प्रिया प्रकाश वारियर की स्टारडम समाज के ठेकेदारों को पसंद नहीं आ रही
26 सेकेंड का वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर इस कदर वायरल हुआ कि लोग प्रिया के दीवाने हो गए....क्या बच्चे, क्या जवान और क्या बूढ़े....हर कोई प्रिया के कजरारे नैनों पर फिदा हो गया।
मलयाली फिल्म से डेब्यू करने जा रही 18 साल की प्रिया प्रकाश वारियर अपनी आंख मारने की अदा से इंटरनेट पर तहलका मचा देगी इसका अंदाजा उसे भी नहीं होगा। 26 सेकेंड का वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर इस कदर वायरल हुआ कि लोग प्रिया के दीवाने हो गए....क्या बच्चे, क्या जवान और क्या बूढ़े....हर कोई प्रिया के कजरारे नैनों पर फिदा हो गया। केरल के त्रिशूर की रहने वाली बी. कॉम की छात्रा प्रिया अपनी इस अदा से रातोंरात स्टार बन जाएगी ये उसने भी नहीं सोचा होगा। प्रिया की आंख मारने वाली तस्वीर जैसे ही सोशल मीडिया पर आई....इंस्टाग्राम पर फॉलोआर्स की बाढ़ आ गई....24 घंटे के भीतर प्रिया के 10 लाख फॉलोअर्स हो गए। जिस लड़की को कल तक कोई नहीं जानता था उसकी चर्चा भारत ही नहीं पूरी दुनिया में होने लगी।
लेकिन समाज के कुछ ठेकेदारों को इंटरनेट पर प्रिया को रातोंरात मिली स्टारडम पसंद नहीं आई। हैदराबाद में कुछ युवकों ने प्रिया के गाने को मुस्लिम विरोधी बताते हुए फिल्म के डायरेक्टर के खिलाफ थाने में केस दर्ज करा दिया। थाने में दर्ज अपनी शिकायत में उन युवकों का कहना है कि डायरेक्टर ने गाने के जरिए उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। वैसे फिल्म के डायरेक्टर ओमर लूलू का साफ कहना है कि उनका ये गाना इस्लाम विरोधी नहीं है।
खुद प्रिया प्रकाश की मानें तो उसने जानबूझकर कुछ नहीं किया। प्रिया का कहना है कि उससे डायरेक्टर ने कहा था कि कुछ क्यूट सा करो, मुझे बताया गया कि आंख मारना है और हमने ऑन द स्पॉट ये सीन कर दिया। अब सवाल उठता है कि समाज के ठेकेदारों को प्रिया की फिल्म के गाने पर आपत्ति है या फिर उसके आंख मारने पर...जरा सोचिए अगर फिल्म का हीरो आंख मारता तो क्या उस पर भी हायतौबा मचती। अगर आप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे 26 सेकेंड के वीडियो को देखें तो इसमें ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे किसी को आपत्ति हो।
70 और 80 के दशक को याद कीजिए...जब लड़के आंख मारकर लड़की को प्रपोज करते थे...कहा जाता था अगर आंख मारने पर लड़की ने मुस्कुरा दिया तो समझो की बात बन गई। लेकिन आज हालात बदल गए हैं...आज लड़कों को आंख मारने की नौबत नहीं आती। खैर इन बातों को छोड़ हम अपने विषय पर आते हैं...आखिर हमारे देश में ये सब कब तक चलता रहेगा....किसी के आंख मारने से अगर किसी की भावना आहत होती है तो फिर हमारे देश को भगवान ही बचाए।
कुछ लोगों को पद्मावती से परेशानी हुई तो उन्होंने पूरे देश में बखेड़ा कर दिया...वेलेंटाइन डे पर देशभर में हिंदू संगठनों के लोगों ने किस कदर संग्राम मचाया उसे टेलीवीजन पर सभी ने देखा...कहीं पार्क में बैठे प्रेमी-जोड़े से उठक-बैठक करवाई गई तो कहीं पार्क में ही ताला जड़ दिया गया। समाज के चंद ठेकेदार अपनी बात मनवाने के लिए बवाल करते हैं लेकिन हमारी सरकार खामोश रहती है। हमने बीजेपी के किसी नेता को आजतक उन लोगों की निंदा करते नहीं सुना जो वेलेंटाइन डे के नाम पर गुंडागर्दी करते हैं। प्रिया प्रकाश की फिल्म के गाने के खिलाफ हैदराबाद में आवाज उठी लेकिन शहादत पर सियासत करने वाले एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी चुप हैं।
प्रिया प्रकाश ने ऐसा कुछ भी नहीं किया जिससे किसी की भावना को ठेस पहुंचे...लोगों को ये समझना होगा कि वो सिर्फ फिल्म में एक किरदार निभा रही है।
मनोज झा
(लेखक एक टीवी चैनल में वरिष्ठ पत्रकार हैं)
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