सेबी ने सूचीबद्ध कंपनियों के लिये खुलासा नियमों में खामियों पर कड़े नियम बनाये

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[email protected] । Aug 20 2019 2:27PM

नियामक के मुताबिक ऐसी कंपनियों के मामले में जहां बोनस इश्यू के लिये शेयरधारकों की मंजूरी की आवश्यकता होती है। उन कंपनियों में निदेशक मंडल की बैठक के बाद दो माह के भीतर यदि बोनस इश्यू नहीं आता है तो जुर्माना लागू हो जायेगा।

नयी दिल्ली। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने सूचीबद्ध कंपनियों के मामले में खुलासा नियमों का उल्लंघन करने पर कड़े नियम तय किये हैं। सेबी ने कहा है कि खुलासा नियमों का अनुपालन पूरा होने तक सूचीबद्ध कंपनियों को प्रतिदिन 20 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा है कि पूंजी निर्गम और खुलासा नियमनों के कुछ प्रावधानों का अनुपालन नहीं करने पर शेयर बाजार कंपनियों पर जुर्माना लगायेंगे। सेबी ने कहा है कि यदि सूचीबद्ध कंपनियों का बोनस इश्यू कंपनी निदेशक मंडल की मंजूरी की तिथि से 15 दिन से ज्यादा देरी से आता है तो कंपनियों पर जुर्माना लगाया जायेगा। यह नियम उन कंपनियों के मामले में है जहां निदेशक मंडल की मंजूरी के बाद बोनस इश्यू के लिये शेयरधारकों की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होती है। नियामक के मुताबिक ऐसी कंपनियों के मामले में जहां बोनस इश्यू के लिये शेयरधारकों की मंजूरी की आवश्यकता होती है। उन कंपनियों में निदेशक मंडल की बैठक के बाद दो माह के भीतर यदि बोनस इश्यू नहीं आता है तो जुर्माना लागू हो जायेगा।

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नियामक ने कहा है कि बोनस इश्यू के मामले में देरी होने की स्थिति में प्रवर्तकों के हिस्से के बोनस शेयरों की सूचीबद्धता और उनमें सौदों की अनुमति जरूरी जुर्माने का भुगतान करने के बाद ही होगी। प्रवर्तकों को छोड़कर अन्य निवेशकों के हिस्से के बोनस शेयरों को सूचीबद्ध करने और उनमें सौदों की मंजूरी होगी। यह निवेशकों के हित में होगा। हालांकि, ऐसा करते समय दूसरी जरूरतों के अनुपालन को ध्यान में रखना होगा। 

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इसके अलावा आवंटन के बाद 20 दिन के भीतर शेयरों को सूचीबद्ध कराना होगा। सूचीबद्धता की मंजूरी मिलने के बाद सात दिन के भीतर उनमें सौदों के लिये शेयर बाजार को आवेदन करना होगा।इसमें असफल रहने पर कंपनी को जुर्माना देना होगा। कंपनी से मिलने वाले जुर्माने की राशि को निवेशक सुरक्षा कोष में जमा किया जायेगा। नियमों का अनुपालन नहीं करने वाली सूचीबद्ध कंपनी को शेयर बाजार नोटिस जारी कर 15 दिन के भीतर जुर्माने का भुगतान करने को कहेंगे। 

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