इस्पात कबाड़ नीति का मसौदा जारी, आयात पर निर्भरता घटाने का लक्ष्य
संगठित और वैज्ञानिक धातु कबाड़ केंद्रों के जरिये लौह कबाड़ के प्रसंस्करण और पुनर्चक्रण को प्रोत्साहित करना है। इससे भारत की आयात पर निर्भरता कम होगी और वह कबाड़ की उपलब्धता के मामले में आत्मनिर्भर बन सकेगा।’’
नयी दिल्ली। सरकार ने इस्पात कबाड़ नीति का मसौदा जारी किया है। इसका उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाले लौह कबाड़ की उपलब्धता बढ़ाकर आयात पर निर्भरता को कम करना है। इस्पात मंत्रालय ने इस्पात कबाड़ नीति के मसौदे पर अंशधारकों से 14 जुलाई तक टिप्पणियां मांगी हैं। इसका मकसद इस्पात क्षेत्र में संसाधन दक्षता को बढ़ावा देना है। इस्पात कबाड़ नीति का मसौदा कहता है, ‘‘नीति का लक्ष्य लौह कबाड़ के लिए पर्यावरण की दृष्टि से ठोस प्रबंधन प्रणाली स्थापित करना है।
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इसमें संगठित और वैज्ञानिक धातु कबाड़ केंद्रों के जरिये लौह कबाड़ के प्रसंस्करण और पुनर्चक्रण को प्रोत्साहित करना है। इससे भारत की आयात पर निर्भरता कम होगी और वह कबाड़ की उपलब्धता के मामले में आत्मनिर्भर बन सकेगा।’’
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मंत्रालय के 28 जून, 2019 को जारी मसौदे के अनुसार उसके द्वारा नियुक्त कोई एजेंसी या कोई अन्य अधिकृत सांविधिक निकाय को यह सुनिश्चित करना होगा कि नीति का क्रियान्वयन अत्याधुनिक पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकियों के जरिये किया जाए और यह इस बारे में लागू कानून, नियम और नियमनों के अनुरूप हो।
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