सरकार का बड़ा ऐलान, अब 10 सरकारी बैंक मर्ज होकर 4 बैंक बनेंगे
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की बड़े पैमाने पर घोषणा करते हुए कहा कि यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक आफ कामर्स का पंजाब नेशनल बैंक में विलय किया जायेगा। इस विलय के बाद पीएनबी दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन जायेगा।
नयी दिल्ली। सरकार ने देश में विश्वस्तर के मजबूत और बड़े बैंक बनाने तथा सुस्त पड़ती आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये शुक्रवार को बड़ी घोषणायें की।इसके तहत सार्वजनिक क्षेत्र के दस बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने का फैसला किया गया।इस विलय के बाद सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 12 रह जाएगी। सरकार ने बैंकों की संचालन व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिये उनके निदेशक मंडल को अधिक स्वायत्तता देने की दिशा में भी कदम उठाये हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की बड़े पैमाने पर घोषणा करते हुए कहा कि यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक आफ कामर्स का पंजाब नेशनल बैंक में विलय किया जायेगा। इस विलय के बाद पीएनबी दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन जायेगा। इसी प्रकार, केनरा और सिंडिकेट बैंक का विलय होगा जबकि यूनियन बैंक आफ इंडिया, आंध्रा बैंक और कार्पोरेशन बैंक का आपस में विलय होगा।इंडियन बैंक का इलाहाबाद बैंक में विलय किया जायेगा।
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वित्त मंत्री ने कहा कि 2017 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या 27 थी लेकिन प्रस्तावित विलय के बाद इन बैंकों की संख्या घटकर 12 रह जायेगी।इससे पहले, दो बार बैंकों के विलय हुए हैं। सबसे पहले भारतीय स्टेट बैंक में उसके पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का विलय किया गया और उसके बाद बैंक आफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक का विलय किया गया। सरकार का मानना है कि बैंकों के विलय से उनका कारोबार ठीक होगा और कर्ज देने की उनकी क्षमता बेहतर होगी। सीतारमण ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बैंक विलय के बाद पंजाब नेशनल बैंक का कारोबार आकार 17.95 लाख करोड़ रुपये जबकि शाखाओं की संख्या 11,437 हो जाएगी।वह भारतीय स्टेट बैंक के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक होगा।
वहीं सिंडिकेट बैंक के विलय के बाद केनरा बैंक 15.20 लाख करोड़ रुपये के कारोबार और 10,324 शाखाओं के साथ देश का चौथा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बनेगा।उसके बाद आंध्रा बैंक और कार्पोरेशन बैंक के विलय से यूनियन बैंक आफ इंडिया 14.59 लाख करोड़ रुपये के कारोबार और 9,609 शाखाओं के साथ पांचवां सबसे बड़ा बैंक होगा। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद बैंक के इंडियन बेंक में विलय के बाद वह 8.08 लाख करोड़ रुपये के कारोबार के साथ सातवां सबसे बड़ा बैंक बनेगा और उसकी दक्षिण में अच्छी-खासी संख्या में शाखाएं होगी। वित्त मंत्री ने कहा कि बैंक आफ इंडिया और सेंट्रल बैंक के साथ ही इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक, बैंक आफ महाराष्ट्र तथा पंजाब एंड सिंध बैंक पूर्व की तरह काम करते रहेंगे। इन बैंकों की अपनी मजबूत क्षेत्रीय स्थिति है।
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वित्त मंत्री ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के संचालन व्यवस्था में सुधारों की भी घोषणा की है।उन्होंने कहा कि उनके निदेशक मंडलों को स्वायत्तता दी जाएगी और वे उत्तराधिकार योजना बना सकेंगे। बैंक निदेशक मंडल को स्वतंत्र निदेशकों की बैठक में शामिल होने को लेकर राशि तय करने की भी छूट दी जाएगी।गैर-आधिकारिक निदेशकों की भूमिका स्वतंत्र निदेशकों के अनुरूप होगी। उन्होंने कहा, ‘‘प्रबंधन को निदेशक मंडल के प्रति जवाबदेह बनाने के लिये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की निदेशक मंडल की समिति महाप्रबंधक और प्रबंध निदेशक समेत शीर्ष अधिकारियों के कामकाज का आकलन करेगी।’’ विलय के बाद निदेशक मंडल को व्यापार की जरूरतों के तहत मुख्य महाप्रबंधक स्तर के अधिकारी बनाने की छूट होगी। साथ ही वे मुख्य जोखिम अधिकारी नियुक्त कर सकेंगे। अच्छी प्रतिभा को आकर्षित करने के लिये वे उसे बाजार से जुड़े पारितोषिक देने की पेशकश कर सकते हैं।
सरकार आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये कदम उठा रही है।सीतारमण ने पिछले सप्ताह करों में कटौती, बैंकों तथा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में नकदी में सुधार, वाहन और बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर सरकार का खर्च बढ़ाने और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की वापसी में तेजी जैसे उपायों की घोषणा की थी। उसके बाद सरकार ने कोयला खनन, अनुबंध विनिर्माण, एकल खुदरा ब्रांड और डिजिटल मीडिया में विदेशी निवेश के नियमों को उदार बनाया।
#WATCH live from Delhi: Finance Minister Nirmala Sitharaman addresses the media https://t.co/aoZpd0Cd05
— ANI (@ANI) August 30, 2019
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