सिंधु जल संधि के तहत नदियों से पाकिस्तान जाने वाला पानी रोकेगी सरकार
पुलवामा आतंकी हमले के हफ्ते भर बाद उन्होंने यह टिप्पणी की। हालांकि, एक अधिकारी ने बाद में स्पष्ट किया कि यह कोई नया फैसला नहीं है और जल संसाधन मंत्री सामान्य तौर पर वही दोहरा रहे हैं जो वह हमेशा कहते आए हैं।
नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत ने सिंधु जल संधि के तहत नदियों से अपने हिस्से का पानी पाकिस्तान जाने से रोकने का फैसला किया है। पुलवामा आतंकी हमले के हफ्ते भर बाद उन्होंने यह टिप्पणी की। हालांकि, एक अधिकारी ने बाद में स्पष्ट किया कि यह कोई नया फैसला नहीं है और जल संसाधन मंत्री सामान्य तौर पर वही दोहरा रहे हैं जो वह हमेशा कहते आए हैं।
गडकरी ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने पाकिस्तान की ओर बहने वाले ‘हमारे हिस्से के पानी’ को रोकने का फैसला किया है। हम पूर्वी नदियों की धारा को बदल देंगे और उसे जम्मू कश्मीर तथा पंजाब में अपने लोगों तक पहुंचायेंगे। पुलवामा आतंकी हमले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने पर यह बात कही गई है। 14 फरवरी को हुए इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
इसे भी पढ़ें: भारत ने पाक को दिया बड़ा झटका, तीन नदियों का पानी रोका
भारत ने पाकिस्तान को दिए गये तरजीही राष्ट्र (एमएफएन) का दर्जा भी कुछ ही दिन पहले वापस लेने का फैसला किया था। साथ ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय में उसे अलग थलग करने की कूटनीतिक कोशिशें की जा रही हैं। गडकरी के इस ट्वीट के बारे में जल संसाधन मंत्रालय की प्रभाारी सूचना अधिकारी नीता प्रसाद ने इस मुद्दे पर पूछे जाने पर कहा का सिंधु संधि के बारे में ट्वीट (गडकरी का), कोई नया फैसला नहीं है। मंत्रीजी ने सामान्य तौर पर वही बात दोहराई है जो हमेशा कहते आए हैं। वह सिंधु के जल का पाकिस्तान जाने वाले भारत का हिस्सा मोड़ने की बात कर रहे हैं- और वह हमेशा से यह कहते आए हैं।
अधिकारियों ने कहा कि फैसले के वास्तविक क्रियान्वयन में छह साल तक का वक्त लग सकता है क्योंकि जल का प्रवाह रोकने के लिए 100 मीटर की ऊंचाई वाले बांध बनाने होंगे। उल्लेखनीय है कि 1960 की सिंधु जल संधि के तहत पश्चिम की नदियों- सिंधु, झेलम और चेनाब का जल पाकिस्तान को दिया गया जबकि पूर्वी नदियों - रावी, ब्यास और सतलुज का जल भारत को दिया गया।
इसे भी पढ़ें: नितिन गडकरी ने फिर कहा, मैं जो कहता हूं वह कर के दिखाता हूं
गडकरी ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि रावी नदी पर शाहपुर-कांडी बांध का निर्माण शुरू हो गया है। इसके अलावा यूजेएच परियोजना के जरिये जम्मू कश्मीर में उपयोग के लिये हमारे हिस्से के पानी का भंडारण होगा और शेष पानी दूसरी रावी व्यास लिंक के जरिये अन्य राज्यों के बेसिन में प्रवाहित होगा। इसबीच, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सरकार के इस फैसले की सराहना करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर द्वारा फिलहाल नहीं उपयोग किए जा रहे फाजिल जल का इस्तेमाल पंजाब, हरियाणा और राजस्थान कर सकेगा।
Nitin Gadkari:Construction of dam has started at Shahpur-Kandi on Ravi river.UJH project will store our share of water for use in J&K,&balance water will flow from 2nd Ravi-BEAS Link to provide water to other basin states.Above projects are declared as National projects(file pic) pic.twitter.com/nbdahU4Gm9
— ANI (@ANI) February 21, 2019
अन्य न्यूज़