सेब व्यापारियों पर नहीं, कश्मीर की अर्थव्यवस्था पर हमला कर रहे हैं आतंकी
फल मंडी शोपियां के प्रधान मुहम्मद अशरफ वानी ने कहा कि सेब तो हमारी अर्थव्यवस्था का मजबूत हिस्सा है। हम तो बाहरी राज्यों के ट्रांसपोर्टरों पर निर्भर हैं। जिस तरह से ट्रक चालक और सेब व्यापारी की हत्या हुई है, उससे हमारा कारोबार ठप हो गया है।
कश्मीर में प्रवासी श्रमिकों को रोकने के लिए निर्माण कार्यों से जुड़े ठेकेदारों को भी कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है। वे उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिला रहे हैं, लेकिन उनकी बात सुनने को कोई तैयार नहीं है। 65 प्रतिशत सरकारी निर्माण कार्य ठप पड़ गए हैं। बडगाम से सुबह पांच यात्री बसें बाहरी श्रमिकों को कथित तौर पर लेकर निकली हैं। ये सभी मजदूर बताए गए हैं। श्रमिकों का कहना है कि हम तो स्थिति में सुधार की बात सुनकर यहां आए थे। जिस तरह से पुलवामा में श्रमिक को मारा गया है, ऐसे में हम यहां नहीं रह सकते। ये प्रवासी श्रमिक 5 अगस्त को सरकारी चेतावनी के बाद पलायन कर गए थे और पिछले हफ्ते ही वापस कश्मीर लौटे हैं।
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फल मंडी शोपियां के प्रधान मुहम्मद अशरफ वानी ने कहा कि सेब तो हमारी अर्थव्यवस्था का मजबूत हिस्सा है। हम तो बाहरी राज्यों के ट्रांसपोर्टरों पर निर्भर हैं। जिस तरह से ट्रक चालक और सेब व्यापारी की हत्या हुई है, उससे हमारा कारोबार ठप हो गया है। यह किसी बाहरी आदमी का कत्ल नहीं है, यह हम लोगों का, हमारी तहजीब और रोजी-रोटी का कत्ल है। कोई भी ट्रक चालक अब बाग में आकर माल लेने को तैयार नहीं है। इतना जरूर था कि आतंकी हमलों और उनके द्वारा सेब की फसल से जुड़े लोगों की हत्याएं किए जाने के बाद हालांकि प्रशासन ने ट्रक चालकों को निर्देश दिया है कि अगर कोई वादी के भीतरी इलाके में जाता है तो दिन ढलने से पहले निकल जाए। अगर रुकना पड़े तो सुरक्षा शिविर में ही शरण लें। लेकिन ट्रक चालकों को यह आश्वासन आश्वस्त नहीं कर पा रहे हैं और वे आतंकी हमलों से घबरा कर बिना फसल लोड किए ही लौटने लगे हैं।
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यही नहीं श्रमिकों की बस्तियों और फ्रूट मंडियों की सुरक्षा बढ़ाने के साथ ही अंदरुनी इलाकों की सड़कों पर भी सुरक्षा बलों की गश्त बढ़ा दी गई है। फ्रूट मंडियों, ट्रक अड्डों के आसपास सीआरपीएफ व अन्य केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। राज्य प्रशासन ने वादी में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करते हुए उसे नए सिरे से चाक चौबंद किया है। पर इन सबके बावजूद पाक परस्त आतंकियों ने सेब कारोबारियों को निशाना बनाने की अपनी साजिश को जारी रखते हुए उत्तरी कश्मीर के सोपोर मंडी में लायी गई सेब की एक खेप को जला दिया है। अलबत्ता, आतंकियों ने वहां किसी को जानी नुकसान नहीं पहुंचाया है। फिलहाल, पुलिस ने इस संदर्भ में एक मामला दर्ज कर छानबीन शुरु कर दी है। इस बीच पुलिस ने शोपियां में ट्रक चालक और सेब व्यापारी की हत्या में लिप्त हिजबुल मुजाहिदीन के जिला कमांडर नवीद बाबू और राहिल मागरे के पोस्टर जारी किए हैं। पुलिस ने इन आतंकियों का सुराग देने वाले को इनाम देने का भी ऐलान किया है।
