Sitharaman ने अरुणाचल प्रदेश सरकार से कहा, ‘क्लस्टर’ विकास का दृष्टिकोण अपनाए

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भारतीय स्टेट बैंक द्वारा यहां आयोजित एक ऋण पहुंच कार्यक्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अरुणाचल प्रदेश सरकार को सलाह दी कि वह राज्य में सूक्ष्म व लघु उद्यमों (एमएसई) की उत्पादकता तथा प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के साथ-साथ क्षमता निर्माण के लिए ‘क्लस्टर’ विकास दृष्टिकोण को एक प्रमुख रणनीति के रूप में अपनाए।

ईटानगर । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अरुणाचल प्रदेश सरकार को सलाह दी कि वह राज्य में सूक्ष्म व लघु उद्यमों (एमएसई) की उत्पादकता तथा प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के साथ-साथ क्षमता निर्माण के लिए ‘क्लस्टर’ विकास दृष्टिकोण को एक प्रमुख रणनीति के रूप में अपनाए। भारतीय स्टेट बैंक द्वारा यहां आयोजित एक ऋण पहुंच कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में आज तक एमएसएमई मंत्रालय द्वारा घोषित एक भी औद्योगिक ‘क्लस्टर’ (संकुल) नहीं है। 

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘ मैं मुख्यमंत्री पेमा खांडू से अनुरोध करती हूं कि वे राज्य में 20 जीआई-चिह्नित उत्पादों के लिए ‘क्लस्टर’ विकास का दृष्टिकोण अपनाएं। छोटे स्थानों पर ऐसे ‘क्लस्टर’, मंत्रालय द्वारा घोषित किए जा सकते हैं और ऐसे उद्यमों को वित्तपोषित करने के लिए भारतीय लघु औद्योगिक विकास बैंक (सिडबी) को जोड़ा जा सकता है।’’ ‘क्लस्टर’ उद्यमों का एक समूह है.... जो जहां तक ​​संभव हो समीपस्थ क्षेत्र में स्थित होते हैं। यह एक समान तथा समान उत्पादों व सेवाओं का उत्पादन करता है। सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय ने एमएसई को अधिक प्रतिस्पर्धी और उत्पादक बनाने में मदद करने के लिए ‘क्लस्टर’ विकास दृष्टिकोण अपनाया है। 

इस दृष्टिकोण में एमएसई की वृद्धि तथा स्थिरता का समर्थन करने के लिए सामान्य सुविधा केंद्र (सीएफसी) स्थापित करना शामिल है। सीतारमण ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में कृषि तथा संबद्ध क्षेत्रों से संबंधित लघु उद्योग विकास तथा उद्यम शुरू किए जा सकते हैं। ऋण पहुंच कार्यक्रम एक बेहतरीन मंच है, जिसके जरिये पीएम स्वनिधि, स्टैंड-अप इंडिया, किसान क्रेडिट कार्ड, पीएम मुद्रा, एनआरएलएम-एसएचजी, पीएम सूर्य घर और पीएमईजीपी जैसी योजनाएं शुरू की जा सकती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों को बैंक ऋण के जरिये लाभ पहुंचाने के लिए पहले ही 17 योजनाएं शुरू की हैं, जिनके लिए किसी तरह की गारंटी की आवश्यकता नहीं है।’’ 

वित्त मंत्री ने कहा कि पहले उद्यमियों के लिए ऋण बेहद मुश्किल था क्योंकि बैंक गारंटी चाहते थे, लेकिन 2014 में मोदी के सत्ता में आने के बाद उन्होंने जनधन योजना के तहत देश के हर परिवार का बैंक खाता खोलना अनिवार्य कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘ मोदी ने कई योजनाएं शुरू कीं जिनमें किसी गारंटी की जरूरत नहीं है और बैंक बिना कोई कागज मांगे ही ऋण दे देंगे।’’ इससे पहले, मंत्री ने एसबीआई की सीएसआर गतिविधि के तहत यहां पुलिस मुख्यालय को एक एम्बुलेंस तथा शव लाने-ले-जाने वाला एक वाहन सौंपा। साथ ही एसबीआई द्वारा दान की गई 50 साइकिल भी छात्राओं को दी गईं। 

सीतारमण ने राष्ट्रीय कृषि व ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा अपनी सीएसआर गतिविधि के तहत दान की गई वित्तीय साक्षरता के लिए दो वैन को भी हरी झंडी दिखाई। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सकीय शिविर आयोजित करने के लिए सिडबी की सीएसआर गतिविधि के तहत दान किए गए एक चिकित्सकीय वाहन को भी उन्होंने हरी झंडी दिखाई। मंत्री ने कार्यक्रम के दौरान केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत लाभार्थियों को बैंकों से स्वीकृति पत्र भी सौंपे तथा विभिन्न योजनाओं के तहत 160 लाभार्थियों को 14.41 करोड़ रुपये की ऋण राशि वितरित की। सीतारमण बाद में नामसाई गईं, जहां वह एक अन्य ऋण पहुंच कार्यक्रम में हिस्सा लेंगी और एसबीआई के क्षेत्रीय कार्यालय का उद्घाटन करेंगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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