'व्यापार के लिए स्टॉक किया जा रहा था गेहूं', जयशंकर बोले- निर्यात पर इसीलिए लगाई पाबंदी
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हम बहुत से कम आय वाले देशों को गेहूं का निर्यात करते रहे हैं लेकिन हमने देखा कि हमारे गेहूं का व्यापार के लिए स्टॉक किया जा रहा था। भारत में भी खाद्य संकट की स्थिति बन सकती थी। इसलिए हमने भारत से गेहूं के निर्यात की खुली पहुंच पर पाबंदी लगाई।
नयी दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को गेहूं निर्यात पर लगाई गई रोक की वजह बताई। उन्होंने कहा कि हमारे गेहूं का व्यापार के लिए स्टॉक किया जा रहा था। ऐसे में भारत में खाद्य संकट की स्थिति बन सकती है। इस वजह से निर्यात पर पाबंदी लगाई गई। दरअसल, गेहूं का निर्यात रुकने की वजह से बंदरगाहों पर काफी मात्रा में आनाज पड़ा हुआ है और मानसून आने की वजह से गेहूं को नुकसान हो सकता है।
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जरूरतमंद देशों की कर रहे हैं मदद
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हम बहुत से कम आय वाले देशों को गेहूं का निर्यात करते रहे हैं लेकिन हमने देखा कि हमारे गेहूं का व्यापार के लिए स्टॉक किया जा रहा था। भारत में भी खाद्य संकट की स्थिति बन सकती थी। इसलिए हमने भारत से गेहूं के निर्यात की खुली पहुंच पर पाबंदी लगाई। हम अभी भी जरूरमंद देशों की मदद कर रहे हैं। हमने इस साल भी लगभग 23 देशों को गेहूं निर्यात किया है।
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गौरतलब है कि भीषण गर्मी और लू की वजह से गेहूं उत्पादन प्रभावित होने की चिंताओं के बीच भारत ने अपने इस प्रमुख खाद्यान्न की कीमतों में आई भारी तेजी पर अंकुश लगाने के मकसद से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया। केंद्र सरकार ने कहा था कि पड़ोसी और कमजोर देशों की खाद्यान्न आवश्यकता को पूरा करने के अलावा इस फैसले से गेहूं और आटे की खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी जो पिछले एक साल में औसतन 14 से 20 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं।
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