जांबाज वन अधिकारी बनें और करें देश सेवा
आईएएस यानी, इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज और आईपीएस यानी, इंडियन पुलिस सर्विसेज बहुधा प्रयोग में लाई जाती हैं और लोग इसके बारे में काफी कुछ जानते हैं, जबकि आईएफएस के बारे में कम लोग ही जानते हैं।
आईएफएस, यानी इंडियन फॉरेस्ट सर्विसेज। जिस प्रकार से आईएएस और आईपीएस नामक भारतीय सेवाएं होती हैं, ठीक उसी प्रकार आईएफएस भी इसी रैंक की सेवा होती है।
हालांकि आईएएस यानी, इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज और आईपीएस यानी, इंडियन पुलिस सर्विसेज बहुधा प्रयोग में लाई जाती हैं और लोग इसके बारे में काफी कुछ जानते हैं, जबकि आईएफएस के बारे में कम लोग ही जानते हैं।
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अगर आप भी आईपीएस अधिकारी बनना चाहते हैं तो उसके कार्यों को आप अवश्य समझ लें। इनका मुख्य कार्य वनों की सुरक्षा करना होता है। जिस प्रकार से वनों में अवैध वृक्षों की कटाई की जाती है और वनों में तमाम प्राणियों को अवैध रूप से मार डाला जाता है, और उसकी तस्करी की जाती है, उसकी सुरक्षा के लिए वन सेवा अधिकारी नियुक्त होते हैं।
जिस प्रकार आईएएस, आईपीएस के लिए यूपीएससी यानी यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन एग्जाम आयोजित करता है, आईएफएस के लिए भी आपको ऐसा ही एग्जाम देना पड़ता है। इसके लिए आपको मैथ, फिजिक्स, केमिस्ट्री या फिर जीव विज्ञान, पशु चिकित्सा विज्ञान और पशुपालन अथवा इंजीनियरिंग इत्यादि किसी एक स्ट्रीम से ग्रेजुएशन होना आवश्यक है।
अगर इसके लिए एज की बात करें तो 21 साल से लेकर 32 साल के बीच में आप अप्लाई कर सकते हैं। वहीं अनुसूचित जाति और जनजातियों के लिए इंडियन गवर्नमेंट द्वारा उम्र में संबंधित छूट दी जाती है।
आप आईएफएस के एग्जाम को आसान ना समझें, बल्कि यह भी आईएएस और आईपीएस की तरह ही कठिन एग्जाम होता है। इसके लिए भी आपको पहले प्री, यानी प्रारंभिक परीक्षा देनी पड़ती है, फिर मेंस, अर्थात मुख्य परीक्षा होती है और तत्पश्चात इंटरव्यू देने के बाद आप इसके लिए सिलेक्ट होते हैं।
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तैयारी का पैटर्न भी कमोबेश सिमिलर ही होता है, किंतु आईएफएस के सिलेबस में एग्रीकल्चर, पशुपालन, केमिस्ट्री, मैथ और स्टैटिसटिक्स के साथ-साथ इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, इंडियन हिस्ट्री, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, पॉलीटिकल साइंस, फिजिक्स, साइकोलॉजी, सार्वजनिक प्रशासन, प्राणी विज्ञान इत्यादि से संबंधित प्रश्न कवर किये जाते हैं।
अगर आप इन एक्जाम्स में सिलेक्ट हो जाते हैं तो आपको नियुक्ति दी जाती है। पदों की बात करें तो इसमें सहायक वन संरक्षक, जिला वन संरक्षक, वन संरक्षक प्रमुख, वन संरक्षक जैसे पद सम्मिलित हैं। इसके अलावा सबसे सीनियर पदों में प्रधान वन संरक्षक एवं वन महा निरीक्षक की रैंक होती है। जाहिर तौर पर शुरुआत में जिम्मेदारियां कम होती हैं, किंतु बाद में यह जिम्मेदारियां धीरे-धीरे बढ़ती ही चली जाती हैं और आपको उस अनुरूप कार्य करना पड़ता है।
भारत भर में मौजूद तमाम नेशनल पार्क और जहां पर अभ्यारण इत्यादि बनाए गए हैं, वहां पर इन ऑफिसर्स की तैनाती होती है।
सच कहा जाए तो इस जॉब में वही लोग बेहतरीन ढंग से कार्य कर सकते हैं, जो अपनी जॉब को प्यार करते हैं। वन्यजीवों के अलावा तमाम आदिवासियों से भी इन लोगों का सामना होता है और अगर एक आईएफएस ऑफिसर के पास पेशेंस और करेज नहीं है, तो उसका काम करना बड़ा मुश्किल होता है।
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हालांकि इसके लिए आवश्यक ट्रेनिंग जरूर दी जाती है। अगर आप प्री, मेंस और इंटरव्यू में सिलेक्ट हो जाते हैं, तो उसके बाद आपको शुरुआती प्रशिक्षण के लिए लाल बहादुर शास्त्री अकादमी में भेजा जाता है, जहां पर तमाम सब्जेक्ट की गहन जानकारी आपको दी जाती है।
उसके बाद आपको इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी, जो देहरादून में स्थित है, वहां पर भेजा जाता है। वहां पर आपको वन प्रबंधन, मृदा संरक्षण, आदिवासी कल्याण, वन्यजीव प्रबंधन सर्वेक्षण करने तथा दूसरे ऑन जॉब ट्रेनिंग दी जाती है। इसके बाद आप कहीं तैनाती के काबिल हो पाते हैं।
सैलरी की बात करें तो स्टैण्डर्ड सेलरी स्ट्रक्चर होता है। सामान्यतः इनकी सैलरी ₹15600 से लेकर ₹40000 तक होती है। उन्हें प्रत्येक माह ग्रेड पे के तौर पर ₹5400 भी मिलते हैं। वेतन आयोगों की सिफारिशों के आधार पर इनकी सेलरी बढती रहती है। हालाँकि, इनको सैलरी के अलावा और बहुत सारी सुविधाएं भी प्राप्त होती हैं, साथ ही साथ इन्हें समाज में बहुत सम्मान भी मिलता है।
- मिथिलेश कुमार सिंह
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