर्न्स और डेनली ने अच्छा खेल दिखाया लेकिन अभी भी इस जोड़ी को अपने प्रदर्शन में निखार लाने की जरूरत है। जो रूट का अपने ओहदे के अनुरूप प्रदर्शन नहीं करना इंग्लैंड पर भारी पड़ा। वहीं बेन स्टोक्स ने अगर जादूई पारी नहीं खेली होती तो शायद ऑस्ट्रेलिया इस एशेज सीरीज को भी जीत चुका होता। 

2019 की एशेज क्रिकेट प्रेमियों के लिहाज से काफी खास रही। इस एशेज में पूरी दुनिया ने स्मिथ की धमाकेदार वापसी देखी। एक साल बैन के बाद वापसी कर रहे स्टीव स्मिथ ने इंग्लैंड में इस बार हूटिंग के बीच मैदान पर कदम रखा था। लेकिन एशेज सीरीज की आखिरी पारी के बाद नंबर एक टेस्ट बैट्समैन का दर्शकों ने खड़े होकर स्वागत किया। स्मिथ ने पूरी एशेज सीरीज के दौरान 110.57 की दमदार औसत के साथ 774 रन बनाए। जिसमें उन्होंने 3 शतक और 3 अर्धशतक जड़े। स्मिथ एक साल बाद वापसी करने के बाद फिर से नंबर 1 टेस्ट बल्लेबाज बनें। अपनी अजीबो गरीब बैटिंग तकनीक लेकिन रिजल्ट से भरपूर बल्लेबाजी से स्मिथ ने पूरी दुनिया को अपना दीवाना बना दिया। स्मिथ ने बताया कि टेस्ट क्रिकेट में चाहे विरोधी कोई भी और मैदान विश्व के किसी कोने का हो स्मिथ का प्रदर्शन हमेशा अव्वल दर्जे का रहेगा।

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इस एशेज में स्मिथ का तो बोलबाला रहा ही दूसरी तरफ बेन स्टोक्स ने बताया कि टेस्ट क्रिकेट की असली खूबसूरती क्या होती है। स्टोक्स ने हारे हुए मैच को कैसे जीता जाता है उसे दुनिया को बताया। ये दोनों बल्लेबाजों के शानदार प्रदर्शन ही था जो इस एशेज में दोनों के ज्वाइंट प्लेयर ऑफ द सीरीज से नवाजा गया। साफ है इस एशेज में कभी बल्ला गेंद पर हावी रहा तो कभी गेंदबाजों ने बताया कि लाल गेंद की क्रिकेट में अभी भी टेंपरामेंट और तकनीक की बहुत जरूरत है। इंग्लैंड ने इस एशेज में दुनिया को जोफ्रा आर्चर के रूप में एक ऐसा गेंदबाज दिया जो आने वाले समय में सभी बल्लेबाजों के लिए बुरा सपना बनने वाला है। आर्चर की 150 कि.मी प्रति घंटे की रफ्तार से फेंकी गई बाउंसर बल्लेबाजों का कड़ा इम्तिहान लेती है। आर्चर जैसे गेंदबाजों ने क्रिकेट के खेल में फिर से रफ्तार का खौफ पैदा किया है जो आने वाले समय में कई बल्लेबाजों को डराने वाला है। 

दीपक कुमार मिश्रा

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