दो महीने बाहर रहा पर टीम नहीं भूली कि मैंने दो साल तक क्या किया: के एल राहुल
पिछले कुछ समय में चोटों से परेशान रहे लोकेश राहुल एक और श्रृंखला में भारत का नेतृत्व करने की तैयारी कर रहे हैं और इस दौरान वह टीम प्रबंधन का धन्यवाद करना नहीं भूले जिसने दो महीने उनके टीम से बाहर रहने के बावजूद पिछले दो साल के उनके योगदान को याद रखा।
हरारे। पिछले कुछ समय में चोटों से परेशान रहे लोकेश राहुल एक और श्रृंखला में भारत का नेतृत्व करने की तैयारी कर रहे हैं और इस दौरान वह टीम प्रबंधन का धन्यवाद करना नहीं भूले जिसने दो महीने उनके टीम से बाहर रहने के बावजूद पिछले दो साल के उनके योगदान को याद रखा। जिंबाब्वे के खिलाफ पहले एकदिवसीय मैच की पूर्व संध्या पर भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘आप दो महीने के लिए बाहर हो सकते हैं लेकिन वे यह नहीं भूले हैं कि आपने पिछले दो-तीन वर्षों में टीम और देश के लिए क्या किया है।
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खिलाड़ी वास्तव में ऐसे माहौल में कामयाब होते हैं।’’ राहुल को लगता है कि भारतीय टीम प्रबंधन एक ऐसा माहौल बनाने में सक्षम रहा है जो एक अच्छे खिलाड़ी से महान खिलाड़ी के सफर के बीच की खाई को पाट सके। राहुल ने कहा, ‘‘यह इस तरह का माहौल है जो एक खिलाड़ी को एक अच्छे खिलाड़ी से एक महान खिलाड़ी में बदलने में मदद कर सकता है, वह अपनी टीम के लिए अधिक मैच जीतने वाली काफी अधिक पारी खेल सकता है’’ भारत के लिए 42 वनडे में पांच शतक की मदद से 46 से अधिक के औसत से रन बनाने वाले शीर्ष क्रम के इस बल्लेबाज ने कहा, ‘‘एक खिलाड़ी के लिए चयनकर्ताओं, कोच और कप्तान का समर्थन हासिल करना बहुत महत्वपूर्ण होता है।
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यह आपको इतना आत्मविश्वास देता है कि आपकी मानसिकता स्पष्ट हो जाती है और आप आवश्यक चीजों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।’’? इस खिलाड़ी को अपने करियर के दौरान कई बार चोटों का सामना करना पड़ा है और वह अभी खेल हर्निया की सर्जरी से उबरे हैं। राहुल ने कहा, ‘‘चोटें खेल का हिस्सा हैं और इसने मुझ पर दया नहीं दिखाई है लेकिन यह यात्रा का हिस्सा है।’’ राहुल जून में स्वदेश में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला की शुरुआत के पहले से टीम से बाहर हैं। मौलिकता बहुत महत्वपूर्ण है और राहुल का मानना है कि नेतृत्वकर्ता के रूप में अपने छोटे से कार्यकाल में उन्होंने अपनी पहचान बनाए रखने का प्रयास किया और टीम के अन्य सदस्यों को उनकी व्यक्तिगत पहचान बनाए रखने दी। राहुल से जब यह पूछा गया कि क्या उन्होंने दिग्गज क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी के नक्शेकदम पर चलने का प्रयास किया है तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं वहां जाकर कुछ और नहीं बन सकता। तब मैं स्वयं के लिए, टीम के लिए या खेल के प्रति निष्पक्ष नहीं रहूंगा। मैं कोशिश करता हूं कि मैं वही रहूं जो मैं हूं और अन्य खिलाड़ियों को वैसा ही रहने दूं जैसा वे चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इन लोगों (धोनी) के साथ अपनी तुलना भी नहीं कर सकता, उन्होंने देश के लिए जो किया है उसकी उपलब्धि कहीं अधिक है और मुझे नहीं लगता कि कोई नाम उनके समान लिया जा सकता है।’’ चोट के बाद टीम में वापसी कर रहे खिलाड़ियों के बारे में राहुल ने कहा, ‘‘मैं, कुलदीप और दीपक (चाहर), हम सभी राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में थे (रिहैबिलिटेशन के लिए) और सभी इस श्रृंखला की तैयारी कर रहे थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मुझे पता है कि उन्होंने अच्छी तैयारी की है और वे जानते हैं कि उन्हें क्या करने की आवश्यकता है।’’
कुलदीप और चाहर वापसी कर रहे हैं लेकिन प्रसिद्ध कृष्णा, आवेश खान और मोहम्मद सिराज पिछले छह महीनों से एकदिवसीय ढांचे का हिस्सा हैं। राहुल ने कहा, ‘‘आवेश, सिराज और प्रसिद्ध आईपीएल की शुरुआत से ही लगातार खेल रहे हैं। यह उनके शरीर के प्रबंधन और रणनीतियों से जुड़ा है इसलिए उनके साथ बैठकर बात करने की जरूरत है।
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