सरकार ने गैर यूरिया उर्वरक पर बढ़ाई सब्सिडी, राजकोष पर आएगा 22,875.5 करोड़ का बोझ
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को कहा कि सरकार ने सल्फर उर्वरक पर सब्सिडी बढ़ाकर 3.56 रुपये प्रति किलो करने का निर्णय किया है। अन्य गैर-यूरिया उर्वरकों नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश के लिये समर्थन में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उर्वरकों के संतुलित उपयोग को बढ़ावा देने के लिये यह कदम उठाया गया है।
नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को कहा कि सरकार ने सल्फर उर्वरक पर सब्सिडी बढ़ाकर 3.56 रुपये प्रति किलो करने का निर्णय किया है। अन्य गैर-यूरिया उर्वरकों नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश के लिये समर्थन में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उर्वरकों के संतुलित उपयोग को बढ़ावा देने के लिये यह कदम उठाया गया है। मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक के बाद सूचना और प्रसारण मंत्री जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 में गैर-यूरिया उर्वरकों के लिये कुल सब्सिडी 22,875.5 करोड़ रुपये होगी।
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उन्होंने कहा कि यूरिया की खपत देश में अधिक है। लेकिन एनपीकेएस भी कृषि के लिये महत्वपूर्ण है। सरकार इन पोषक तत्वों के लिये भी सब्सिडी देती है। आज हमने इस साल के लिये सल्फर पर सब्सिडी 2.72 रुपये किलो से बढ़ाकर 3.56 रुपये किलो की है। गैर-यूरिया उर्वरकों नाइट्रोजन (एन), फास्फोरस (पी) और पोटाश (के) की सब्सिडी में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिये नाइट्रोजन पर 18.90 रुपये प्रति किलोग्राम, फॉस्फोरस पर 15.11 रुपये,पोटाश पर 11.12 रुपये तथा गंधक पर 3.56 रुपये प्रति किलोग्राम सब्सिडी जारी रहेगी। जावड़ेकर ने कहा कि 2019-20 के दौरान इन उर्वरकों की सब्सिडी का राजकोष पर कुल 22,875.50 करोड़ रुपये का बोझ पड़ने का अनुमान है। एक बयान में केंद्र ने कहा कि एनपीकेएस सब्सिडी दरें अधिसूचना की तारीख से प्रभावी होंगी।तब तक सब्सिडी दरें 2018- 19 की दर पर ही रहेंगी।
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