बिना टेंशन करें World Tour, ट्रैवल कंपनियों ने निकाला ये जबरदस्त ऑफर
ट्रैवल कंपनियों को बाय नाउ, पे लेटर (बीएनपीएल) ऑफर की जोरदार मांग देखने को मिल रही है।इसकी सबसे ज्यादा डिमांड आईटी सेक्टर के प्रोफेशनल्स और हनीमून मनाने वालों के बीच बढ़ गई है।
विदेश यात्रा के सपने हर कोई देखता है किसी के पूरे हो जाते है तो कोई बस सोचता ही रह जाता है। वजह है पैसा। जी हां, अगर आपकी जेब में भरकर पैसा है तभी आप विदेश यात्रा करने का विचार अपने मन में रख सकते है। पैसे होने से हर चीज आसानी से हो भी जाती है। लेकिन अब ऐसा मत सोचे क्योंकि अब आप बिना किसी चिंता के विदेश यात्रा बड़ी आसानी से कर सकते है और अपनी पंसदीदा जगह घूम कर आ सकते है। अब आप सोच रहे होंगे कि कैसे? तो इसका जवाब हमारे पास है, जी हां आप विदेश घूमने के लिए ईएमआई का ऑप्शन ले सकते है। यानि की आप विदेश यात्रा के बाद किश्तों में पैसा वापस कर सकते हैं। इसका इस्तेमाल बड़ी संख्या में लोग कर रहे हैं। ऐसा इसिलए क्योंकि ये बहुत सुविधाजनक माना जाता है। कोरोना का कहर कम होने के कारण अब कई देशों ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानें फिर से शुरू कर दी हैं।
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क्या है बाय नाउ, पे लेटर स्कीम
दो साल की पाबंदियों के बाद लोगों की यात्रा करने की इच्छा भी अब बहुत ज्यादा बढ़ गई है। इसी को देखते हुए लोग अब ईएमआई पर विदेश घूमने का प्लान कर रहे हैं। ट्रैवल कंपनियों को बाय नाउ, पे लेटर' (बीएनपीएल) ऑफर की जोरदार मांग देखने को मिल रही है।इसकी सबसे ज्यादा डिमांड आईटी सेक्टर के प्रोफेशनल्स और हनीमून मनाने वालों के बीच बढ़ गई है। जानकारी के लिए बता दें कि ट्रैवल एजेंट्स के ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू (GMV) में ट्रैवल लोन का हिस्सा सिर्फ 1 से 2 फीसदी होता है। हालांकि, भुगतान विकल्प के रूप में, इसकी हिस्सेदारी GMV के लगभग 5 प्रतिशत होने की उम्मीद है। प्रमुख टूर ऑपरेटरों का कहना है कि ईएमआई का विकल्प ग्राहकों को आकर्षित कर रहा है। 40 प्रतिशत तक ग्राहक इस ऑप्शन को पसंद कर रहे है।
ईएमआई पर विदेश घूमने वालोंं की संख्या में इजाफा
मदुरा ट्रैवल सर्विस के एमडी श्रीहरन बालन ने बताया कि पहले लोग पैसे बचाकर घूमने जाया करते थे। लेकिन कोरोना के बाद उनके लिए कर्ज लेना और बाद में चुकाना आसान हो गया है।अब लोगों को ईएमआई की आदत हो गई है। उन्होंने कहा कि विदेश दौरों के लिए ईएमआई विकल्प का इस्तेमाल करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। 2019 में 10 फीसदी ऐसे लोग थे। 2022 में यह संख्या बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई।ट्रैवल फिनटेक SanKash ने जनवरी-जून के बीच 70 करोड़ रुपये के अंतरराष्ट्रीय ट्रैवल लोन को प्रोसेस किया है। कोरोना के बाद ऐसे कर्ज के लिए पूछताछ में भारी इजाफा हुआ है।
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