RBI ने एकल एनबीएफसी के लिए बैंक की कर्ज सीमा बढ़ाई

rbi-hikes-bank-s-limit-for-single-nbfcs
[email protected] । Sep 13 2019 11:48AM

भारतीय रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को बैंकों को किसी एक गैर - बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) के लिए कर्ज की सीमा को उसके (बैंक) उपलब्ध पूंजीगत आधार के मौजूदा 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया। इस कदम से संकट में फंसे एनबीएफसी क्षेत्र को अधिक ऋण मिलने में मदद मिलेगी और उनकी नकदी स्थिति में सुधार होगा।

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को बैंकों को किसी एक गैर - बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) के लिए कर्ज की सीमा को उसके (बैंक) उपलब्ध पूंजीगत आधार के मौजूदा 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया। इस कदम से संकट में फंसे एनबीएफसी क्षेत्र को अधिक ऋण मिलने में मदद मिलेगी और उनकी नकदी स्थिति में सुधार होगा। मौजूदा बड़े कर्ज व्यवस्था के अनुसार , बैंक किसी एक एनबीएफसी कंपनी को उसके उपलब्ध पात्र पूंजी आधार के 15 प्रतिशत तक कर्ज दे सकता है जबकि सामान्य एकल पक्ष के लिए यह सीमा 20 प्रतिशत है , जिसे असाधारण परिस्थतियों में बैंक के निदेशक मंडल द्वारा बढ़ाकर 25 प्रतिशत तक किया जा सकता है। 

इसे भी पढ़ें: SBI लाइफ इंश्योरेंस में 4.5% हिस्सेदारी बेचकर 3,465 करोड़ जुटाएगा SBI

केंद्रीय बैंक ने परिपत्र में कहा कि किसी एक एनबीएफसी (गोल्ड लोन कंपनियों को छोड़कर) के लिए बैंक की कर्ज सीमा को बढ़ाकर बैंक के पात्र पूंजी आधार के 20 प्रतिशत तक सीमित करने का फैसला किया गया है। अर्थात् बैंक अपने पूंजी आधार के 20 प्रतिशत तक का कर्ज किसी एक एनबीएफसी को दे सकते हैं। वहीं , दूसरी ओर रिजर्व बैंक ने उपभोक्ता कर्ज के लिए जोखिम भारांश आवश्यकता को घटाकर 100 प्रतिशत किया है। इससे इस तरह के कर्ज की लागत कम होगी। वर्तमान में इस तरह के कर्ज के लिए जोखिम भारांश 125 प्रतिशत है। यह छूट क्रेडिट कार्ड पर लागू नहीं होगी।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़