रिलायंस गैस का परिवहन करने वाली पाइपलाइन के लिये शुल्क दरों में 37% वृद्धि हुई
फिलहाल यह 52.33 रुपये प्रति यूनिट (एमएमबीटीयू) है। शुल्क की मौजूदा दर एक अप्रैल 2009 से 31 मार्च 2019 के लिये है। नयी दर पाइपलाइन की परिचालक ईस्ट वेस्ट पाइपलाइन लि. की ओर से की गयी मांग के लगभग आधे के बराबर है।
नयी दिल्ली। तेल नियामक पीएनजीआरबी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के पूर्वी अपतटीय केजी-डी6 से गैस ग्राहकों तक पहुंचाने वाली पाइपलाइन के लिये शुल्क में एक अप्रैल से 37 प्रतिशत वृद्धि को मंजूरी दी है। अंतिम शुल्क आदेश में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) ने 12 मार्च के आदेश में कहा है कि ईस्ट-वेस्ट पाइपलाइन से प्राकृतिक गैस परिवहन की लागत एक अप्रैल से प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) 71.66 रुपये होगी।
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फिलहाल यह 52.33 रुपये प्रति यूनिट (एमएमबीटीयू) है। शुल्क की मौजूदा दर एक अप्रैल 2009 से 31 मार्च 2019 के लिये है। नयी दर पाइपलाइन की परिचालक ईस्ट वेस्ट पाइपलाइन लि. की ओर से की गयी मांग के लगभग आधे के बराबर है। कंपनी ने एक अप्रैल 2018 से शुल्क दर बढ़ाकर 151.84 रुपये प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट करने की मांग की थी।
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शुल्क दर में वृद्धि से उर्वरक के साथ-साथ सीएनजी के दाम बढ़ेंगे जिसमें गैस आंध्र प्रदेश में काकीनाड़ा से गुजरात के भड़ूच तक गयी पाइपलाइ से ली जाती है। पीएनजीआरबी ने अपने 49 पृष्ठ के आदेश में लागत आकलन तथा अन्य मानदंडों के आधार पर शुल्क दरें निर्धारित की हैं। शुल्क में सूचना तथा आंकड़ों के आडिट के आधार पर संशोधन किया जाएगा।
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