चीन को पछ़ाड़कर भारत दुनिया का कारखाना बनने के काफी करीब : आनंद महिंद्रा
हम दक्षिण कोरिया की तुलना में 73 गुना सस्ते हैं... मेरा मानना है कि भारत के पास शानदार तरीके से उछाल और उड़ान भरने के लिये पर्याप्त ऊर्जा है।’’ उद्योगपति ने मंच पर भारत के बढ़ते कद का पूरा फायदा उठाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया एक ऐसे चरण में है जहां चीन की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को खतरे की नजर से देखा जा रहा है। वहीं भारत को चीन के लिये संतुलन स्थापित करने वाले देश के रूप में देखा जा रहा है। आज कई देश हमें लुभा रहे हैं।’’ महिंद्रा ने कहा कि भारत की विदेश नीति बेहतरीन रही है और देश ने यूक्रेन संकट को अच्छी तरह से संभाला है। उन्होंने कहा कि भारत उन कुछ देशों में से एक है जिनकी अर्थव्यवस्था और तेल आपूर्ति प्रभावित नहीं हुई है।
महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने शुक्रवार को कहा कि भारत दुनिया के कारखाने के रूप में चीन की जगह ले सकता है और इसके लिये उसे एक ‘छलांग’ भर लगाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश की महत्वाकांक्षाओं पर संदेह और कोविड के बाद आपूर्ति श्रृंखला बाधित होना भी देश के पक्ष में गया है। महिंद्रा एंड महिंद्रा की सालाना आम बैठक में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए उन्होंने ‘पोल वॉल्ट’ का उदाहरण दिया। इसमें सफल छलांग लगाने के लिये कई चीजों को साथ लाने की आवश्यकता होती है। महिंद्रा ने कहा कि यह तुलना ‘आज के समय में और भी अधिक उपयुक्त है क्योंकि भारत छलांग (पोल वॉल्ट) लगाने के लिये तैयार है।’ उन्होंने कहा, ‘‘हम अच्छी तरह से इसके लिये तैयार हैं। जब कई देश मंदी की ओर बढ़ रहे हैं, तब भारतीय अर्थव्यवस्था सात प्रतिशत की दर से आगे बढ़ रही है।’’
महिंद्रा ने कहा कि चीन के साथ भू-राजनीतिक तनाव कई विनिर्माताओं को भारत आने के लिये सोचने पर मजबूर कर रहा है, लेकिन यह एकमात्र कारण नहीं है। अर्थशास्त्र भी इसमें शामिल है। भारत में वास्तव में दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले विनिर्माण लागत सबसे सस्ती है। यह आश्चर्य की बात नहीं है, एप्पल, सैमसंग, बोइंग और तोशिबा जैसी बड़ी कंपनियों ने अपनी विनिर्माण गतिविधियों का एक बड़ा हिस्सा भारत में स्थानांतरित कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘यह सिर्फ पश्चिमी देशों की बात नहीं है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि भारत में दूसरा सबसे बड़ा निवेशक सिंगापुर है। हम दुनिया में कारखाने के रूप में चीन की जगह लेने में सक्षम होने के बहुत करीब हैं।’’ महिंद्रा ने कहा, ‘‘चीन की महत्वाकांक्षाओं पर संदेह और कोविड के बाद आपूर्ति श्रृंखला बाधित होना भी भारत के पक्ष में काम किया है। और हम इसका लाभ उठाने की स्थिति में हैं।
हमने विश्व बैंक के ‘लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक’ पर अपनी स्थिति में बड़े पैमाने पर सुधार किया है। हमने बुनियादी ढांचे पर जो जोर दिया है, उसका लाभ मिल रहा है।’’ महिंद्रा ने कहा कि आज दुनिया डिजिटल रूप से काम कर रही है, इसीलिए भारत डिजिटल बुनियादी ढांचे के मामले में अच्छी स्थिति में है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में एक जीबी मोबाइल डेटा की कीमत प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे कम है...। मोबाइल इंटरनेट की कीमत भी यही है। हम दक्षिण कोरिया की तुलना में 73 गुना सस्ते हैं... मेरा मानना है कि भारत के पास शानदार तरीके से उछाल और उड़ान भरने के लिये पर्याप्त ऊर्जा है।’’ उद्योगपति ने मंच पर भारत के बढ़ते कद का पूरा फायदा उठाने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया एक ऐसे चरण में है जहां चीन की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को खतरे की नजर से देखा जा रहा है। वहीं भारत को चीन के लिये संतुलन स्थापित करने वाले देश के रूप में देखा जा रहा है। आज कई देश हमें लुभा रहे हैं।’’ महिंद्रा ने कहा कि भारत की विदेश नीति बेहतरीन रही है और देश ने यूक्रेन संकट को अच्छी तरह से संभाला है। उन्होंने कहा कि भारत उन कुछ देशों में से एक है जिनकी अर्थव्यवस्था और तेल आपूर्ति प्रभावित नहीं हुई है।
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