राशनकार्ड पोर्टेबिलिटी: पहाड़ी राज्यों में इंटरनेट समस्या पर दूरसंचार मंत्री से बात करेंगे पासवान
एक अगस्त तक इस पहल में तीन और राज्यों के शामिल होने की उम्मीद है। सरकार मार्च 2021 तक पूरे देश में इस सुविधा को पूरी तरह से लागू करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। पासवानने राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी को लागू करने से बचे हुए 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बुनियादी ढांचे की प्रगति की समीक्षा की।
बैठक में, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नागालैंड उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख और अंडमान और निकोबार ने शिकायत की कि उन्हें सभी राशन की दुकानों में बायोमेट्रिक सिस्टम-आधारित पॉइंट ऑफ़ सेल्स (पीओएस) मशीनों के उपयोग के लिए धीमे इंटरनेट कनेक्शन और खराब मोबाइल डेटा का सामना करना पड़ रहा है। मेघालय के खाद्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि धीमी इंटरनेट कनेक्टिविटी का मुद्दा राज्य में राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी के कार्यान्वयन में बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि राज्य नवंबर के अंत तक ईपीओएस मशीनें स्थापित करेगा और इसे एक दिसंबर तक पूरे राज्य में लागू किया जायेगा बशर्ते कि धीमे इंटरनेट कनेक्शन का मुद्दा सुलझ जाए। मौजूदा समय में, नागालैंड 75 राशन दुकानों में पोर्टेबिलिटी सेवा प्रदान कर रहा है। उसने भी इसी समस्या का जिक्र करते हुये कहा कि दूरदराज क्षेत्रों में इंटरनेट का उपयोग करना एक समस्या है। हालांकि, राज्य के अधिकारी अगले महीने तक इस योजना (वन नेशन, वन राशनकार्ड) को शुरु करने के लिए तैयार हैं। राज्य के अधिकारी ने बैठक में यह जानकारी दी। उत्तराखंड के अधिकारी ने कहा कि यह पहल अगस्त तक शुरू किये जाने की संभावना है। हालाँकि, अन्य राज्यों जैसे असम, छत्तीसगढ़, दिल्ली और पश्चिम बंगाल ने कहा कि वे पहल के कार्यान्वयन में बजटीय और अन्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं और इस पहल को लागू करने के लिए और समय मांगा है।अरूणाचल प्रदेश में वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के तहत काम जारी है। जल्द ही PDS पर e-PoS मशीनें लगनी शुरू हो जाएंगी। 57% आधार सिडिंग हो चुकी है। विडियो कान्फ्रेसिंग में बताया गया कि 1 जनवरी 2021 तक योजना लागू की जा सकती है। @PemaKhanduBJP pic.twitter.com/XQnABKclyZ
— Ram Vilas Paswan (@irvpaswan) June 18, 2020
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छत्तीसगढ़ ने कहा कि राज्य में नक्सल प्रभावित इलाकों में स्थित 3,000 राशन की दुकानों को कवर करना मुश्किल होगा। अन्यथा राज्य अगले दो महीनों में इस सुविधा को लागू करने की कोशिश करेगा। जम्मू और कश्मीर के एक अधिकारी ने कहा कि दक्षिण कश्मीर के जिलों को छोड़कर, केंद्र शासित प्रदेश यह सुविधा प्रदान करने के लिए तैयार है क्योंकि हाल ही में इस संबंध में किया गया परीक्षण सफल रहा था। पश्चिम बंगाल ने कहा कि चक्रवात और कोविड-19 संकट के कारण इसे लागू करने में अधिक समय लगेगा, दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि इसे सितंबर के अंत तक लागू किया जा सकेगा क्योंकि ईपीओएस मशीनों पर एक कैबिनेट प्रस्ताव लाया गया है। अब तक 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों- आंध्र प्रदेश, बिहार, दादर और नगर हवेली और दमन और दीव, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम और मिजोरम में राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी का काम हो गया है।
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