नोकिया इंडिया के अधिकारी ने कहा कि भारत में दुनिया का सबसे तेज 5G रोलआउट होगा

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‘फॉरेन कॉरस्पोनडेंट क्लब’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में नोकिया इंडिया के विपणन एवं कॉरपोरेट मामलों के प्रमुख अमित मारवाह ने चीन का नाम लिए बगैर कहा कि दूरसंचार क्षेत्र में पड़ोसी देशों के ‘उपकरणों का पैठ’ बनाना चिंता का विषय है।

मोबाइल विनिर्माता कंपनी नोकिया इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि दुनिया में 5जी की सबसे तेजी से शुरुआत भारत में होगी और सरकार के समर्थन से अगली पीढ़ी की दूरसंचार सेवाओं की यह सबसे बड़ी सफलता भी होगी। ‘फॉरेन कॉरस्पोनडेंट क्लब’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में नोकिया इंडिया के विपणन एवं कॉरपोरेट मामलों के प्रमुख अमित मारवाह ने चीन का नाम लिए बगैर कहा कि दूरसंचार क्षेत्र में पड़ोसी देशों के ‘उपकरणों का पैठ’ बनाना चिंता का विषय है।

मारवाह ने कहा, ‘‘हमारे पास 5जी के लिए परिवेश तैयार है। भारत में 10 फीसदी स्मार्टफोन 5जी के अनुकूल हैं। 5जी की सबसे तेज गति से शुरुआत भारत में होगी और यह 4जी की शुरुआत की तुलना में कम से कम तीन गुना तेजी से होगी।’’ अगले कुछ वर्षों में पूरे देश में 5जी सेवा शुरू हो जाएगी। दूरसंचार सेवा प्रदाता जियो ने इसके लिए दिसंबर 2023 और भारती एयरटेल ने मार्च 2024 की समयसीमा तय की है। मारवाह ने कहा कि उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) की वजह से देश में दूरसंचार विनिर्माण को भी बढ़ावा मिला है।

उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में और विशेषकर दूरसंचार में विनिर्माण बहुत सकारात्मक तरीके से हो रहा है। हालांकि उन्होंने कहा कि इस वक्त एकमात्र चुनौती सेमीकंडक्टर की उपलब्धता की है। मारवाह ने कहा, ‘‘हम जो भी विनिर्माण करते हैं उसमें से 60-80 फीसदी वस्तुओं में सेमीकंडक्टर की जरूरत होती है। इस क्षेत्र में हमें अभी काम करने की जरूरत है। दूरसंचार क्षेत्र में पड़ोसी देशों से अब भी उपकरणों की एक तरह से घुसपैठ हो रही है इसलिए हमें और सतर्क होने की जरूरत है।’’

दूरसंचार विभाग में उप महानिदेशक (नीति) वाईजीएससी किशोर बाबू ने कहा कि अन्य देशों की तुलना में भारत में 5जी को अपनाना और क्रियान्वित करना अधिक विविधतापूर्ण रहने का अनुमान है। टेलीकॉम सेक्टर स्किल काउंसिल (टीएसएससी) में मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरविंद बाली ने कहा कि अगले कुछ वर्षों में दूरसंचार क्षेत्र में लगभग 25 लाख लोगों को उपयुक्त कौशल से लैस करना होगा, इसके अलावा अगले कुछ वर्षों में कम से कम एक लाख टेक्निशियन और इंजीनियरों की जरूरत होगी जिन्हें विशेषतौर पर 5जीके लिए प्रशिक्षण प्राप्त हो। उन्होंने कहा कि टीएसएससी उद्योग की आवश्यकता को पूरा करने के मकसद से लोगों को प्रशिक्षित करने के लिये सभी पाठ्यक्रम और डिजिटल सामग्री भी विकसित कर रहा है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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