Inflation| भारत में खाद्य पदार्थों की कीमत में आया इजाफा, थोक मुद्रास्फीति बढ़कर पहुंची 1.84 फीसदी
सितंबर में थोक मूल्य सूचकांक में वृद्धि खाद्य पदार्थों, खाद्य उत्पादों, अन्य विनिर्माण, मोटर वाहनों, ट्रेलरों और अर्ध-ट्रेलरों के विनिर्माण, मशीनरी और उपकरणों के विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण हुई। प्राथमिक वस्तुओं के लिए थोक मूल्य सूचकांक अगस्त के 194.9 से सितंबर में 0.41 प्रतिशत बढ़कर 195.7 हो गया।
भारत की थोक मूल्य मुद्रास्फीति सितंबर माह में 1.84 प्रतिशत रही है। ये आंकड़े केंद्र सरकार ने जारी किए है। इसका मुख्य कारण खाद्य वस्तुओं और कुछ विनिर्माण क्षेत्रों की कीमतों में वृद्धि है। अगस्त में थोक महंगाई दर 1.31 फीसदी और जुलाई में 2.04 फीसदी रही। सितंबर महीने में थोक महंगाई दर में महीने-दर-महीने के आधार पर बदलाव अगस्त के मुकाबले 0.06 फीसदी रहा।
सितंबर में थोक मूल्य सूचकांक में वृद्धि खाद्य पदार्थों, खाद्य उत्पादों, अन्य विनिर्माण, मोटर वाहनों, ट्रेलरों और अर्ध-ट्रेलरों के विनिर्माण, मशीनरी और उपकरणों के विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण हुई। प्राथमिक वस्तुओं के लिए थोक मूल्य सूचकांक (WPI) अगस्त के 194.9 से सितंबर में 0.41 प्रतिशत बढ़कर 195.7 हो गया। अगस्त की तुलना में सितंबर में खनिजों (1.83 प्रतिशत), गैर-खाद्य वस्तुओं (1.31 प्रतिशत) और खाद्य वस्तुओं (0.86 प्रतिशत) की कीमतों में वृद्धि हुई।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त की तुलना में सितंबर में कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की कीमतों में (-5.74 प्रतिशत) गिरावट आई। ईंधन और बिजली का सूचकांक अगस्त के 148.1 (अनंतिम) से सितंबर में 0.81 प्रतिशत घटकर 146.9 (अनंतिम) हो गया। बिजली की कीमत (1.34 प्रतिशत) बढ़ी और खनिज तेलों की कीमत (-1.72 प्रतिशत) घटी। कोयले का सूचकांक सितंबर में 135.6 (अनंतिम) पर स्थिर रहा।
विनिर्मित उत्पादों का सूचकांक अगस्त के 141.6 (अनंतिम) से 0.14 प्रतिशत बढ़कर सितम्बर में 141.8 (अनंतिम) हो गया। कुछ महत्वपूर्ण समूह जिनके मूल्यों में माह-दर-माह वृद्धि देखी गई, वे हैं खाद्य उत्पादों का विनिर्माण; अन्य विनिर्माण; अन्य गैर-धात्विक खनिज उत्पाद; कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक और ऑप्टिकल उत्पाद; पहनने वाले परिधान आदि। जिन समूहों की कीमतों में कमी देखी गई उनमें मूल धातुओं का विनिर्माण, वस्त्र, मोटर वाहन, ट्रेलर और अर्ध-ट्रेलर, रसायन और रासायनिक उत्पाद, मशीनरी और उपकरण को छोड़कर निर्मित धातु उत्पाद आदि शामिल हैं।
प्राथमिक वस्तु समूह से 'खाद्य वस्तुएँ' और विनिर्मित उत्पाद समूह से 'खाद्य उत्पाद' से युक्त WPI खाद्य सूचकांक अगस्त में 193.2 से बढ़कर सितंबर, 2024 में 195.3 हो गया। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, WPI खाद्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की वार्षिक दर अगस्त में 3.26 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर में 9.47 प्रतिशत हो गई। WPI थोक व्यापारियों द्वारा अन्य कंपनियों के साथ थोक में बेची और कारोबार की जाने वाली वस्तुओं की कीमतों में बदलाव को मापता है।
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