जेपी इंफ्रा दिवाला समाधान प्रक्रिया: कर्जदाता बैंकों की बैठक 28 नवंबर को होगी
रिणदाताओं की समिति के समक्ष 18 नवंबर की बैठक में एनबीसीसी और सुरक्षा रीयल्टी के वरिष्ठ अधिकारियों ने अपनी प्रस्तुती दी थी और जेपी इंफ्राटेक के पुनरुत्थान को लेकर अपनी समाधान योजना के मुख्य बिंदुओं का उल्लेख किया।
नयी दिल्ली। दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही जेपी इंफ्राटेक के लिये एनबीसीसी और सुरक्षा रीयल्टी की बोली पर आगे और विचार विमर्श के लिये कर्जदाता बैंकों की बैठक 28 नवंबर को होगी। जेपी इंफ्राटेक के अंतरित समाधान पेशेवर (आईआरपी) अनुज जैन ने नियामकीय सूचना में कहा है कि रिणदाता समिति की एक बैठक 28 नवंबर 2019 को होगी। हालांकि, बैठक के एजेंडा के बारे में कुछ नहीं बताया गया। हालांकि, सूत्रों ने बताया है कि कर्जदाता बैंकों का बोली लगाने वाली दोनों कंपनियों के साथ विचार विमर्श लगातार जारी रहेगा।
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इससे पहले इस सप्ताह रिणदाताओं की समिति (सीओसी) ने एनबीसीसी लिमिटेड और सुरक्षा रीयल्टी द्वारा सौंपी गई बोली पर चर्चा की। उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर ये बोलियां मंगाई गई। यह बोली का तीसरा दौर है। रिणदाताओं की समिति के समक्ष 18 नवंबर की बैठक में एनबीसीसी और सुरक्षा रीयल्टी के वरिष्ठ अधिकारियों ने अपनी प्रस्तुती दी थी और जेपी इंफ्राटेक के पुनरुत्थान को लेकर अपनी समाधान योजना के मुख्य बिंदुओं का उल्लेख किया।
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एनबीसीसी और सुरक्षा रीयल्टी को सीओसी की अगली 28 नवंबर को होने वाले बैठक के बाद अपनी अंतिम योजना सौंपने को कहा जा सकता है। उसके बाद समाधान योजनाओं पर मतदान की प्रक्रिया 10 दिसंबर से पहले हो सकती है। जेपी इंफ्राटेक के मामले में सीओसी में 13 बैंकों और 23,000 से अधिक मकान खरीदारों के पास मतदान का अधिकार है।खरीदारों के पास जहां 60 प्रतिशत मत हैं वहीं किसी भी बोली को मंजूरी के लिये कुल मिलाकर 66 प्रतिशत मत की जरूरत होगी।
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