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पिछले पांच दिनों में कश्मीर में हुई पांच आतंकवादी घटनाओं ने एक बार फिर कश्मीर में दहशत का माहौल व्याप्त कर दिया है। तीन प्रवासी लोगों की हत्या और गत रात सेब की पेटियों को आग के हवाले करने की घटना के बाद घाटी में मौजूद बाहरी लोगों व ट्रक चालकों में असुरक्षा की भावना पैदा हो गई है। हालांकि राज्य सरकार ने अन्य राज्यों के ट्रक चालकों, श्रमिकों और सेब व्यापारियों की सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजना शुरू कर दिया है। ट्रक चालकों को सुरक्षा बलों के शिविर में जाने के लिए कहा गया है। इसके अलावा फ्रूट मंडी परिसर में भी ठहरने की हिदायत दी गई है। हाईवे पर भी उन्हें निर्धारित स्थानों पर ही रुकने के लिए कहा गया है।
गुरुवार देर रात आतंकवादियों ने शोपिया फ्रूट मंडी में सेब पेटियों में आग लगा दी। हालांकि इस घटना में किसी तरह का जानी नुकसान नहीं हुआ। सूत्रों की मानें तो सिर्फ जिला शोपियां में ही इस समय अन्य राज्यों के करीब पांच सौ ट्रक चालक हैं। इन्हें बस स्टैंड, फ्रूट मंडी और जिला उपायुक्त कार्यालय परिसर में रखा गया है। करीब दो दर्जन से ज्यादा ट्रकों को शोपियां में एक सुरक्षा शिविर में ले जाया गया है, जबकि अगलर फ्रूट मंडी में लगभग एक दर्जन ट्रक चालकों को रखा गया है। अनंतनाग में भी सभी ट्रक चालकों, श्रमिकों की बस्तियों व फ्रूट मंडियों की सुरक्षा बढ़ाई गई है।
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जिला उपायुक्त शोपियां यासीन चौधरी ने कहा कि हमने अन्य राज्यों के ट्रक चालकों को अगलर फ्रूट मंडी में जमा होने के लिए कहा है। यह सुरक्षित जगह है। मंडी में जिले के विभिन्न हिस्सों से किसान और सेब व्यापारी छोटे वाहनों में सेब लेकर आराम से आ सकते हैं। तीन लोगों की हत्या के बाद अन्य राज्यों के श्रमिक फिर से अपने घरों को वापस लौटने लगे हैं। दरअसल, आतंकी और अलगाववादी सुधर रहे हालात से हताश हैं। माहौल बिगाड़ने के लिए वे हर तरह की साजिश कर रहे हैं।
पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 हटने के बाद हालात सुधरने पर राज्य प्रशासन ने कई तरह की पाबंदियों को हटा लिया था। इस क्रम में लैंडलाइन और हाल ही में मोबाइल पोस्टपेड सेवाओं को बहाल किया गया था। इससे यहां फिर से बाहरी श्रमिकों की आमद शुरू हो गई थी। बाहर से व्यापारी भी आने लगे थे। सितंबर की शुरुआत तक सेब का निर्यात लगभग थम-सा गया था। अक्तूबर के पहले सप्ताह तक 25 फीसद तक निर्यात हो चुका है। बंद पड़ी निर्माण योजनाएं भी गति पकड़ने लगी थीं।
