चीन पर निर्भरता कम करने की कोशिश, लेकिन कंपनियों के लिए आसान नहीं है ये राह

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कोरोना वायरस के कारण कुछ कंपनियां ही चीन के कुशल कार्यबल और कच्चे माल के बेहतर आपूर्तिकर्ताओं को छोड़कर दूसरे देश में जाना चाहती हैं। पहले अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध और बाद में महामारी के कारण होने वाले व्यवधानों ने चेतावनी दी है कि वैश्विक कंपनियों के लिए चीन पर बहुत अधिक निर्भरता ठीक नहीं।

बीजिंग। अमेरिका, जापान और फ्रांस स्मार्टफोन, दवा और अन्य उत्पाद बनाने के लिए अपने देश की कंपनियों से चीन पर निर्भरता कम करने के लिए कह रहे हैं, लेकिन इन कंपनियों के लिए ऐसा करना आसान नहीं है। कोरोना वायरस के कारण कारोबार के प्रभावित होने के बाद भी कुछ कंपनियां ही चीन के कुशल कार्यबल और कच्चे माल के बेहतर आपूर्तिकर्ताओं को छोड़कर दूसरे देश में जाना चाहती हैं। पहले अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध और बाद में महामारी के कारण होने वाले व्यवधानों ने चेतावनी दी है कि वैश्विक कंपनियों के लिए चीन पर बहुत अधिक निर्भरता ठीक नहीं।

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दवा निर्माता अमेरिका और यूरोप से कच्चे माल की आपूर्ति कर चीन पर निर्भरता कम करने की कोशिश कर रहे हैं। दूसरी ओर उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, चिकित्सा उपकरण और अन्य उद्योगों की पसंद चीन ही है। दक्षिण चीन में अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष हार्ले सेडिन ने कहा, ‘‘मैं अभी एक भी ऐसी कंपनी के बारे में नहीं जानता हूं, जो यहां से जाने की योजना बना रही है।’’ दुनिया की कम लागत वाली फैक्ट्री के रूप में मशहूर चीन ने उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों को कम रखने में मदद की और पश्चिमी कॉरपोरेट मुनाफे को बढ़ाया। दूसरी ओर इसके चलते अमेरिका और यूरोप में मेहनतकश नौकरियों की कमी के कारण राजनीतिक तनाव बढ़ा है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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