सेबी ने रीट्स, इनविट्स को बांडों के जरिये धन जुटाने की मंजूरी दी
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने रीट्स और इनविट्स को निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक बनाने के लिए नियमों में ढील दी। अब इन ट्रस्टों को ऋण प्रतिभूतियां या बांड जारी कर धन जुटाने की अनुमति होगी।
मुंबई। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने रीट्स और इनविट्स को निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक बनाने के लिए नियमों में ढील दी। अब इन ट्रस्टों को ऋण प्रतिभूतियां या बांड जारी कर धन जुटाने की अनुमति होगी। यह सुविधा उन रीयल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट को उपलब्ध होगी जो कि राष्ट्रीय शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होंगे।
सेबी निदेशक मंडल ने रीट्स को मूल होल्डिंग कंपनी में कम से कम 50 प्रतिशत हिस्सेदारी के निवेश की अनुमति देने के प्रस्ताव पर अंशधारकों से और विचार विमर्श करने का फैसला किया है। इसी तरह नियामक ने कम से कम 50 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली होल्डिंग कंपनी को विशेष उद्देशीय इकाई में निवेश करने की अनुमति दी है।नियामक ने निदेशक मंडल की बैठक के बाद जारी बयान में कहा कि सेबी निदेशक मंडल ने इस तरह के ट्रस्टों की वृद्धि के लिए रीट्स और इनविट्स नियमनों में संशोधन को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही सेबी ने रीट्स और इनविट्स दोनों के लिए ‘मूल्यांकक’ की परि संशोधित करने का फैसला किया है।
नियामक ने 2014 में रीट्स और इनविट्स को अधिसूचित करते हुए इस तरह के ट्रस्ट की स्थापना और सूचीबद्धता को मंजूरी दी थी। इस तरह के ट्रस्ट विकसित देशों में काफी लोकप्रिय हैं। अभी तक सिर्फ दो इनविट्स आईआरबी इनविट फंडऔर इंडियाग्रिड ट्रस्ट शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हुए हैं, जबकि एक भी रीट सूचीबद्ध नहीं हुआ है। कई तरह की रियायतों के बावजूद सूचीबद्धता नहीं हो रही है क्योंकि ये निवेशकों को आकर्षित करने में विफल रहे हैं।
रीट्स के मामले में सेबी ने रणनीतिक निवेशकों मसलन एनबीएफसी, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और अंतरराष्ट्रीय बहुपक्षीय वित्तीय संस्थानों को ऐसे ट्रस्ट के सार्वजनिक निर्गम में हिस्सा लेने की अनुमति दे दी है। इनविट्स में इस तरह के निवेशकों को पहले से मंजूरी है।
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