गत सोमवार को राजस्थान के ट्रक चालक की हत्या, बुधवार को श्रमिक और सेब व्यापारी की हत्या ने वादी का माहौल खराब कर दिया। दहशत के चलते सेब व्यापारी और ट्रक चालक बोरिया बिस्तर समेट चुके हैं। श्रमिकों ने फिर से अपने घरों का रुख कर लिया है। गर्मी के दिनों में कश्मीर में अन्य राज्यों से करीब चार से पांच लाख श्रमिक आते हैं। सर्दियों में पारा गिरने से लगभग सभी श्रमिक कश्मीर से चले जाते हैं। अमृतसर से सटे गागोमल गांव के रहने वाले कुलवंत सिंह ने कहा कि मैं यहां बीते 20 साल से लगातार आ रहा हूं। पहली बार खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा हूं।
सेब की फसल को आग लगाने की घटना गुरुवार रात की है। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक रात को करीब 11 बजे स्वचालित हथियारों से लैस आतंकियों का एक दल सोपोर फ्रूट मंडी में दाखिल हुआ था। आतंकियों ने वहां स्थानीय किसानों द्वारा नैफेड को बेचने और बाहर निर्यात के लिए रखी गई सेब की पेटियों को आग लगा दी। आतंकियों ने वहां मौजूद कुछ ट्रक चालकों को भी कथित तौर पर पीटा और उन्हें कश्मीर छोड़ने का फरमान सुनाया। अलबत्ता, पुलिस ने इस तथ्य की पुष्टि नहीं की है।
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सोपोर फ्रूट मंडी में सेब की पेटियों को जलाए जाने की खबर मिलते ही पुलिस और दमकल कर्मी मौके पर पहुंच गए, लेकिन तब तक आतंकी वहां से निकल चुके थे और सेब की पेटियां जल चुकी थीं। पुलिस ने वहां मौजूद जो भी थोड़ बहुत ट्रक चालक थे, उन्हें उसी समय निकटवर्ती सुरक्षित जगह पर पहुंचाया। बीते पांच दिनों के दौरान आतंकी दक्षिण कश्मीर में एक ट्रक चालक और एक सेब व्यापारी समेत तीन बाहरी लोगों की हत्या कर चुके हैं। उत्तरी कश्मीर के सोपोर में आतंकियों ने सितंबर माह की शुरुआत में तीन सेब व्यापारियों के अलावा एक ढाई साल की बच्ची को गोली मारकर जख्मी किया था।
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गौरतलब है कि गत सोमवार को आतंकियों ने शोपियां के श्रीमाल इलाके में राजस्थान के चालक शरीफ खान की हत्या कर ट्रक को आग लगा दी थी। इसके बाद बुधवार शाम को त्रेंज शोपियां में आतंकियों ने पंजाब के दो व्यापारियों को गोली मारी। इनमें एक की मौके पर ही मौत हो गई। दूसरे की हालत गंभीर है। इस बीच अधिकारी कहते हैं कि दोनों वारदातों का सूत्रधार हिज्ब का जिला कमांडर नवीद है। उस पर सुरक्षा बलों ने सात लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है। उसके इशारे पर हिज्ब और जैश के आतंकियों के संयुक्त दस्ते ने चालक व सेब व्यापारी को निशाना बनाया है। नवीद के साथी राहिल मागरे और एक पाकिस्तानी आतंकी को श्रीमाल में स्थानीय लोगों ने कथित तौर पर ट्रक चालक को अगवा करते देखा था। पुलिस ने अपने तंत्र से पता लगाया है कि वारदात के समय नवीद अपने साथियों संग संबंधित इलाकों में ही घूम रहा था। उसने गत माह पोस्टर जारी कर स्थानीय लोगों को देश की मंडियों में सेब निर्यात न करने की धमकी दी थी। उसने 10 अगस्त को शोपियां की एक मस्जिद में लोगों को धमकियां दी थीं। आतंकी बनने से पूर्व नवीद मुश्ताक राज्य पुलिस में बतौर कांस्टेबल तैनात था। वह वर्ष 2017 में आतंकी बना था।
-सुरेश एस डुग्गर
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