स्पेक्ट्रम की ऊंची कीमत, नेटवर्क की लागत दूरसंचार उद्योग के लिए चुनौती: एयरटेल
मित्तल ने बताया कि अभी भारत में प्रति दूरसंचार ग्राहक औसत आय (एआरपीयू) मात्र 1.5 डॉलर है। अमेरिका में यह 36 डॉलर और चीन में 6.5 डॉलर है।
नयी दिल्ली। स्पेक्ट्रम की ऊंची कीमत और नेटवर्क लगाने की लागत कर्ज के बोझ से दबे दूरसंचार उद्योग के समक्ष एक बड़ी चुनौती है। इंडिया मोबाइल कांग्रेस-2019 को सोमवार को संबोधित करते हुए भारती एंटरप्राइजेज के वाइस चेयरमैन राकेश भारती मित्तल ने यह बात कही। मित्तल ने कहा कि देश में उच्च गति की ब्रॉडबैंड सेवा के लिए आप्टिकल फाइबर बिछाने की लागत का 75 प्रतिशत स्थानीय प्राधिकरणों द्वारा लिया जाने वाला शुल्क होता है।
इसे भी पढ़ें: जियोफाइबर ने लांच किया 699 का सबसे सस्ता प्लान, मुफ्त में मिलेगी यह सारी सुविधा
उन्होंने कहा कि स्पेक्ट्रम का मौजूदा आरक्षित मूल्य वैश्विक स्तर पर अन्य देशों की तुलना में करीब सात गुना है। स्पेक्ट्रम के ऊंचे मूल्य तथा उसके साथ साइटों और फाइबर के लिए अधिक निवेश करने की जरूरत से दूरसंचार उद्योग प्रभावित है। मित्तल ने बताया कि अभी भारत में प्रति दूरसंचार ग्राहक औसत आय (एआरपीयू) मात्र 1.5 डॉलर है। अमेरिका में यह 36 डॉलर और चीन में 6.5 डॉलर है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भारत में कंपनियों को इन देशों के समान ही निवेश करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि मुकदमेबाजी से भी दूरसंचार क्षेत्र प्रभावित है। करीब एक लाख करोड़ रुपये के मामले मुकदमेबाजी में फंसे हैं।
अन्य न्यूज़