2025 तक 150 ड्रोन पायलट प्रशिक्षण स्कूल स्थापित करेगी ड्रोन डेस्टिनेशन : सीईओ
ड्रोन डेस्टिनेशन’ भारत का पहला रिमोट पायलट प्रशिक्षण संगठन है, जिसे विमानन क्षेत्र के नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने नए ड्रोन नियम, 2021 के तहत मान्यता भी हासिल है। यह वर्तमान में देश में छह रिमोट पायलट ट्रेनिंग स्कूल चला रहा है।
नयी दिल्ली| ड्रोन प्रशिक्षण कारोबार से जुड़ी दिल्ली की कंपनी ‘ड्रोन डेस्टिनेशन’ ने 2025 तक देशभर में ड्रोन पायलट प्रशिक्षण देने वाले कम-से-कम 150 स्कूल स्थापित करने की योजना बनाई है
’ड्रोन डेस्टिनेशन’ के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) चिराग शर्मा ने पीटीआई-से साक्षात्कार में कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में ड्रोन की बढ़ती उपयोगिता को देखते हुए ड्रोन पायलटों को प्रशिक्षण देने वाले संस्थानों की भी जरूरत बढ़ेगी। इसी जरूरत को पूरा करने के लिए अगले तीन साल में उनकी कंपनी देशभर में कम-से-कम 150 ड्रोन पायलट प्रशिक्षण केंद्र खोलने की योजना पर काम कर रही है।
शर्मा ने कहा, ‘‘हम पारिस्थितिकी तंत्र की विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने के लिए विश्वविद्यालयों, कृषि संस्थानों और पुलिस अकादमियों के साथ साझेदारी करना चाहते हैं। वर्ष 2025 तक इस उद्योग के लिए जरूरी एक लाख से अधिक व्यक्तियों को रोजगार और उद्यमिता के अवसर प्रदान करने में मददगार बनना चाहते हैं।’’ ‘
ड्रोन डेस्टिनेशन’ भारत का पहला रिमोट पायलट प्रशिक्षण संगठन है, जिसे विमानन क्षेत्र के नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने नए ड्रोन नियम, 2021 के तहत मान्यता भी हासिल है। यह वर्तमान में देश में छह रिमोट पायलट ट्रेनिंग स्कूल चला रहा है।
शर्मा ने बताया कि उनकी कंपनी चार प्रशिक्षण केंद्र इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी के सहयोग से गुरुग्राम, बेंगलुरु, ग्वालियर और धर्मशाला में संचालित कर रही है जबकि एक केंद्र संस्कारधाम ग्लोबल मिशन के सहयोग से चल रहा है।
हाल ही में चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में पंजाब का पहला ड्रोन प्रशिक्षण स्कूल खोला गया है। उन्होंने कहा कि कंपनी कोयंबटूर में हिंदुस्तान कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग और मदुरै में वैगई कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के सहयोग से अपने नेटवर्क में दो और स्कूल जोड़ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत शुक्रवार को ही भारत के दो दिन के ड्रोन महोत्सव का उद्घाटन करते हुए कहा था कि भारत में हर किसी के पास स्मार्टफोन और हर खेत में ड्रोन होना उनका सपना है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि ड्रोन प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना सुशासन और जीवन आसान बनाने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाने का एक और जरिया है।
शर्मा ने कहा, ‘‘मेरी कंपनी ने पिछले कुछ महीनों में 500 पायलटों को ड्रोन चलाने के लिए प्रशिक्षित किया है। हम आने वाले वर्ष में गुरुग्राम केंद्र से लगभग 1,500-2,000 पायलटों और अन्य स्थानों से 500 पायलटों को प्रशिक्षित करने का इरादा रखते हैं।’’
उन्होंने कहा कि ड्रोन डेस्टिनेशन की योजना 2025 तक 150 से अधिक ड्रोन केंद्रों का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करने की है जहां पर ड्रोन प्रशिक्षण के अलावा ड्रोन को किराये पर देने और ड्रोन की सेवाएं भी मुहैया कराई जाएंगी।
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