YES बैंक को चौथी तिमाही में करोड़ो का घाटा, फंसे कर्ज का बढ़ा प्रावधान
चौथी तिमाही में हुए भारी-भरकम घाटे से पूरे वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान कंपनी का मुनाफा 2017-18 के 4,224 करोड़ रुपये से कम होकर 1,720 करोड़ रुपये पर आ गया।
नयी दिल्ली। निजी क्षेत्र के येस बैंक को वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में 1,506 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। इससे पहले वित्त वर्ष 2017-18 की समान तिमाही में बैंक को 1,179 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था। बैंक ने कहा कि उसे यह नुकसान फंसे कर्ज के लिये किये जाने वाले प्रावधान में नौ गुना से अधिक वृद्धि के कारण हुआ। चौथी तिमाही में हुए भारी-भरकम घाटे से पूरे वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान कंपनी का मुनाफा 2017-18 के 4,224 करोड़ रुपये से कम होकर 1,720 करोड़ रुपये पर आ गया।
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यदि येस बैंक को 831 करोड़ रुपये वापस नहीं होते तो आलोच्य तिमाही के दौरान बैंक का घाटा और अधिक होता। आलोच्य तिमाही के दौरान फंसे कर्ज के लिये किया जाने वाला प्रावधान 399 करोड़ रुपये से करीब 10 गुना बढ़कर 3,661 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। बैंक ने बताया कि उसकी कुल आय पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के 7,163.95 करोड़ रुपये के मुकाबले मार्च 2019 में समाप्त चौथी तिमाही में बढ़कर 8,388.38 करोड़ रुपये हो गयी।
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इस दौरान ब्याज से होने वाली आय भी एक साल पहले के 5,742.98 करोड़ रुपये की तुलना में बढ़कर 7,856.54 करोड़ रुपये हो गयी। इस दौरान बैंक की एकीकृत गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) 1.28 प्रतिशत से बढ़कर 3.22 प्रतिशत पर पहुंच गयी। बैंक के नये प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवनीत गिल ने प्रबंधन में व्यापक फेरबदल के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि वह मौजूदा प्रबंधन टीम को अस्थिर नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह बैंक को सही कंपनी संचालन के रास्ते पर लेकर जाना चाहते हैं और इस दिशा में लोगों की नियुक्तियां की जाएगी। उन्होंने बैंक की खुदरा इकाई के लिये नये प्रमुख की तलाश की भी जानकारी दी।
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