बजट पेश होने के बाद बाजार मांग में दिखा सुधार, विनिर्माण गतिविधियों में हुआ इजाफा
बाजार मांग में सुधार का असर दिखना शुरू हो गया है। सोमवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण के अनुसार जनवरी में देश की विनिर्माण गतिविधियां आठ साल में सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गयी हैं। यह 2012 से 2020 की अवधि में इसका सबसे ऊंचा स्तर है।यह लगातार 30वां महीना है जब विनिर्माण पीएमआई 50 अंक से ऊपर रहा है।
नयी दिल्ली। बाजार मांग में सुधार का असर दिखना शुरू हो गया है। सोमवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण के अनुसार जनवरी में देश की विनिर्माण गतिविधियां आठ साल में सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गयी हैं। इससे उत्पादन और रोजगार गतिविधियों में भी बेहतरी दिख रही है। कंपनियों के खरीद प्रबंधकों (परचेजिंग मैनेजर) के बीच किए बीच किए जाने वाले मासिक सर्वेक्षण आईएचएस मार्किट मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई इंडेक्स (विनिर्माण पीएमआई) जनवरी में 55.3 अंक रहा है। यह 2012 से 2020 की अवधि में इसका सबसे ऊंचा स्तर है। इससे पहले दिसंबर में यह 52.7 अंक था। जबकि साल भर पहले जनवरी 2019 में यह आंकड़ा 53.9 अंक था।
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यह लगातार 30वां महीना है जब विनिर्माण पीएमआई 50 अंक से ऊपर रहा है। पीएमआई का 50 अंक से ऊपर रहना गतिविधियों में विस्तार जबकि 50 अंक से नीचे रहना संकुचन के रुख को दर्शाता है।जनवरी में विनिर्माण पीएमआई के उच्च स्तर पर रहने की अहम वजह मांग में सुधार होना है। इसकी वजह से नए ऑर्डर मिलने, उत्पादन, निर्यात और विनिर्माण के लिए खरीदारी और रोजगार में बढ़त देखी गयी है। साथ ही कारोबारी धारणा में भी सुधार हुआ है।
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आईएचएस मार्किट में प्रधान अर्थशास्त्री पॉलियाना डि लिमा ने कहा, ‘‘जनवरी में देश में विनिर्माण क्षेत्र में मजबूत वृद्धि दर्ज की गयी है। परिचालनात्मक परिस्थियों में जिस गति से सुधार देखा गया है, ऐसा पिछले आठ साल की अवधि में नहीं देखा गया।’’ सर्वेक्षण में कंपनियों ने माना कि नए ऑर्डर मिलने में जो मजबूती देखी गयी है वह पिछले पांच साल की अवधि में नहीं देखी गयी। इसकी प्रमुख वजह मांग का बढ़ना और ग्राहक की जरूरतों का सुधार होना है।
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कंपनियों की कुल बिक्री में विदेशी बाजारों से बढ़ी मांग की अहम भूमिका है। यह नवंबर 2018 के बाद निर्यात के नए ऑर्डरों में सबसे तेज बढ़त है। वहीं रोजगार के स्तर पर जनवरी में रोजगार गतिविधियों में भी सुधार देखा गया है। क्षेत्र में रोजगार की दर पिछले साढ़े सात साल में सबसे तेज है। बाजार को रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति जारी होने का भी इंतजार है। इसमें बाजार मांग को और बढ़ाने और आर्थिक वृद्धि को सहारा देने के उपाय किए जा सकते हैं। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक 4-6 फरवरी 2020 को होना तय है।
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