सरकार की सफाई पड़ी बेअसर! कोरोना वायरस पर सख्त नियम से इंडस्ट्री नाखुश
बता दे कि वर्कप्लेस पर कोरोना वायरस के संक्रमण मिलने से अब कंपनियों के सीनियर मैनेजमेंट को निशाना बनाया जा रहा है। इससे इंडस्ट्री के अंदर एक डर बैठ गया है। इसी को देखते हुए सरकार ने बुधवार को एक प्रावधान लागू किया।
नई दिल्ली। आज कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में अपना जाल बीछा रखा है। पूरी दुनिया इस खतरनाक वायरस का शिकार हो चुका है। घर हो या ऑफिस ये वायरस हर जगह तेजी से फैलता जा रहा है। इसी बीच वर्कप्लेस पर कोरोना वायरस के मामले मिलने से कंपनियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बता दे कि वर्कप्लेस पर कोरोना वायरस के संक्रमण मिलने से अब कंपनियों के सीनियर मैनेजमेंट को निशाना बनाया जा रहा है। इससे इंडस्ट्री के अंदर एक डर बैठ गया है। इसी को देखते हुए सरकार ने बुधवार को एक प्रावधान लागू किया। होम मिनिस्ट्री के मुताबिक अगर ऐसा कोई मामला आता है तो एग्जिक्यूटिव्स पर एक्शन लेने का प्रावधान 'एहितयात' के तौर पर जोड़ा जाएगा , साथ ही दंड तभी दिया जाएगा जब ये साबित हो जाए कि कंपनी ने कोरोना वायरस से बचने के नियमों में लापरवाही की है या नहीं। सरकार ने कंपनियों को आश्वासन देते हुए कहा कि इस प्रावधान से किसी को डरने की जरूरत नहीं है, वो भी ऐसे वक्त में जब दूसरे लॉकडाउन से जुड़े प्रतिबंधों में धीरे-धीरे ढील देने पर जोर दिया जा रहा है।
सरकार ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल्स पर ट्वीट करके यह जानकारी दी है। वहीं बिजनेस लीडर्स का कहना है कि इस स्थिति को और समझने की जरूरत है। बजाज ऑटो के एमडी राजीव बजाज ने कहा कि सरकार द्वारा दिए गए इस प्रावधान से मामला अभी साफ नहीं हुआ है , इसे और साफ करने की जरूरत है। बजाज के मुताबिक किसी भी एंप्लॉयर को जज उसके कदमों के आधार पर किया जाना चाहिए न कि नतीजों के आधार पर। उन्होंने कहा कि अगर एक एंप्लॉयर को मास्क नहीं दिया जाए या वह बस में ज्यादा लोगों को बिठा दिया गया हो ता वह एक दोषी हो सकता है वहीं अगर एक एंप्लॉयर खुद मास्क लगाना नहीं चाहता है या बस में दूसरे के साथ करीब बैठा हो या सोश्ल डिस्टेसिंग का पालन नहीं करता है तो वह दोषी नहीं हो सकता।
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वहीं टीवीएस मोटर के चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन सरकार के इस प्रावधान से संतुष्ट नजर आए। उनके मुताबिक सरकार के इस प्रावधान से इस बात की संतुष्टी है कि कंपनियों को प्रताड़ित नहीं किया जाएगा।
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