सरकारी योजनाओं की मदद से झींगा उत्पादन में हाथ आजमा रहीं हरियाणा की महिलाएं

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हरियाणा राज्य की महिलाएं उन सरकारी योजनाओं की मदद से झींगा उत्पादन कर रही हैं जिनमें गैर-परंपरागत या वैकल्पिक खेती को बढ़ावा दिया जाता है। सिरसा जिले की वीरपाल कौर ने 2016-17 में सफेद झींगे की खेती 2.5 एकड़ भूमि में शुरू की थी।

हरियाणा राज्य की महिलाएं उन सरकारी योजनाओं की मदद से झींगा उत्पादन कर रही हैं जिनमें गैर-परंपरागत या वैकल्पिक खेती को बढ़ावा दिया जाता है। सिरसा जिले की वीरपाल कौर ने 2016-17 में सफेद झींगे की खेती 2.5 एकड़ भूमि में शुरू की थी। अब पूरा परिवार यही काम करने लगा है और यह परियोजना 50 एकड़ क्षेत्र में फैल गई है। कौर ने बताया, ‘‘खारा पानी कृषि के लिए बहुत खराब माना जाता है लेकिन झींगा उत्पादन के लिए तो यह अमृत समान है।’’

अकेले सिरसा जिले में ही कई किसान झींगा उत्पादन कर रहे हैं, इसकी खेती करीब 5,000 एकड़ में होती है। इस व्यवसाय में अनेक महिलाएं आ गई हैं। हाल में एक सरकारी बयान में कहा गया था, ‘‘प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) की लाभांवित वीरपाल कौर की तरह उसी गांव की छह अन्य महिलाओं ने भी सफेद झींगे के उत्पादन का काम शुरू कर दिया है।’’ पीएमएमएसवाई के तहत अनुसूचित जाति की महिलाओं को 60 प्रतिशत सब्सिडी जबकि सामान्य वर्ग की महिलाओं को 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है।

कौर के पति ने बताया सफेद झींगा लेने के लिए ओेडिशा, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और कुछ अन्य राज्यों के खरीदार उनके यहां आते हैं। इसका अमेरिका, कनाडा, रूस और अन्य देशों में निर्यात भी होता है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत हरियाणा में सफेद झींगे की खेती 2014-15 में शुरू हुई थी। 2021-22 के दौरान 1,250 एकड़ क्षेत्र में 2,900 टन झींगे का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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