कोरोना संकट में मनरेगा के लिए तीन लाख करोड़ रुपये का आवंटन हो: निखिल डे
सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे ने रविवार को कहा कि शहरों से ग्रामीण क्षेत्रों में श्रमिकों की वापसी के बाद बेरोजगारी के ‘भयावह संकट’ से बचने के लिए सरकार को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) के तहत मौजूदा वित्त वर्ष में कम से कम तीन लाख करोड़ रुपये का आवंटन करना चाहिए।
नयी दिल्ली। सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे ने रविवार को कहा कि शहरों से ग्रामीण क्षेत्रों में श्रमिकों की वापसी के बाद बेरोजगारी के ‘भयावह संकट’ से बचने के लिए सरकार को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) के तहत मौजूदा वित्त वर्ष में कम से कम तीन लाख करोड़ रुपये का आवंटन करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मनरेगा के तहत किसी को भी और कितने भी दिन काम करने की अनुमति मिलनी चाहिए। ‘मजदूर किसान शक्ति संगठन’ से जुड़े डे ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘बड़ी संख्या में लोग गांवों की तरफ गए हैं क्योंकि शहरों में उनके रोजगार छिन गए हैं।
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आने वाले समय में रोजगार के स्तर पर भयावह संकट पैदा हो सकता है। ग्रामीण भारत में मौजूदा समय में मनरेगा ही रोजगार का बड़ा माध्यम है और सरकर को इस पर पूरा ध्यान देना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष में मनरेगा के लिए एक लाख करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला किया है। सामान्य परिस्थिति में यह राशि उचित है, लेकिन कोरोना संकट के समय यह पर्याप्त नहीं है। सरकार को कम से कम तीन लाख करोड़ रुपये का आवंटन करना चाहिए।’’ डे के मुताबिक वर्तमान परिस्थिति में शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ ही कृषि आधारित अर्थव्यवस्था पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
सेंटर फॉर मॉनीटियरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की ओर से हाल ही में जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में 20 से 30 साल आयु वर्ग के 2 करोड़ 70 लाख युवाओं को अप्रैल में अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। उसने यह भी कहा कि 10 मई को समाप्त हुए सप्ताह में बेरोजगारी दर 24 प्रतिशत थी। बेरोजगारी की स्थिति को देखते हुए सरकार ने पिछले दिनों मनरेगा के लिए 40 हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त आवंटन की घोषणा की थी। इससे पहले बजट में सरकार ने मनरेगा के लिए 61,000 करोड़ रुपये के बजट का ऐलान किया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गत 14 मई को कहा था कि प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए मनरेगा के तहत पिछले दो महीने में 14.62 करोड़ मानव श्रम दिवस रोजगार सृजित किये गये।
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