कोर्ट का JP Infra को बड़ा झटका, दिवाला समाधान प्रक्रिया 90 दिन में पूरी करने का आदेश

supreme-court-says-resolution-process-must-be-completed-within-90-days
[email protected] । Nov 6 2019 2:34PM

न्यायालय ने कहा कि ये दोनों जेपी इंफ्राटेक के लिये अंतिम बोली लगाने वालों में थे। दोनों ने पहले भी समाधान योजना पेश की थी और वे बातचीत के बाद कर्जदाताओं की समिति के समक्ष अपनी संशोधित योजना, यदि ऐसा आवश्यक हुआ, पेश करें और अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण को सौंपे।

नयी दिल्ली। जेपी समूह को बड़ा झटका लगा है। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को जेपी इंफ्राटेक लि. की कार्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया 90 दिन में पूरी करने का आदेश दिया और कहा कि परिवर्तित समाधान योजना सिर्फ एनबीसीसी और सुरक्षा रियलटी से ही मंगायी जाएगी। शीर्ष अदालत ने कहा एनसीएलटी (राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण) या एनसीएलएटी के समक्ष अंतरिम निर्देश के लिये लंबित अर्जी समेत अन्य आवेदन इन दो बोली लगाने वालों से संशोधित समाधान योजना स्वीकार करने और उस पर कार्रवाई करने के मामले में दिवाला समाधान प्रक्रिया में बाधक नहीं होगा। 

इसे भी पढ़ें: RBI ने गुजरात के मेहसाणा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर लगाया 5 करोड़ का जुर्माना

न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने कहा कि वह मकान खरीदारों, जेपी समूह और संबंधित बैंकों के साथ पूरा न्याय करने के लिये ‘असाधारण स्थिति’ में यह निर्देश दे रहे हैं। पीठ ने कहा कि हम दिवाला समाधान प्रक्रिया को कार्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया आज से 90 दिन के भीतर पूरा करने का निर्देश देते हैं। इसमें से पहले 45 दिनमें दिवाला समाधान प्रक्रिया के तहत सिर्फ सुरक्षा रियलटी और एनबीसीसी से संशोधित समाधान योजना मंगाया जा सकेगा। न्यायालय ने कहा कि ये दोनों जेपी इंफ्राटेक के लिये अंतिम बोली लगाने वालों में थे। दोनों ने पहले भी समाधान योजना पेश की थी और वे बातचीत के बाद कर्जदाताओं की समिति के समक्ष अपनी संशोधित योजना, यदि ऐसा आवश्यक हुआ, पेश करें और अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण को सौंपे।

इसे भी पढ़ें: सात कारोबारी सत्रों के बाद आई गिरावट, सेंसेक्‍स 54 अंक टूटकर 40,248 पर हुआ बंद

पीठ ने कहा कि दूसरे चरण की 45 दिन की अवधि 21 दिसंबर, 2019 से शुरू हो रही है। इसमें किसी भी तरह की कठिनाई को दूर करने और निर्णय करने वाले प्राधिकार को उचित आदेश पारित करने के लिये समय दिया गया है। पीठ ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण के फैसले के खिलाफ जेपी समूह की याचिका पर यह आदेश पारित किया। अपीलीय न्यायाधिकरण ने अपने फैसले में जेपी समूह को कर्ज में डूबी जेपी इंफ्रा लि की नीलामी प्रक्रिया में हिस्सा लेने से प्रतिबंधित कर दिया था। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने 30 जुलाई को जेपी इंफ्राटेक के लिये नयी बोलियां आमंत्रित करने की अनुमति देते हुये इसके प्रवर्तक जेपी समूह को इसमे हिस्सा लेने से प्रतिबंधित कर दिया था।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़