सरकार की इच्छा का सम्मान करते हुए इंडिगो ने कर्मचारियों का वेतन काटने का फैसला लिया वापस
देश में कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये 25 मार्च से ‘लॉकडाउन’ (बंद) है। सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक उड़ानें इस दौरान निलंबित हैं। इसके परिणामस्वरूप भारतीय विमानन उद्योग की आय पर बुरा असर पड़ा है।
नयी दिल्ली। इंडिगो के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रोनोजॉय दत्ता ने बृहस्पतिवार को कर्मचारियों से कहा कि एयरलइन ने वेतट में कटौती के निर्णय को वापस ले लिया है। उन्होंने कहा यह निर्णय सरकार की उस अपील पर किया गया है जिसमें उसनेकंपनियों सेकर्मचारियों के वेतन मेंकटौती नहीं करने की बात की गयी है। कंपनी ने पहले वरिष्ठ कर्मचारियों के अप्रैल महीने के वेतन में कटौती की घोषणा की थी। दत्ता ने ई-मेल में कर्मचारियों से कहा है, ‘‘हालांकि हमारी कार्यकारी समिति के सदस्य और वरिष्ठ उपाध्यक्षों ने स्वेच्छा से इस महीने वेतन कम लेने का फैसला किया है। अन्य सभी कर्मचारी अप्रैल महीने का पूरा वेतन पाने की उम्मीद कर सकते हैं।’’
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देश में कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये 25 मार्च से ‘लॉकडाउन’ (बंद) है। सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक उड़ानें इस दौरान निलंबित हैं। इसके परिणामस्वरूप भारतीय विमानन उद्योग की आय पर बुरा असर पड़ा है। पीटीआई के पास उपलब्धई-मेल की प्रति के अनुसार, दत्ता ने कहा है ‘‘ बंद के दौरान कर्मचारियों का वेतन नहीं काटे जाने की सरकार की इच्छा का सम्मान करते हुए हमने पूर्व में अप्रैल महीने के वेतन में कटौती की घोषणा को लागू नहीं करने का फैसला किया है।’’ दत्ता ने 19 मार्च को घोषणा की थी कि कोरोना वायरस महामारी और बंद को देखते हुए एयरलाइन अपने वरिष्ठ कर्मचारियों के वेतन में कटौती करने जा रही है और वह स्वयं 25 प्रतिशत कम वेतन लेंगे।
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उन्होंने कहा था कि वह स्वयं 25 प्रतिशत कम वेतन लेंगे जबकि वरिष्ठ उपाध्यक्ष (एसपीवी) और उसके ऊपर के अधिकारी 20 प्रतिशत, उपाध्यक्ष (वीपी) और चालक दल (कॉकपिट) के सदस्य 15 प्रतिशत कम वेतन लेंगे। सहायक उपाध्यक्ष (एवीवी), डी बैंड के कर्मचारी और चालक दल के अन्य सदस्य (केबिन क्रू) 10 प्रतिशत तथा बैंड सी के अंतर्गत आने वाले कर्मचारी 5 प्रतिशत कम वेतन लेंगे।
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