कुछ अलग करने का है मन तो लेक्सोग्राफी के क्षेत्र में बनाएं कॅरियर
एक लेक्सोग्राफर को संबंधित भाषा का गहरा ज्ञान होना चाहिए। अंग्रेजी पर उनकी पकड़ काफी अच्छी होनी चाहिए। साथ ही विभिन्न भाषाओं को जानने की जिज्ञासा, पढ़ने की आदत, अनुसंधान और विश्लेषणात्मक कौशल, टीम वर्क और लिखित संचार कौशल, प्रभावी समय प्रबंधन और संगठनात्मक कौशल हैं।
वर्तमान समय में, छात्रों के लिए संभावनाओं का एक खुला आसमान है, जहां पर वह विचरण करके एक सुखद व सफल भविष्य बना सकते हैं। ऐसा ही एक क्षेत्र है लेक्सोग्राफी। हो सकता है कि आपके लिए यह शब्द नया हो, लेकिन हम आपको बता दें कि शब्दकोश प्रारूप में 'शब्द' लिखने की कला को लेक्सोग्राफी कहते हैं। लैंग्वेंज स्टडी के इतिहास में इसका एक अहम् स्थान है। जिसमें शब्दकोश निर्माण के दौरान इतिहास, थ्योरी, मैथडोलॉजी और टाइपोलॉजी शामिल है। अगर आप भी अलग−अलग भाषाओं के साथ अपना भविष्य देखते हैं तो आप लैक्सोग्राफी के क्षेत्र में अपना कॅरियर बना सकते हैं। तो चलिए जानते हैं कि इस क्षेत्र में कैसे बनाएं अपना कॅरियर−
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क्या होता है काम
लेक्सोग्राफर एक प्रोफेशनल भाषाविद् होते हैं, जो डिक्शनरी, एनसाइक्लोपीडिया व अन्य रेफरेंस टेक्स्ट जैसे लॉ और मेडिकल डिक्शनरी बनाने के लिए रिसर्च, लेखन, संकलन व संपादन करते हैं। आमतौर पर, लेक्सोग्राफी को दो शाखाओं में विभाजित किया गया है, पहला प्रैक्टिकल लेक्सोग्राफी और दूसरा सैद्धांतिक लेक्सोग्राफी। प्रैक्टिकल लेक्सोग्राफी में शब्दकोशों का संकलन, लेखन और संपादन की प्रक्रिया शामिल है। वहीं सैद्धांतिक लेक्सोग्राफी में लैंग्वेंज की स्टडी और इसकी शब्दावली के अध्ययन पर ध्यान केन्द्रति किया जाता है। इस प्रकार अगर देखा जाए तो एक लेक्सोग्राफर का काम सिर्फ परिभाषाएं लिखना ही नहीं होता, बल्कि सही लोगों के लिए सही परिभाषा लिखना होता है।
पर्सनल स्किल्स
एक लेक्सोग्राफर को संबंधित भाषा का गहरा ज्ञान होना चाहिए। अंग्रेजी पर उनकी पकड़ काफी अच्छी होनी चाहिए। साथ ही विभिन्न भाषाओं को जानने की जिज्ञासा, पढ़ने की आदत, अनुसंधान और विश्लेषणात्मक कौशल, टीम वर्क और लिखित संचार कौशल, प्रभावी समय प्रबंधन और संगठनात्मक कौशल हैं। इसके अलावा आपको ग्रामाटिकल और कम्प्यूटेशनल भाषा का भी अच्छा ज्ञान होना चाहिए। एक बेहतरीन क्रिटिकल थिंकिंग, ओपन−मांइडेड, व हर छोटी बातों पर गहरी नजर होनी चाहिए। लेक्सोग्राफी एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें आपको कड़ी मेहनत और पूर्ण रूप से जिम्मेदारी निभाना आना चाहिए।
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शैक्षणिक योग्यता
इस क्षेत्र में कॅरियर देख रहे छात्रों को अंग्रेजी या किसी अन्य संबंधित भाषा में मास्टर या डॉक्टरेट की डिग्री होना आवश्यक है। वर्तमान में देश में ऐसे कई विश्वविद्यालय हैं, जो विभिन्न भाषाओं जैसे अंग्रेजी, हिन्दी, संस्कृत, तमिल, पंजाबी आदि में लेक्सोग्राफी पाठ्यक्रम संचालित करते हैं।
संभावनाएं
लेक्सोग्राफर कई पब्लिशिंग हाउस के लिए काम करते हैं। वह अपना कॅरियर असिसटेंट एडिटर या फिर जूनियर एडिटोरियल असिसटेंट के तौर पर शुरू कर सकते हैं। कुछ अनुभव प्राप्त करने के बाद आप बतौर लेक्सोग्राफर काम कर सकते हैं।
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आमदनी
यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें लोग सैलरी के लिए नहीं, बल्कि अपनी खुशी के लिए काम करते हैं। एक पब्लिशिंग हाउस में काम करने वाले लेक्सोग्राफर 15000 से 20000 रूपए प्रतिमाह कमा सकते हैं। वैसे कई लेक्सोग्राफर एक फ्रीलांसर के तौर पर काम करते हैं और इस तरह वह हर प्रोजेक्ट के लिए चार्ज करते हैं।
प्रमुख संस्थान
डेक्कन संस्थान, पुणे
पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला
मद्रास विश्वविद्यालय
केरल विश्वविद्यालय, केरल
भारथिअर यूनिवर्सिटी, कोयंबटूर
वरूण क्वात्रा
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