इससे बढकर कुछ नहीं , 36 रन पर सिमटने के बाद यह जीत अवास्तविक: रवि शास्त्री
वह सिडनी में भी जीत दिला देता अगर क्रीज पर कुछ देर और टिक गया होता। इस बार उसने सुनिश्चित किया कि अंत तक डटे रहना है। जब अच्छी विकेटकीपिंग नहीं करता तो उसकी आलोचना होती है लेकिन वह इस तरह से मैच जिता सकता है।
कोच ने कहा ,‘‘ पराजित होना अलग बात है लेकिन हार मानना हमारे शब्दकोष में नहीं है।’’ भारतीय टीम ने 328 रन का रिकार्ड लक्ष्य हासिल करके बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी अपने पास रखी। शास्त्री ने कहा कि क्रिकेट जगह इस प्रदर्शन को लंबे समय तक याद रखेगा। ऋषभ पंत की 89 रन की नाबाद पारी के दम पर भारत ने 32 बरस बाद आस्ट्रेलिया को ‘गाबा के किले’ पर धूल चटाई। विकेट के पीछे खराब प्रदर्शन के लिये आलोचना झेलने वाले पंत का बचाव करते हुए शास्त्री ने कहा,‘‘पंत जब से मैदान पर उतरा, उसकी नजरें लक्ष्य पर ही थी। वह स्कोर बोर्ड देख रहा था।’’Feeling defeated is one thing but giving up isn't in our vocabulary, team showed it. Virat may not be here but his character & personality stamp is there for everyone to see in team. For Ajinkya to take over the way he did was simply unreal:R Shastri,Team India Coach in Australia https://t.co/2a2AveGUYb pic.twitter.com/1U3QZLOB4p
— ANI (@ANI) January 19, 2021
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उन्होंने कहा ,‘‘वह अच्छा श्रोता है। एक कोच किसी का स्वाभाविक खेल नहीं बदल सकता लेकिन आक्रामकता और सजगता के बीच संतुलन बिठाना होता है। आप गैर जिम्मेदार नहीं हो सकते। ऋषभ ने यह सीख लिया है।’’ शास्त्री ने कहा कि सिडनी टेस्ट में 97 रन बनाने वाला पंत अगर टिक जाता तो भारत वह मैच भी जीत सकता था। उन्होंने कहा, ‘‘वह सिडनी में भी जीत दिला देता अगर क्रीज पर कुछ देर और टिक गया होता। इस बार उसने सुनिश्चित किया कि अंत तक डटे रहना है। जब अच्छी विकेटकीपिंग नहीं करता तो उसकी आलोचना होती है लेकिन वह इस तरह से मैच जिता सकता है।
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