मिस्त्री-टाटा संस विवादः NCLAT ने फैसले में संशोधन से किया इनकार
साइरस मिस्त्री-टाटा संस मामले में अपने पहले के निर्णय में संशोधन किए जाने की मांग को राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण ने खारिज कर दिया है। एलसीएलएटी ने अर्जी खारिज किए जाने के आदेश में कहा कि 18 दिसंबर 2019 के निर्णय में संशोधन किए जाने का कोई आधार नहीं बनता है।’
नई दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एलसीएलएटी) ने कंपनी पंजीयक की उस अर्जी को सोमवार को खारिज कर दिया, जिसमें न्यायाधिकरण से साइरस मिस्त्री-टाटा संस मामले में अपने पहले के निर्णय में संशोधन किए जाने की मांग की गयी थी।
National Company Law Appellate Tribunal(NCLAT) refuses to amend judgement given on 18th December in Cyrus Mistry v/s Tata Sons case, says no aspersions cast against the Registrar of Companies.
— ANI (@ANI) January 6, 2020
एलसीएलएटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय की अध्यता वाली दो सदस्यीय पीठ ने कंपनी पंजीयक (आरओसी) की अर्जी पर सुनवाई के बाद सोमवार को इसे खारिज किया। पीठ ने कहा कि उसके 18 दिसंबर 2019 के निर्णय में कंपनी पंजीयक पर कोई आक्षेप लगाया गया है।
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एलसीएलएटी ने अर्जी खारिज किए जाने के आदेश में कहा कि 18 दिसंबर 2019 के निर्णय में संशोधन किए जाने का कोई आधार नहीं बनता है।’ एलसीएलएटी ने अपने उस निर्णय में राइरस मिस्त्री को टाटा औद्योगिक घराने की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के चयरमैन पर पर बहाल करने का आदेश दिया है।
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इसमें टाटा संस को पब्लिक कंपनी से प्राइवेट कंपनी में तब्दील किए जाने को भी गलत ठहराया गया है और इस संबंध में आरओसी-मुंबई को लेकर कुछ टिप्पणियां की गयी हैं। टाटा संस 18 दिसंबर के फैसले के खिलाफ पिछले सप्ताह ही उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर चुकी है।
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