डीजल वाहनों पर प्रतिबंध अस्थाई चरण: अरुण जेटली
जेटली ने दिल्ली में बड़े डीजल वाहनों के पंजीकरण पर प्रतिबंध को कम कर आंकते हुए कहा कि यह अस्थाई चरण है और भारत इतना बड़ा बाजार है कि इसका कंपनियों पर विपरीत असर नहीं होगा।
तोक्यो। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिल्ली में नए बड़े डीजल वाहनों के पंजीकरण पर प्रतिबंध को कम कर आंकते हुए कहा कि यह अस्थाई चरण है और भारत इतना बड़ा बाजार है कि इसका वाहन कंपनियों पर कोई विपरीत असर नहीं होगा। जेटली रविवार को यहां निवेशकों को आकर्षित करने के लिए छह दिन की यात्रा पर आए हैं और वह मंगलवार को सुजुकी मोटर के अध्यक्ष ओसामु सुजुकी से मिलेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि भारतीय वाहन क्षेत्र बेहद सुकूनदेह स्थिति में है। यह अस्थाई चरण है जो आता रहा है और मुझे नहीं लगता है कि जितना बड़ा बाजार सुजुकी का है, उस पर कोई असर हो सकता है।’’ उनसे दिल्ली और केरल में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए 2,000 सीसी से अधिक के डीजल वाहनों पर प्रतिबंध के बाद भारत में नीतिगत अनिश्चितता के बीच सुजुकी के साथ बैठक के बारे में प्रश्न पूछा गया था।
भारत में दो लीटर (2000 सीसी) या इससे अधिक क्षमता के ईंजन वाली बड़ी डीजल कारों और स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहनों पर सबसे पहले दिसंबर में दिल्ली और आस पास के इलाकों प्रतिबंध लगाया गया था और हाल में केरल में भी यह प्रतिबंध लगा दिया गया। केरल में हालांकि इस पाबंदी पर केरल उच्च न्यायालय ने अस्थाई तौर पर रोक लगा दी। इसके मद्देनजर कुछ वाहन निर्माताओं ने योजनाएं बदल दी है। वे या तो पेट्रोल इंजन के विकल्प को अपना रहे हैं या अपेक्षाकृत छोटे इंजन वाले डीजल वाहन पेश कर रहे हैं।
मारुति सुजुकी इंडिया के अध्यक्ष आरसी भार्गव ने पिछले महीने इस प्रतिबंध को पूरी तरह मनमाना करार दिया था। उन्होंने कहा था कि कारों को प्रदूषण के मामले में इस लिए निशाना बनाया जाता है क्योंकि वे समाज के अमीर वर्ग का प्रतिनिधित्व करती हैं। उन्होंने कहा कि राजधानी के वायु प्रदूषण में कार जनित प्रदूषण केवल 2 प्रतिशत है, इसके अलावा प्रदूषणकारी पुरानी कारों के बारे में कुछ नहीं किया जा रहा है। मारुति सुजुकी देश की सबसे बड़ी कार विनिर्माता है। पेट्रोल वाहनों के बाजार में इसकी 60 प्रतिशत और डीजल वाहनों में 28 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इससे पहले इसी महीने विश्व की सबसे बड़ी वाहन कंपनी टोयोटा ने कहा कि था कि बड़ी डीजल कारों पर यह प्रतिबंध भारत की छवि के लिए बुरा है।
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