बेरोजगारी की वजह से खाड़ी के कई देशों में अशांति: आईएमएफ
वैश्विक व्यापार तनाव, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और ब्रेक्जिट की प्रक्रिया सही तरीके से नहीं होने की वजह से भी इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ी है।
दुबई। बेरोजगारी और सुस्त आर्थिक वृद्धि की वजह से खाड़ी के कई देशों में सामाजिक तनाव और अशांति बढ़ रही है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने सोमवार को यह बात कही। आईएमएफ की क्षेत्रीय आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में कहा गया है कि अशांति की वजह से पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका क्षेत्र (मेना) क्षेत्र की वृद्धि दर प्रभावित हुई है।
Regional Economic Outlook: Middle East, North Africa, Afghanistan, & Pakistan with Jihad Azour, Director, IMF Middle East and Central Asia https://t.co/njKHH38gQl #MENA
— IMF (@IMFNews) October 28, 2019
इसके अलावा वैश्विक व्यापार तनाव, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और ब्रेक्जिट की प्रक्रिया सही तरीके से नहीं होने की वजह से भी इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ी है। इससे पहले इसी महीने आईएमएफ ने 2019 के लिए क्षेत्र की वृद्धि दर के अनुमान को घटा दिया था। आईएमएफ ने खाड़ी देशों और ईरान की वृद्धि दर का अनुमान पिछले साल के 1.1 प्रतिशत से घटाकर मात्र 0.1 प्रतिशत कर दिया था। आईएमएफ ने क्षेत्र की तीन बड़ी अर्थव्यवस्थाओं....सऊदी अरब, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की वृद्धि दर के अनुमान को कम किया है।
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आईएमएफ के पश्चिम एशिया और मध्य एशिया के निदेशक जिहाद अजूर ने कहा, ‘‘क्षेत्र के इन देशों की वृद्धि दर इतनी कम है कि इससे बेरोजगारी की समस्या से निपटना मुश्किल है।’’ अजूर ने साक्षात्कार में कहा, ‘‘क्षेत्र में युवाओं के स्तर पर बेरोजगारी की दर 25 से 30 प्रतिशत है। बेरोजगारी की समस्या को हल करने के लिए क्षेत्र में वृद्धि दर एक से दो प्रतिशत अधिक होनी चाहिए।’’ आईएमएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि बेरोजगारी की ऊंची दर की वजह से खाड़ी देशों में सामाजिक तनाव बढ़ रहा है।
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