नयी औद्योगिक नीति में देश को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला से जोड़ने पर रहेगा जोर: प्रभु
उल्लेखनीय है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा उनके व्यापारिक साझीदारों पर गलत व्यापार तौर-तरीके अपनाने का आरोप लगाने के बाद विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के अस्तित्व पर ही प्रश्न चिह्न लगता नजर आ रहा है।
मुंबई। केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने शनिवार को कहा कि सरकार ऐसी नयी औद्योगिक नीति पेश करने जा रही है ताकि वैश्विक कंपनियां भारत को अपने उत्पादों के विनिर्माण और आपूर्ति की श्रृंखला में जोड़ने को प्रोत्साहित हों। उन्होंने कहा कि इससे संबंधित सभी पक्षों को लाभ होगा। प्रभु ने कहा कि आज के समय में दुसरे देशों के साथ मिलजुल कर ही कारोबार बढ़ सकता है।
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उन्होंने देश के वस्तु निर्यात में लगातार हो रही कमी एवं वैश्विक व्यापार के लिए बढ़ती चुनौतियों के बीच यह बात कही है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा उनके व्यापारिक साझीदारों पर गलत व्यापार तौर-तरीके अपनाने का आरोप लगाने के बाद विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के अस्तित्व पर ही प्रश्न चिह्न लगता नजर आ रहा है। दुनिया के सबसे बड़े उपभोक्ता अमेरिका एवं सबसे बड़े उत्पादक चीन के बीच व्यापार युद्ध से वैश्विक अर्थव्यवस्था की गति मंद पड़ गयी है।
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Efforts must be taken in building partnership with the countries of the world. No end to end manufacturing can take place in one geographical location and hence we encourage India to partner with other countries in order to achieve economic excellence. - Shri @sureshpprabhu pic.twitter.com/lKp1AuotVX
— Make in India (@makeinindia) January 12, 2019
कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में प्रभु ने कहा, “पूरी विनिर्माण प्रक्रिया एक ही भौगोलिक सीमा में पूरी नहीं हो सकती; इसके लिए वैश्विक मूल्य श्रृंखला, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की जरूरत होती है। इसलिए हम नयी औद्योगिक नीति पर चर्चा कर रहे हैं और हमारे मंत्रालय ने उसे अंतिम रूप दे दिया है। नयी औद्योगिक नीति को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने का इंतजार है। इस नयी नीति में पारस्परिक रूप से लाभदायक मूल्य श्रृंखला और आपूर्ति श्रृंखला बनाये जाने पर जोर है।”
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