जम्मू-कश्मीर सरकार 625 हेक्टेयर भूमि पर औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खेती करेगी
अधिकारियों ने कहा कि इससे 750 करोड़ रुपये मूल्य का उत्पादन होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि यह अर्थव्यवस्था, समानता और पारिस्थितिकी के सिद्धांतों पर आधारित 5,013 करोड़ रुपये की लागत वाली 29 परियोजनाओं में से एक है।
जम्मू-कश्मीर सरकार कृषि उद्योग को बढ़ावा देने के लिए625 हेक्टेयर भूमि पर औषधीय और सुगंधित पौधे (एमएपी) की खेती करेगी। अधिकारियों ने कहा कि इससे 750 करोड़ रुपये मूल्य का उत्पादन होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि यह अर्थव्यवस्था, समानता और पारिस्थितिकी के सिद्धांतों पर आधारित 5,013 करोड़ रुपये की लागत वाली 29 परियोजनाओं में से एक है।
कृषि उत्पादन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने यहां पीटीआई-को बताया, ‘‘जम्मू-कश्मीर में औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती में एक नई सुबह होने जा रही है। एमएपी की खेती के तहत 5,000 कनाल (625 हेक्टेयर) भूमि को लाया जाएगा। डुल्लू ने कहा कि इस परियोजना की उत्पादन क्षमता 750 करोड़ रुपये की है। जम्मू-कश्मीर में हिमालय के पास औषधीय और सुगंधित गुण वाले लगभग 1,123 पौधों की प्रजातियों की अपार संपदा है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान वैश्विक हर्बल व्यापार लगभग 120 अरब डॉलर का है और वर्ष 2050 तक इसके 7,000 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। डुल्लू ने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर से वर्तमान एमएपी उत्पादन केवल 2 लाख रुपये का है, क्योंकि इस क्षेत्र में बहुत कम खेती की जा रही है।
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