मोदी ने जर्मन कारोबारियों से भारत के युवाओं में निवेश करने का किया आग्रह
विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने सरकार द्वारा किए गए व्यापक सुधारों पर जोर दिया तथा भारत में स्टार्ट-अप और यूनिकॉर्न की बढ़ती संख्या को रेखांकित किया।’’
बर्लिन| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भारतीय एवं जर्मन उद्योगपतियों के साथ बातचीत की और उनसे भारत के युवाओं में निवेश करने का आग्रह किया। साथ ही, अपनी सरकार द्वारा किए गए सुधारों का भी उल्लेख किया।
यूरोप के तीन देशों की अपनी यात्रा के पहले चरण में सोमवार सुबह यहां पहुंचे मोदी ने जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्ज के साथ एक व्यापारिक गोलमेज बैठक की सह-अध्यक्षता की। विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने सरकार द्वारा किए गए व्यापक सुधारों पर जोर दिया तथा भारत में स्टार्ट-अप और यूनिकॉर्न की बढ़ती संख्या को रेखांकित किया।’’
उन्होंने उद्योगपतियों को भारत के युवाओं में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया। इस आयोजन में दोनों देशों की सरकारों के शीर्ष प्रतिनिधियों और दोनों पक्षों के चुनिंदा मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) ने हिस्सा लिया। इस दौरान जलवायु सहयोग, आपूर्ति श्रृंखला, अनुसंधान और विकास जैसे विषयों पर चर्चा की गई।
भारतीय व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सीआईआई अध्यक्ष एवं बजाज फिनसर्व के प्रबंध निदेशक संजीव बजाज ने किया। बाबा एन कल्याणी, सी के बिड़ला, पुनीत चटवाल, सलिल सिंघल, सुमंत सिन्हा, दिनेश खरा, सी पी गुरनानी और दीपक बागला भारतीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। जर्मन व्यापार प्रतिनिधिमंडल में सीमेंस, बीएएसएफ, बॉश, वोक्सवैगन, जीएफटी टेक्नोलॉजीज शेफ़लर और ड्यूशे बैंक के प्रतिनिधि शामिल थे। इस बीच, विदेश मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘हमारे व्यापारिक संबंधों को और प्रगाढ़ करने के तहत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ओलाफ शॉल्ज ने भारतीय तथा जर्मन कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बातचीत की।
भारत-जर्मन आर्थिक और वाणिज्यिक साझेदारी को और प्रगाढ़ बनाने के तरीकों पर चर्चा की।’’ मोदी की यह यात्रा यूक्रेन संकट के बीच हो रही है, जिसने यूरोप के अधिकांश हिस्से को रूस के खिलाफ एकजुट कर दिया है। इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी हिस्सा लिया।
इससे पहले, दोनों देशों के बीच छठे अंतर-सरकारी परामर्श की सह-अध्यक्षता के बाद शॉल्ज के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, मोदी ने कहा कि भारत युद्ध के मानवीय प्रभाव से चिंतित है और उसने यूक्रेन को सहायता प्रदान की है।
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